नवरात्रि से पूर्व सैकड़ों कलश यात्रियों ने पैदल चलकर देवभोग का भ्रमण कर मां वैष्णो देवी दरबार घोघर पहुंचे
नवरात्रि से पूर्व सैकड़ों कलश यात्रियों ने पैदल चलकर देवभोग का भ्रमण कर मां वैष्णो देवी दरबार घोघर पहुंचे रिपोर्ट ;- नागेश्वर मोरे देवभोग गरियाबंददेवभोग;- चैत्र नवरात्र के आने के साथ ही एक और जहां जगह-जगह नवरात्रि पर मंदिरों में मनोकामना सिद्ध ज्योत स्थापना कर रहे हैं तो वही इस चिलचिलाती धूप और मन में श्रद्धा का भाव लेकर भक्त पैदल ही देवभोग से 3 किलोमीटर दूर घोघर पर स्थित मां वैष्णो देवी दरबार के भक्तों ने सर्वप्रथम सिर पर कलश रखकर पूरे देवभोग के चौक चौराहों का भ्रमण कर लगभग 5 किलोमीटर पैदल चलकर कर वैष्णो माता के दरबार पहुंचे। भक्तों के जयकारों से पूरा देवभोग गूंज उठा, इस कलश यात्रा में देवभोग के साथ-साथ सीमावर्ती राज्य उड़ीसा से भी सैकड़ों भक्त इस दरबार में मनोकामना मांगने आते हैं, उड़ीसा के नवरंगपुर जिला, कालाहांडी जिला एवं नुवापडा़ जिला से भक्त बड़ी संख्या में पहुंचते हैं, साथ- ही साथ छत्तीसगढ़ के गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, बस्तर से भी बड़ी संख्या में भक्त अपनी मनोकामना मांगने इस दरबार में पहुंचते हैं।इस दरबार के पुजारी श्री महादेव नागेश का कहना है कि बीते कोरोना काल में जिन परिस्थितियों में यह 2 वर्ष गुजरा है उसी का परिणाम है कि आज बड़ी संख्या में भक्त दरबार में पहुंचे हैं।जब कलश लेकर भक्त घोघर पहुंचे तो मां वैष्णो देवी लोक कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने गाजे-बाजे के साथ उनका स्वागत कर तालाब पहुंचे तत्पश्चात मां वैष्णो देवी दरबार में कलशो को रखा गया।समिति के संचालक भजनलाल प्रधान ने कहा की पहली बार 673 कलश आया हैं, साथ ही हजारों की संख्या में भक्त आए हुए हैं। दूर दराज से आए भक्तों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो इसका भी चिंतन कर टीम तैयार किया गया है। जिससे कि इस भीषण गर्मी में किसी भी प्रकार का भक्तों को तकलीफ ना हो। आपको बता दें इस दरबार में पूरे 9 दिन तक रात्रि में विशाल भंडारा का भी आयोजन रखा जाता है। दूरदराज से आने वाले भक्तों के लिए समितियों द्वारा अस्थाई रूप से रुकने की व्यवस्था भी की जाती है।इस कमेटी के पदाधिकारियों में संरक्षक घनश्याम यादव, संचालक भजनलाल प्रधान, अध्यक्ष चक्रधर नागेश, उपाध्यक्ष डोमार सिंह नागेश, सचिव गौरीशंकर बघेल, कोषाध्यक्ष गिरीश सोनवानी, एवं अनेक पदाधिकारियों व सदस्यगणो का महत्वपूर्ण योगदान रहता है।