स्फटिक की मूर्ति की पूजा करने से धन समृद्धि में वृद्धि होती है : इंदुभवानंद
सुबह 11 से 12 बजे के बीच मंत्रोच्चारण के साथ घट तथा ज्योति कलश स्थापित किये जायेंगे।
जगद्गुरु शंकराचार्य आश्रम बोरियाकला रायपुर में स्थापित भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर में आज नवरात्रि के प्रथम दिन 18 मार्च को सुबह 11 से 12 बजे के बीच मंत्रोच्चारण के साथ घट स्थापित तथा ज्योति कलश स्थापित किये जायेंगे साथ ही नवरात्रि के व्रत का संकल्प लिया जाएगा। आश्रम प्रमुख ब्रह्मचारी डॉ इंदुभवानंद जो खुद प्रकांड वेद व संस्कृत के ज्ञाता हैं साथ ही ज्योतिषाचार्य उन्होंने बताया कि स्फटिक मणि के विग्रह का पूजन करने से भगवती अपने भक्तों को 9 रत्नों से उन्हें भर देती है जिससे उन्हें धन, समृद्धि, वैभव की प्राप्ति होती है। ब्रह्मचारी डॉ इंदुभवानंद ने बताया कि नवरात्रि के प्रथम दिवस सांय 5 बजे से रात 12 बजे के मध्य भगवती राजराजेश्वरी की विशेष पूजार्चना होगी जिसमें प्रमुख रूप से 1008 कमल के पुष्प से पूजन किया जाएगा तथा महाआरती सम्पन्न होगी। तत्पश्चात उपस्थित भक्तों को चरणामृत के साथ फल प्रसाद वितरित किये जायेंगे। आगे उन्होंने यह भी बताया कि 24 मार्च की रात्रि महा निशा पूजन होगी तथा 25 मार्च दिन रविवार को हवन, कन्या पूजन व कन्या भोज के साथ महा भंडारे का आयोजन किया गया है। इसकी जानकारी शंकराचार्य आश्रम के समन्वयक व प्रवक्ता सुदीप्तो चटर्जी ने दी।