भारत के भारत रत्न’ काव्य ग्रंथ के भव्य लोकार्पण कार्यक्रम में जयपुर की कवियित्री सुखमिला अग्रवाल’भूमिजा’ जी को ‘काव्य रत्न ‘ सम्मान से सम्मानित किया गया
संवाददाता कृष्ण कुमार त्रिपाठी अमलीपदर जिला उपब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ हिन्दी भवन दिल्ली में सम्पन्न हुआ ,’भारत के भारत रत्न’ काव्य ग्रंथ के भव्य लोकार्पण कार्यक्रम में जयपुर की कवियित्री सुखमिला अग्रवाल’भूमिजा’ जी को ‘काव्य रत्न ‘ सम्मान से सम्मानित किया गया ।विशेष सुख की अनुभूति के साथ सुखमिला अग्रवाल जी को पद्मश्री श्याम सिंह शशि जी तथा अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त साहित्य जगत की जानी मानी वरिष्ठ साहित्यकारा आदरणीया इंद्रा मोहन जी के हस्ताक्षरित पुस्तक की प्रति प्राप्त हुई। यह सम्मान देश विदेश की 150 महान विभूतियों के साथ प्रदान किया गया।दिनांक 15 मई 2022 को दिल्ली स्थित हिन्दी भवन में महा काव्य ग्रंथ ,’भारत के भारत रत्न’ का भव्य लोकार्पण एवं सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ।इस महान ग्रंथ के सम्पादक डा. राजीव कुमार पाण्डे जी एवं संकलन कर्ता श्री ओंकार त्रिपाठी जी हैं।इस भव्य कार्यक्रम में देश विदेश के 150 साहित्यकारों को ,’काव्य रत्न’ सम्मान से सम्मानित किया गया।दीप प्रज्वलन व सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुदर्शन चैनल के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक एवं एडिटर इन चीफ श्री सुरेश चव्हाण जी ने इस ग्रंथ को राष्ट्रीय अस्मिता का ग्रंथ बताते हुए कहा कि यह केवल ग्रंथ नहीं, बल्कि राष्ट्रीय धरोहर है,इससे भारत की आने वाली पीढ़ी को हमारे देश की महान विभूतियों को काव्यात्मक रुप में पढ़ने का अवसर मिलेगा।इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त साहित्यकार पद्म श्री डा. श्याम सिंह ‘शशि’ हिंदी साहित्य के इतिहास में यह कार्य अपने आप में अनूठा है। विशिष्ट अतिथि और नागरी लिपि परिषद के महामंत्री डा हरिसिंह पाल जी ने कहा कि इस विशाल ग्रंथ में 215 उत्कृष्ट रचनाकारों ने सृजन किया जो अभी तक अछूता है।विशिष्ट अतिथि और हिंदी अकादमी दिल्ली के सचिव डा जीतराम भट्ट जी ने इस महाग्रंथ को कावेरी ग्रंथ की संज्ञा देते हुए कहा कि इसे भारत की प्रत्येक लाइब्रेरी में होना चाहिए।विशिष्ट अतिथि अध्यक्ष दिल्ली हिंदी साहित्य डा इंदिरा मोहन ने इसे अभूतपूर्व ग्रंथ बताया। तालियों वह जय श्रीराम के उद्घोष के साथ इसका लोकार्पण हुआ, तत्पश्चात देश के कोने कोने से आये 150 साहित्य कारों को अंग वस्त्र, सम्मान पत्र और ग्रंथ भेंटकर सम्मानित किया गया।संस्था के संस्थापक एवं अध्यक्ष डा राजीव कुमार पाण्डे जी ने शानदार संचालन करते हुए सभी अतिथियों वह श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, संस्था की कोषाध्यक्ष अनुपमा पाण्डेय जी ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।