नहर नाली की अब तक सफाई नहीं, सफाई नही करने के कारण नहर के अंतिम छोर तक पानी पहुँच पाना मुश्किल
रिपोर्ट नागेश्वर मोरे देवभोग
गरियाबंद जिले के अधिकतर नहर नाली का मानसून से पहले सफाई नहीं कराया गया है। नहरों में सफाई व मरम्मत न कराए जाने से इस साल टेल (नहर के अंतिम छोर) तक पानी पहुंचना मुश्किल होगा। इससे किसानों में आक्रोश है।
गरियाबंद जिले के अधिकतर नहर नाली का मानसून से पहले सफाई नहीं कराया गया है। ऐसे में बारिश के बाद दिक्कत होगी। नहरों में सफाई व मरम्मत न कराए जाने से इस साल टेल (नहर के अंतिम छोर) तक पानी पहुंचना मुश्किल होगा। इससे किसानों में आक्रोश है। गौरतलब है कि हर साल सिंचाई विभाग द्वारा नहरों की सफाई कराई जाती है, लेकिन ज्यादातर नहरों की सफाई नहीं की गई है। ऐसा हाल जिले के देवभोग ब्लाक के ज्यादातर छोटे-छोटे नहर व नालो की है। हालांकि कुछेक बड़े नहर की सफाई हुई है, वो भी नाममात्र गई है। गरियाबंद जिले के अंतर्गत देवभोग,मैनपुर,अमलीपदर क्षेत्र के छोटे-छोटे नहर के दोनों तरफ घास, झाड़ियों, नहर की सफाई नहीं हुई। इससे आने वाले दिनों में हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जाएगा। खेतों में पानी भर जाने से फसल प्रभावित होता है, वहीं खेतों में भरा पानी निकालने के लिए किसानों को खासी मशक्कत करनी पड़ेगी।
नहर-नाली की सफाई की जरूरत
*नहर नाली की अब तक सफाई नहीं, सफाई नही करने के कारण नहर के अंतिम छोर तक पानी पहुँच पाना मुश्किल* *रिपोर्ट नागेश्वर मोरे देवभोग* गरियाबंद जिले के अधिकतर नहर नाली का मानसून से पहले सफाई नहीं कराया गया है। नहरों में सफाई व मरम्मत न कराए जाने से इस साल टेल (नहर के अंतिम छोर) तक पानी पहुंचना मुश्किल होगा। इससे किसानों में आक्रोश है। गरियाबंद जिले के अधिकतर नहर नाली का मानसून से पहले सफाई नहीं कराया गया है। ऐसे में बारिश के बाद दिक्कत होगी। नहरों में सफाई व मरम्मत न कराए जाने से इस साल टेल (नहर के अंतिम छोर) तक पानी पहुंचना मुश्किल होगा। इससे किसानों में आक्रोश है। गौरतलब है कि हर साल सिंचाई विभाग द्वारा नहरों की सफाई कराई जाती है, लेकिन ज्यादातर नहरों की सफाई नहीं की गई है। ऐसा हाल जिले के देवभोग ब्लाक के ज्यादातर छोटे-छोटे नहर व नालो की है। हालांकि कुछेक बड़े नहर की सफाई हुई है, वो भी नाममात्र गई है। गरियाबंद जिले के अंतर्गत देवभोग,मैनपुर,अमलीपदर क्षेत्र के छोटे-छोटे नहर के दोनों तरफ घास, झाड़ियों, नहर की सफाई नहीं हुई। इससे आने वाले दिनों में हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जाएगा। खेतों में पानी भर जाने से फसल प्रभावित होता है, वहीं खेतों में भरा पानी निकालने के लिए किसानों को खासी मशक्कत करनी पड़ेगी। नहर-नाली की सफाई की जरूरत बताया जा रहा है कि सिंचाई विभाग द्वारा बरसात से पहले नहरों की सफाई व सिल्ट निकालने का काम किया जाता है। बड़ी-बड़ी घास के कारण नहर में पानी का बहाव कम हो जाता है। इससे टेल एरिया को पानी नहीं मिल पाता। इसे लेकर किसानों ने नाराजगी जताते हुए विभाग से नहरों की सफाई की मांग कर रहे है। इसके बावजूद नहर की सफाई नहीं कराई गई है। वर्तमान में बड़ी बड़ी झाड़िया घास फूंस नहर में उग आई है। अधिकारी व कर्मचारियों की उदासीनता के चलते ऐसा बार-बार होता है।बताया जा रहा है कि सिंचाई विभाग द्वारा बरसात से पहले नहरों की सफाई व सिल्ट निकालने का काम किया जाता है। बड़ी-बड़ी घास के कारण नहर में पानी का बहाव कम हो जाता है। इससे टेल एरिया को पानी नहीं मिल पाता। इसे लेकर किसानों ने नाराजगी जताते हुए विभाग से नहरों की सफाई की मांग कर रहे है। इसके बावजूद नहर की सफाई नहीं कराई गई है। वर्तमान में बड़ी बड़ी झाड़िया घास फूंस नहर में उग आई है। अधिकारी व कर्मचारियों की उदासीनता के चलते ऐसा बार-बार होता है।