बेलाट नाला के पुल से 3 फीट ऊपर बह रहा पानी, 36 गांव से टूटा संपर्क*
*बेलाट नाला के पुल से 3 फीट ऊपर बह रहा पानी, 36 गांव से टूटा संपर्क*रिपोर्ट:- नागेश्वर मोरे देवभोग गरियाबंददेवभोग-गरियाबंद जिले के देवभोग ब्लॉक के बेलाट नाला इस समय उफान पर है देवभोग केंद्र से 36 गांव संपर्क से वंचित हो चुके हैं। बावजूद इसके शासन-प्रशासन अब तक किसी भी प्रकार का नाला को बनाने में ध्यान नहीं दे रहे हैं। 15 साल भाजपा के शासनकाल में इस नाले को ध्यान नहीं दिया गया, अभी वर्तमान में कांग्रेस की शासनकाल का 3 वर्ष पूरे होने के बावजूद इस नाले को भूमि पूजन करके छोड़ दिया गया है निर्माण अब तक शुरू नहीं हुआ। यही वह नाला है जिसके लिए 36 गांव का देवभोग केंद्र से संपर्क हर साल टूट जाता है इस नाले के उस पार 36 गांव को भाजपा का गढ़ भी कहा जाता है। अगर इस नाले का निर्माण जल्द से जल्द नहीं होगा तो हर साल देवभोग मुख्यालय से संपर्क टूटता रहेगा। जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा नदी पार से रोजाना देवभोग काम पर आने वाले लोग, स्कूली बच्चे, शिक्षक भी ब्लॉक मुख्यालय नहीं पहुंच सकते हैं। बेलाट नाला में पानी ज्यादा होने के कारण विद्यार्थियों नदी नाला को पार कर नही आ पाते है,अभी वर्तमान में स्कूल,कॉलेज में एडमिशन चल रहा है, जिसके लिए विभिन्न प्रकार के दस्तावेज बनाने पड़ रहे हैं जैसे जाति प्रमाण पत्र,आय प्रमाण पत्र,निवास प्रमाण पत्र, अन्य दस्तावेज बनाने को भारी दिक्कतो का सामना करना पड़ता। 36 गाँव से सम्पर्क टूट जाती है। दहीगांव,दबनई,कोदोबेडा,खोकसरा,डूमरबहाल,फूलीमुड़ा,कोसमकानी,निष्टिगुड़ा, दबनई, नुआगुड़ा बरहि,जामगांव,झिरीपानी,मानकीगुडा,दीवानमुडा,झाखरपारा,दरलीपारा,केंदूवन,माहुलपारा,अमाड,उसरिपानी,भेरिगुड़ा,सेन्दमुड़ा,सूपेबेडा,पुरनापानी,कुम्हड़ीखुर्द,कुम्हड़ीकला,धावनबेडा, करलागुड़ा, जामगांव, धूमामुड़ा, तांडीपारा,खमारगुड़ा,समेत अन्य गाँव की सम्पर्क टूट जाती है। जब मीडिया टीम बेलाट नाली के पास कवरेज करने गई, तब उस समय*मौके पर मुआयना करने हेतु देवभोग अनुविभागीय अधिकारी टी.आर.देवांगन मौजूद थे एवं बेलाट नाला में पानी ज्यादा है इसलिए पुलिस की ड्यूटी भी लगाई गई है और लोगों को बेलाट नाला पार करने को मना किया जा रहा है।**किया कहते है मा.भागीरथी मांझी जी भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष अ.ज.जा ने कहा-*कि कांग्रेस के नेता और नेत्री नारियल नींबू मिर्ची पकड़ कर बेलाट नाला में पूल बनाने का श्रेय लेते ऐसे दिख रहे थे, जैसे बारिश में मेंढक दिख जाते हैं लेकिन जनता की अरमान बेलाट नाला में बह गए।