नक्सलियों पर महिलाओं ने हंसिया से किया हमला, ऐसे बचाई सिपाई की जान

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दंतेवाड़ा/नकुलनार.बहन के घर नवाखाई खाने गए एक आरक्षक की हत्या करने पहुंचे सशस्त्र नक्सलियों पर करीब 50-60 महिलाओंने हंसिया और टंगिया से हमला कर दिया। नतीजतन नक्सलियों को मौके से भागना पड़ा। यह पहला मौका है जब राज्य में महिलाअों ने नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। घटना दंतेवाड़ा जिले में कुआकोंडा थाने के हितावर गांव की है।

जानकारी के मुताबिक कुआकोंडा थाने में पदस्थ भीमाराम कुंजाम पास के हितावर गांव में अपनी बहन के घर नवाखाई खाने गया था। वह बहन के घर पहुंचकर वह बैठा ही था कि ग्रामीण वेशभूषा में पिस्टल और धारदार हथियार लेकर नक्सली पहुंचे। नक्सलियों ने उसकी कनपटी पर पिस्टल लगाकर फायर कर दिया, लेकिन गोली नहीं चली। आरक्षक भीमराम भी जांबाजी दिखाते हुए नक्सलियों से भीड़ गए और पिस्टल छीन लिया। इसके बाद नक्सलियों ने चाकू से भीमाराम पर हमला कर दिया। तभी मौके पर गांव की 50- 60 महिलाओं ने कुल्हाड़ी और हंसिया सेर नक्सलियों पर धावा बोल दिया। इससे कारण नक्सलियों को जन बचाकर भागना पड़ा। हालांकि नक्सलियों के हमले में भीमा के पैर में चोट आई है। यह जिले में पहला मौका है जब किसी गांव की महिलाओं ने नक्सलियों का विरोध किया है।

दो साल पहले छोड़ा शराब, वरना आज मारा जाता : भीमाराम
भीमाराम बेड़मा में कोटवार था। नक्सलियों से परेशान होकर वह आंध्रप्रदेश भाग गया था। इस बीच भीमा के पिता की नक्सलियों ने हत्या कर दी। वहां से वापस आने के बाद पुलिस के पास पहुंचा। साल 2009 में एसपीओ के रुप में पदस्थ हुआ। भीमा ने बताया कि पहले वह शराब पीने का आदी था। लेकिन दो सालों से उसने शराब छोड़ रखी है। गांव जाते ही वह चाय पीने बैठा वैसे ही नक्सली उसके पास आ खड़े हुए। भीमा ने बताया कि यदि वह शराब पी लिया होता तो शायद आज वह यह जांबाजी नहीं दिखा पाता।
नक्सलियों से पिस्टल छिनने पर मिला 10 हजार का इनाम
एसपी कमलोचन कश्यप ने भीमाराम और महिलाओं के साहस की प्रशंसा की है। उन्होंने नक्सलियों से पिस्टल छीनने वाले भीमा को 10 हजार रुपए का पुरस्कार दिया। यह वही पिस्टल है, जिसे नक्सलियों ने कुआकोंडा के पूर्व टीआई विवेक शुक्ला की हत्या के बाद लेकर भाग गए थे।

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