(वनभैंसा-News-01) – उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में नहीं है कोई भी वनभैंसा | वन विभाग के अधिकारियों ने गाँव के पालतू भैंसों को 30 – 30 हजार में खरीदा है और वनभैंसा घोषित कर दिया है |
रायपुर | गरियाबंद जिले के उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बहुत ही सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है जहा पर वन विभाग के द्वारा गाँव के पालतू भैंसों को 30 – 30 हजार में खरीदा गया है और राजकीय पशु वनभैंसा घोषित कर दिया है | राजकीय पशु वनभैंसा के नाम पर खरीदी बिक्री का खेल कई सालो से खेला जा रहा है | वनभैंसा छत्तीसगढ़ राज्य का राजकीय पशु है पर उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के अधिकारी राजकीय पशु वनभैंसा को खरीदी बिक्री का सामान बना लिए है | यह बात बहुत अचरज भरा लग रहा होगा पर उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा ऐसा ही कारनामा किया जा रहा है |
पूरा मामला यह है की उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में एक भी वन भैंसा नहीं है इसलिए शासन से जादा बजट नहीं मिल पा रहा है शासन से बजट प्राप्त करने के लिए वन विभाग के अधिकारी उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के गाँवों के पालतू भैंसों को 30 – 30 हजार रुपये में खरीद कर लाते है और उक्त पालतू भैंसों को वनभैंसा घोषित कर दिया जाता है , उसके बाद वनभैंसा के नाम पर शासन से लाखो रूपये बजट की मांग किया जाता है | इस प्रकार से पालतू भैंस के बच्चो को वनभैंसा घोषित कर शासन से बजट की मांग करने का खेल कई सालो से वन विभाग के अधिकारी खेल रहे है |
वन विभाग के अधिकारी इस प्रकार से कई सालो से शासन से ठगी करते आ रहे है | वन विभाग के इस कारनामे को हरिभूमि समाचार पत्र ने 29 अगस 2021 को समाचार प्रकाशित कर उजागर किया है और बताया है की उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में वनभैंसा नहीं है वो पालतू भैंस है जिसे वन विभाग के अधिकारी ग्रामीणों से खरीदते है और वन भैंसा घोषित कर देते है | प्रकाशित समाचार में बताया गया है की वनभैंसा के डी एन ए रिपोर्ट में पालतू भैंसा होने का रिपोर्ट आया है | इससे साफ़ पता चल रहा है की वन विभाग के द्वारा गाँव के पालतू भैंसों को 30 – 30 हजार में खरीदा गया है और राजकीय पशु वनभैंसा घोषित कर दिया है जबकि वास्तविकता यह है की उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में कोई भी वन भैंसा नहीं है जो है वह फर्जी वनभैंसा है |
क्या कहते है अधिकारी-
“मैं पता करता हु की क्या मामला है अगर ऐसी बात होगी तो संबंधितो पर कार्यवाही किया जाएगा | “
पी.वी. नरसिम्हा राव- PCCF वन्यप्राणी , रायपुर