दिल्ली विश्वविद्यालय में एनएसयूआई के दो सीटें हासिल करने के चार सबक

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नई दिल्ली । कांग्रेस के लिए दिल्ली से बड़ी खुशखबरी आई है। कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में बाजी मारते हुए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की है। एबीवीपी को करारी शिकस्त देते हुए चार साल बाद दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में एनएसयूआई ने अध्यक्ष पद अपने नाम किया है। केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद डूसू चुनाव में एबीवीपी की इस हार को लेकर सवाल खड़े हो गएचार साल बाद अध्यक्ष पद पर हारी एबीवीपी एबीवीपी आरएसएस की छात्र इकाई है। डूसू चुनाव में जिस तरह से एबीवीपी की हार हुई है कांग्रेस ने इसे बीजेपी के लिए करारा झटका करार दिया है। डूसू चुनाव में अध्यक्ष पद पर NSUI के रॉकी तुसीद और उपाध्यक्ष पद पर कुणाल सेहरावत ने जीत दर्ज की है। वहीं सचिव पद पर एबीवीपी की महामेधा नागर और संयुक्त सचिव के पद पर उमाशंकर को जीत मिली है। डूसू चुनाव में सामने आए नतीजों के बाद एनएसयूआई की जीत और एबीवीपी की हार के चार सबक क्या हैं…

चार साल बाद अध्यक्ष पद पर हारी एबीवीपी
एबीवीपी आरएसएस की छात्र इकाई है। डूसू चुनाव में जिस तरह से एबीवीपी की हार हुई है कांग्रेस ने इसे बीजेपी के लिए करारा झटका करार दिया है। डूसू चुनाव में अध्यक्ष पद पर NSUI के रॉकी तुसीद और उपाध्यक्ष पद पर कुणाल सेहरावत ने जीत दर्ज की है। वहीं सचिव पद पर एबीवीपी की महामेधा नागर और संयुक्त सचिव के पद पर उमाशंकर को जीत मिली है। डूसू चुनाव में सामने आए नतीजों के बाद एनएसयूआई की जीत और एबीवीपी की हार के चार सबक क्या हैं…

 

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