बच्चों को बनाना है जिम्मेदार तो हर माता-पिता को करने चाहिए ये चार काम भारत सरकार मंत्रालय रेलवे बोर्ड सदस्य व प्रदेश बीजेपी महिला मोर्चा महामंत्री विभा अश्वनी अवस्थी
✍️ सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़ संवाददाता विक्रम कुमार नागेश अमलीपदर
हर माता-पिता को अपने बच्चों से प्यार होता है लेकिन सिर्फ बच्चों को प्यार करने से उनका भविष्य नहीं संवरता। माता-पिता बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उन्हें अच्छे स्कूलों में भेजते हैं। बच्चों को अच्छी शिक्षा तो मिल जाती है लेकिन कठिन परिस्थितियों से लड़ने का हुनर उन्हें स्कूल में सीखने को नहीं मिलता। किताबी ज्ञान से अलग जिम्मेदारी का पाठ बच्चों को घर पर माता-पिता ही सिखा सकते हैं। माता-पिता ही उन्हें हर मुसीबत के लिए बचपन से तैयार कर सकते हैं। इसके लिए माता पिता को बच्चों में छोटी उम्र से ही ऐसी आदतें डालनी चाहिए कि वह जब बाहर की दुनिया और किसी मुश्किल में हों तो वह धैर्य के साथ उसका सामना कर सकें। बच्चों को जिम्मेदारी का अहसास बचपन से कराना चाहिए। इससे वह अच्छी और बुरी आदतों में अंतर करना सीखेंगे और गलत मार्ग पर नहीं जाएंगे।अनुशासनबच्चे हों या बड़े, जीवन में अनुशासन जरूरी है। बड़े होने पर वह एक बेहतर और स्वस्थ जीवन जिएं, इस के लिए बचपन से उन्हें अनुशासन में रहना सिखाएं। रोज सुबह समय पर उठना, फिर पूरे दिन के कामों का शेड्यूल तैयार करना और उन सभी कामों को समय पर पूरा करने की सीख अभी से बच्चों को दें। इससे बच्चों को समय और हर चीज की कीमत का पता होता है।घर के कामों में मदद करनाअक्सर माता-पिता सोचते हैं कि बच्चों को पूरा ध्यान पढ़ाई में हो, इसके लिए वह उन से किसी तरह का कोई काम भी करने को नहीं कहते। लेकिन ऐसा न करें। बच्चों को घर के कामों में मदद करने को कहें। उसे घर के काम भी सिखाएं। बेटा हो या बेटी, दोनों को घर की साफ सफाई करना, खुद का कमरा और चीजें व्यवस्थित करनी आनी चाहिए। बच्चे हमेशा आपके साथ नहीं रहेंगे। बड़े होकर पढ़ाई या नौकरी के लिए हो सकता हैं उन्हें आपसे दूर जाना पड़े। ऐसे में उन्हें घर के बाहर इन कामों में मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी।घड़ी देखनाबेहतर भविष्य के लिए समय की कद्र होना जरूरी है। बच्चे हर काम को सही समय पर करें, इसके लिए उन्हें घड़ी देखना आनी चाहिए। बच्चों को घड़ी देखना सिखाएं और समय के मुताबिक चलना भी सिखाएं।गलत और सही की पहचानमाता-पिता को अपने बच्चे को सही और गलत की पहचान करना सिखाना चाहिए। क्या गलत होता है और क्या सही होता है। गलत करने का क्या अंजाम हो सकता है , ये सब अगर बच्चों को पहले से पता होगा तो वह जाने-अनजाने गलत काम करने से बचेंगे।