बड़ी संख्या में पहुंचे कथावाचक युवराज पांडेय जी के अनुयायी, ‘बोल कालिया’ के धुन पर निकली शिष्यों की टोली जहां हुआ था अपमान वही हुआ सम्मान
संवाददाता कृष्ण कुमार त्रिपाठी जिला उपब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़
जहां हुआ था अपमान, वहीं हुआ सम्मान: बड़ी संख्या में पहुंचे कथावाचक युवराज के अनुयायी, ‘बोल कालिया’ के धुन पर निकली शिष्यों की टोली, बदसलूकी के खिलाफ संतों ने की कार्रवाई और माफी की मांग। पुरी जाते वक़्त ओडिशा के जिस जगह पर कथावाचक युवराज से दुर्व्यवहार हुआ था. आज गाजे-बाजे के साथ उसी जगह पर सम्मान हुआ. कथावाचक पुरी से लौट आए हैं. 200 से भी ज्यादा की संख्या में अनुयायी शामिल हुए. इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी.दरअसल, शनिवार को कालाहांडी के काशीबहाल में अमलीपदर निवासी कथावाचक आचार्य युवराज पांडेय का रास्ता रोक कर उनसे चोर के शक में दुर्व्यवहार किया गया था. रास्ता रोकने वाले 100 की संख्या में थे. उस दुर्व्यवहार से छत्तीसगढ़ भर में मौजूद कथावाचक अनुयायियों में जबरदस्त आक्रोश था. बाबा के अपमान करने वालों पर कार्रवाई को लेकर दुर्ग, बस्तर, गुंडरदेही समेत 6 जिले में 15 से ज्यादा थानों में ज्ञापन सौपा गया था. राष्ट्रीय संत सुरक्षा परिषद ने भी कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में आन्दोलन की चेतावनी दी है मामले को लेकर प्रदेश और ओडिशा में तनाव का माहौल बना हुआ है, लेकिन इसी तनाव के बीच आज 200 से भी ज्यादा अनुयायी और शिष्यों की भीड़ काशिबहाल के उसी स्थान पर कथावाचक को रोक उनका आत्मीय स्वागत कर शक्ति प्रदर्शन भी किया. शंख और बाजा के धुन में शिष्यों की टोली ‘बोल कालिया’ के धुन पर थिरकते हुए काशीबहाल से धर्मगढ़ नगर तक कथावाचक का शोभायात्रा निकाली निकाली गई. स्थिति को देखते हुए धर्मगढ़ एसडीओपी धीरज चोपदार पूरे समय बल के साथ तैनात रहे.इस दौरान अनुयायियों ने एसडीओपी के समक्ष ज्ञापन सौंप अपमान के बदले माफी मांगने और उपद्रवियों पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की.समस्त क्षेत्रवासियों के लिए अत्यंत खुशी का खबर यह है कि आचार्य जी जब क्रिया ग्राम पहुंचे तो वहां के ग्राम के वासियों ने उन्हें श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ करने के लिए नारियल प्रदान किए तत्पश्चात जैसा ही महाराज जी देवभोग में कदम रखे समस्त क्षेत्र वासी महाराज जी को श्री राम कथा के लिए नारियल भेंट किए और उड़ीसा से अमलीपदर श्री मंदिर पहुंचते तक महाराज जी का मार्ग में हर घर रोक करके उनका चंदन गुलाल से पूजा अर्चना किया और अपने बीच निराले संत को देख कर के प्रसन्नता पूर्वक खुशी से झूम पड़े पड़े