गरियाबंद जिले का एक ऐसा गांव जहां छत्तीसगढ़ के वीर सपूतों के नाम से जाना जाता है

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संवाददाता नागेश्वर मोरे देवभोग गरियाबंद जिले का एक ऐसा गांव जहां छत्तीसगढ़ के वीर सपूतों के नाम से जाना जाता हैरिपोर्ट:- नागेश्वर मोरे देवभोग गरियाबंदगरियाबंद :- गरियाबंद जिला मुख्यालय से 5 किमी दूरी पर बसे इस गांव में लगभग 300 परिवार रहते हैं. 500 से ज्यादा युवाओं में अभी 85 से ज्यादा युवा सरकार के सुरक्षा विभाग, पुलिस, सीआरपीएफ एवं फ़ौज के विभिन्न शाखाओं में पदस्थ है। जिले ही नहीं प्रदेश का यह पहला गांव है जहां बच्चे के जवान होने से पहले परिवार के लोग देशभक्ति का जज्बा इनके दिलो में भर देते हैं। 100 से ज्यादा युवा अब भी फ़ौज व पुलिस की तैयारी में जुटे हैं, जी हां हम बात कर रहे हैं गरियाबंद जिले के सढोंली गांव का इस गांव की बात कही जाए तो हर घर मे से एक जवान अपनी सेवा देश के लिए समर्पित है गाँव छोटा जरूर है पर यहाँ रहने वाले बच्चो से लेकर बूढे तक देश की सेवा करने की बात कहते है, इस गाँव से कइयों जवान शहीद भी हो चुके हैं फिर भी गाँव के लोग या शहीद परिवार कभी नही डरे कहते हैं देश की सेवा करते अगर हमारे बच्चे वीरगति को प्राप्त करते हैं तो हमे ओर हमारे गाँव सढोंली और गरियाबंद जिले को गर्व महसूस करते हैं कि हम ऐसे शेर जवानों को जन्म दिया है इस गाँव मे हमने देखा कि हर कोई के दिलो में देश भक्ति का एक अलग जज्बा है जो पैदा होते ही देश के लिए मर मिटने का सपना देखते हैं, जिस शहीद स्मारक के पास खड़े हैं वो एक शहीद जवान भृगन्दन चौधरी जी का हैं जो नक्सली मुड़भेड़ में अपने शरीर मे 6 गोली लगने के बाद भी 8 नक्सलियों को मार कर वीरगति को प्राप्त किये थे ऐसे जवानों को दिल से सलाम है।

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