जेल में गुमसुम हनीप्रीत, पुलिस के 40 सवालों में से ज्यादातर पर साधे रही चुप्पी!

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हरियाणा पुलिस की एसआईटी ने गिरफ्तारी के बाद गुरमीत राम रहीम की राजदार हनीप्रीत से लगातार सवाल कर रही है. इसी सिलसिले के तहत हरियाणा और पंजाब पुलिस गुरुवार को उसे और सुखदीप को लेकर बठिंडा की नई बस्ती की गली नंबर 5 के उस मकान में पहुंची, जहां पर हनीप्रीत को रखा गया था. वहीं शुक्रवार को पुलिस हनीप्रीत को सिरसा डेरे पूछताछ के लिए ले जा सकती है. वहीं हरियाणा पुलिस का कहना है कि हनीप्रीत पूछताछ में कोई सहयोग नहीं कर रही है. अगर वह ऐसा ही करती रही तो वे कोर्ट से उसकी रिमांड बढ़ाने के लिए अपील करेंगे और ज़रूरत पड़ी तो उसका नार्को टेस्ट भी कराएंगे.

वहीं आपको बता दें कि हरियाणा पुलिस को एक हार्ड डिस्क मिली है, जिसमें गुरमीत राम रहीम की 700 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी और हवाला कारोबार की पूरी डिटेल है. ये हार्ड डिस्क एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) को सौंपी जाएगी. डेरा सच्चा सौदा के अलग-अलग इलाकों में रेड के दौरान ये हार्ड डिस्क बरामद की गई है और इस हार्ड डिस्क को जलाकर डैमेज करने की कोशिश भी की गई थी. इसके बावजूद पुलिस ने हार्ड डिस्क को रिकवर कर लिया है. इससे डाटा निकालने में भी सफलता हासिल कर ली है. इस हार्ड डिस्क में ये पूरी डिटेल है कि डेरा सच्चा सौदा की ओर से किसे कितनी रकम दी गई और कितने रुपए कहां पर इन्वेस्ट किए गए.

वहीं गुरुवार को हनीप्रीत और सुखदीप को लेकर पुलिस भवानीगढ थाने में पहुंची. हनीप्रीत की गिरफ्तारी के बाद एसआईटी की टीम ने उससे 40 सवाल किए. इनमें से 13 सवालों पर तो हनीप्रीत चुप रही जबकि ज्यादातर का जवाब गोलमोल मिला. 3 अक्टूबर को हनीप्रीत की गिरफ्तारी के बाद से ही आईजी ममता सिंह, पंचकूला के पुलिस कमिश्नर एएस चावला, डीसीपी मनबीर सिंह और दूसरे पुलिस अधिकारियों उससे पूछताछ कर रहे हैं.

वहीं पुलिस कमिश्नर एएस चावला का कहना है कि हनीप्रीत से पूछताछ हो रही है. जरूरत के हिसाब से हम उसे हर जगह ले जाएंगे. हमें हनीप्रीत की 6 दिन की रिमांड मिली है. अभी तक के पूछताछ में हनीप्रीत बहुत कुछ नहीं बताया है.

हालांकि उसने यह जरूर कबूला है कि वह WhatsApp कॉल से वह डेरे के कई लोगों से संपर्क में थी. इस बीच फरार चल रहे प्रवक्ता आदित्य इंसां और पवन इंसां से भी उसका संपर्क हुआ है. साथ ही कहा कि वह देशद्रोही नहीं है, बल्कि उसे खुद को सुरक्षित रखने के लिए अपने ठिकाने बदलने पड़े.

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