आरटीआई के द्वारा व्याख्याता केशरी कश्यप की खुली पोल, दाखिल खारिज मे हुआ बड़ा झोल* *रिपोर्ट:-नागेश्वर मोरे जिला संवाददाता सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़ गरियाबंद*
*आरटीआई के द्वारा व्याख्याता केशरी कश्यप की खुली पोल, दाखिल खारिज मे हुआ बड़ा झोल*
*रिपोर्ट:-नागेश्वर मोरे जिला संवाददाता सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़ गरियाबंद
*देवभोग:-**देवभोग के हाई स्कूल में पदस्थ मुंगझर निवासी केशरी कश्यप पिता घासीराम कश्यप के दाखिल खारिज कि जानकारी आरटीआई के माध्यम से मिलते ही खुल गई पोल। ये सनसनीखेज खबर दाखिल खारिज मे पाया गया,ओवरराइटिंग से नौकरी की बढ़ गई 5साल की अवधि शासन को लग सकता है 60 लाख चूना। दाखिल खारिज पंजी वर्ष व दिनांक 01/07/1969 है परंतु केशरी कश्यप का दाखिल खारिज क्रमांक 277 दिनांक व वर्ष 11/08/1972 होना कूटरचना को दर्शाता है। जो कि वर्ष 01/07/1969 को काटकर लिखा साफ नजर आ रहा है। जबकि दाखिल क्रमांक 275 से 276 व 278 से शेष विद्यार्थी का दाखिल वर्ष 01/07/1969 है। दाखिल खारिज सीरियल क्रमांक 275 से 277 वर्ष ओवरराइटिंग किया गया है।केशरी कश्यप के जन्म तिथी 07/08/1967 के 7 में ओवरराटिंग किया गया साफ नजर आ रहा है। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि केशरी कश्यप पिता घासीराम कश्यप जाति महरा का दाखिल खारिज अनुसार जन्म तिथि 07/08/1967 है इनका सगा छोटा भाई विभीषण पिता घासीराम का जन्म तिथि 17/02/1968 है अतः दोनों भाई के जन्म तिथि मे लगभग 05 माह 25 दिन का अंतर है। प्राकृतिक रूप से एक मां के दो बच्चे या तो जुड़वां हो सकते हैं या फिर 10 माह के अंतर मे जन्म ले सकते हैं।दाखिल खारिज के अनुसार देखे तो जन्म होने के प्राकृतिक नियम तक को बदलना कूटरचना के इस खेल को साफ-साफ दर्शाता है। केशरी कश्यप के जन्म तिथि को बढ़ाने से नौकरी अवधि 5 वर्ष अतिरिक्त हो जाने से उन्हें 50 से 60 लाख रूपये का वेतन अतिरिक्त प्राप्त होगी। यदि देखा जाये तो शासन के नियमानुसार पहली कक्षा में दाखिल होने के लिए 05 वर्ष होना आवश्यक है। यदि केशरी कश्यप का जन्म 07/08/1967 है 01/07/1969 शाला मे दाखिल होता है तो क्या 02 वर्ष का बच्चा जो मां के गोद मे रहता है वह कैसे चल कर स्कूल जायेगा। इसलिए 01/07/1969 को काट कर 10/08/1972 किया गया है जो कूटरचित है। केशरी कश्यप से 03 से 04 वर्ष छोटे अन्य भाई रिस्तेदार सेवानिवृत्त होने वाले हैं लेकिन केशरी कश्यप का 4 से 5 साल बाद सेवानिवृत्त होना किसी जादू से कम नहीं। संदेहास्पद कि दाखिल खारिज के कालम माह में अगस्त वर्ष 1969 अंकित है। जबकि निचे माह 07 (जुलाई) अंकित है जो कि ओवरराइटिंग कर कूटरचित किया गया है। शा.उ.मा.शाला देवभोग मे केशरी कश्यप व्याख्याता के रुप में पदस्थ है, उक्त शाला प्रमुख द्वारा भी गोपनीय जानकारी कह कर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी नहीं देना भी संदेह को जन्म देता है। पदोन्नति सूची 2021 के 3142 सिरीयल नंबर के अनुसार इनका पदोन्नति अ.ज.जा (एसटी) के श्रेणी में होना भी संदेहास्पद व किसी चमत्कार से कम नहीं है।