स्वच्छता अभियान की आड़ में नरेन्द्र मोदी ने की अपनी ब्रांडिंग – भूरिया
रतलाम। केन्द्र एवं प्रदेश की भाजपा की सरकार ने अपनी घटती लोकप्रियता एवं लोकसभा एवं विधानसभा के दौरान देश व प्रदेश की जनता के साथ किए गए चुनावी वादों को पूरा न कर पाने एवं जनता को गुमराह करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के दिवंगत महापुरूषों को भूला कर अपने जन्मदिन के अवसर पर स्वच्छता अभियान का कार्यक्रम का लागु कर तथा गुजरात में सरदार सरोवर बाँध का लोकार्पण कर अपनी ब्रांडिंग कर जनता की कमाई का करोड़ो रूपया बर्बाद किया है। देश का हर नागरिक चाहता है किवह स्वयं स्वच्छ रहे एवं अपने घर एवं मोहल्ले को भी स्वच्छ रखे किंतु केन्द्र की सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर पूरे देश में स्वच्छता अभियान चलाकर जो कार्य किया है उससे ना तो देश स्वच्छ हो पाएगा। आज देश में कई लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन व्यापन कर रहे है न तो उनके पास तन ढकने के लिए कपड़े है और न ही रहने के लिए मकान। केन्द्र और राज्य की सरकार ने उन अधिकारियों के माध्यम से स्वच्छता अभियान चलाने की कोशिश की है जिनमे से अधिकांश लोग अपने नौकरों एवं अधिनस्थों के बल पर अपना जीवन व्यापन कर रहे है। ऐसे में यह जन अभियान मात्र ओपचारिकता बन कर रह गया है। कई जगह तो अधिकारियों ने केवल झाडु लेकर मीडिया के सामने फोटो खींचा कर इतिश्री की। आयेाजन के लिए ओपचारिकता निभाने अधिकारी, कर्मचारी एवं भाजपा पार्टी के नेता व जनप्रतिनिधि एकत्रित हो गए तथा वे केवल झाडु लेकर फोटो खिंचवाने में ही मशगुल रहे। कई जगह तो बड़े अधिकारी दो-दो तीन-तीन घंटे विलंब से पहुँचे इस तरह यह कार्यक्रम मात्र ओपचारिकता बन कर रह गया। आम नागरिक भी अधिकारियों की अनुपस्थिति में परेशान होते रहे। सांसद कांतिलाल भूरिया, जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष डॉ.विक्रांत भूरिया एवं जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया ने संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर कहा कि ऐसे आयोजन से देश का कोई भला होने वाला नहीं है कुछ जगह तो अधिकारियों एवं भाजपा नेताओं दादागीरी कर डाँक्टर जिसका कार्य मरीजों के स्वास्थ्य की देखरेख एवं शिक्षकों जिनता कार्य छात्र-छात्राओं को शिक्षित करने के लिए होता है उन्हें झाडु लगाना और शौचालय के लिए गड्डे खुदवाना जैसा घृणित कार्य करवाया जा रहा है। इससे जनता के मन में सरकार की छवि केवल मात्र दिखावा ही साबित हो रही है। सांसद कांतिलाल भूरिया ने केन्द्र एवं राज्य सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जहां सरदार सरोवर बाँध के लोकार्पण से केन्द्र के प्रधानमंत्री सहित मंत्रीगण एवं भाजपा शासित गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री खुश हो रहेंहै वहीं मध्यप्रदेश के लोग अपने क्षेत्र में बाँध के कारण बेघर हो रहें है। सांसद भूरिया ने प्रदेश के मुखिया से सवाल किया है कि गुजरात में सरदार सरोवर बाँध बनने से मध्यप्रदेश को एवं अन्य तीन प्रदेशों को कितने प्रतिशत लाभ हुआ जरा ये बताएं। उन्होनें यह भी कहा कि मध्यप्रदेश सरकार बताए कि अल्प वर्षा के कारण जो क्षेत्र सूखे की स्थिति में है एवं जहां पर किसान बेमोत्मर रहे है और जहां उनकी फसले बर्बाद हो चुकी है उनके लिए प्रदेश सरकार क्या कर रही है। राज्य सरकार इन मामलों में अब पूरी तरह जनता के सामने बेनकाब हो गई है। सांसद ने आगे कहा कि जिस आदमी को जो विभाग दिया जाता है उसे उसी क्षेत्र मे कार्य करना चाहिए जैसे डॉ. को केवल स्वास्थ्य संबंधित सेवाओं में ही ना कि झाडु लगाने में। इसी तरह शिक्षकों को भी केवल शिक्षा के कार्य में लगाना चाहिए जिससे की आज के छात्र-छात्राएं अच्छा ज्ञान अर्जित कर अच्छे नागरिक बन सकें एवं देश के लिए कुछ कर सके। किंेतु मध्यप्रदेश की सरकार शिक्षकों से शौचालय के गड्डे खुदवाने का कार्य कर रही है जो शिक्षकों के लिए बेहद ही अपमानजनक है। मध्यप्रदेश की राज्य सरकार शिक्षकों से शिक्षा को छोड़ कर अन्य हर कार्य करवा रही है। जैसे ही प्रदेश एवं जिलों में शिक्षकों की बहुत ही कमी है अभी तो कर्इ स्कुलो में अतिथि शिक्षक भी उपलब्ध नहीं है तथा बच्चे शिक्षा के अभाव में अपना रिजल्ट भी बिगाड़ रहें है। दसवी एवं बारहवी का परिणाम सबके सामने है। झाबुआ जिले में ही 4226 शिक्षकों की जरूरत है लेकिन वर्तमान में 1780 शिक्षक ही है और अभी भी लगभग 2500 शिक्षको की आवश्यकता है। ऐसे में शिक्षकों से शौचालय के गड्डे खुदवाना राज्य सरकार के लिए बैमानी है। उन्होने मांग की है कि शिक्षकों एवं डॉक्टरों से उनके विभाग से संबंधित कार्य ही करवाए जाए।