पवित्र पुत्रदा एकादशी श्री जगन्नाथ मंदिर में किया गया महा आरती 84 गांव के हृदय स्थल श्री जगन्नाथ मंदिर अमलीपदर में हुआ भव्य पूजन
संवाददाता कृष्ण कुमार त्रिपाठी जिला उपब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ पवित्र पुत्रदा एकादशी श्री जगन्नाथ मंदिर में किया गया महा आरती 84 गांव के हृदय स्थल श्री जगन्नाथ मंदिर अमलीपदर में हुआ भव्य पूजनमैनपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम अमलीपदर जिसे धर्म नगरी के नाम से भी क्षेत्र में जाना जाता है आज 84 गांव के हृदय स्थल जगन्नाथ मंदिर पवित्र पुत्रदा एकादशी में जगन्नाथ मंदिर में महाप्रभु जगन्नाथ जी भव्य आरती किया गया ज्ञात हो आप सभी को पवित्र श्रावण मास चल रहा है और आज संजोग बना हरि हर का एक साथ पूजन का आज विशेष दिवस बना आज क्योंकि आज श्रावण सोमवार का अंतिम सोमवार है और आज ही पवित्र पुत्रदा एकादशी है जोकि हरिहर का एक साथ पूजन का महत्व भी बताता है क्योंकि नारायण एवं महादेव में किसी प्रकार की भिन्नता नहीं है इस अवसर पर श्री जगन्नाथ मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य रामानुज युवराज पांडे जी द्वारा आज महाप्रभु का विशेष रुप से साज सज्जा सिंगार किया गया एवं महाप्रभु का दिव्य स्वरूप श्रद्धालुओं को दर्शन का लाभ प्राप्त हुआ आज इस पवित्र पुत्रदा एकादशी हुए भगवान का श्री जगन्नाथ मंदिर अमलीपदर में भव्य पूजा पाठ एवं महाआरती हुआ क्षेत्र के समस्त कालिया भक्त महा आरती में सम्मिलित होकर के भगवान श्री जगन्नाथ जी से आशीर्वाद प्राप्त किया गया आचार्य जी से प्रेस वार्ता में बताया गया की पवित्र श्रावण मास में पडने वाली पवित्र पुत्रदा एकादशी मनोरथ को पूर्ण करने वाली व्रत है इसके करने मात्र से भगवान श्री जगन्नाथ भक्तों के समस्त को मनोरथ को पूर्ण करते हैं तथा ऐश्वर्या बल बुद्धि एवं संतान प्रदान करते हैं समस्त पापों को नष्ट कर देने वाली पुण्य व्रत है जो 1 वर्ष में पड़ने वाला 24 एकादशी निरंतर रहता है उसके समस्त मनोरथ पूर्ण होते हैं एवं वह अर्थ धर्म काम मोक्ष प्राप्त करता है श्री जगन्नाथ जी की कृपा से इस प्रकार श्री जगन्नाथ मंदिर अमलीपदर में हर एकादशी को महाप्रभु का नव भेष महाआरती होता है जिसका दर्शन मात्र से समस्त पाप क्षण मात्र में ही नष्ट हो जाते हैं