किसानों को अब फ्लेट रेट से मिलेगी बिजली
30 साल पूरे करने वाले शिक्षकों को मिलेगी क्रमोन्नति
भोपाल। प्रदेश के किसानों को अस्थाई की जगह स्थाई पंप कनेक्शन लेने और अंशदान जमा करने पर सात हजार रुपए हॉर्सपॉवर के फ्लेट रेट से पूरे साल बिजली दी जाएगी। साथ ही पहले छह माह के बिल का भुगतान भी बाद में करना होगा। कल हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश सरकार ने शिक्षक और किसान के हित में बड़े फैसले किए। अब 30 साल की नौकरी पूरी करने वाले शिक्षकों को तृतीय क्रमोन्नति मिलेगी। इसका सीधा फायदा 43 हजार शिक्षकों को मिलेगा। वहीं, 35 हजार अन्य शिक्षक भी अगले साल इससे लाभांवित होंगे। जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में किसान, शिक्षक, छात्र, सिंचाई और स्वास्थ्य सुविधा से जुड़े कई फैसले लिए गए।
किसानों को स्थाई बिजली पंप कनेक्शन देने के लिए मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना के तहत 1400 रुपए प्रति हॉर्सपॉवर के हिसाब से बिजली दी जा रही है। अभी कनेक्शन के लिए संयुक्त आवेदन देने पर भी हर किसान को अलग-अलग अंशदान जमा करना होता है। दो हेक्टेयर से कम जमीन वाले अनुसूचित जाति और जनजाति के किसान को 5 हजार 500 रुपए प्रति हॉर्सपॉवर, अन्य श्रेणी के किसान को सात हजार 500 रुपए प्रति हॉर्सपॉवर के हिसाब से अंशदान जमा करना होता है। दो हेक्टेयर से ज्यादा जमीन होने पर 12 हजार रुपए प्रति हार्सपॉवर लगते हैं।
अब संयुक्त आवेदन देकर एक ही अधोसंरचना से 25 केवीए क्षमता के ट्रांसफार्मर के लिए आवेदन करने पर तीन किसानों को अलग-अलग अंश देने की जरूरत नहीं होगी। कुल राशि इन तीनों में बराबर-बराबर बंट जाएगी। इसी तरह अस्थाई कनेक्शन की जगह स्थाई कनेक्शन लेने और एकमुश्त अंश जमा करने पर फ्लेट रेट से बिजली मिलेगी। एनर्जी चार्ज आदि की राशि भी नहीं देनी होगी। पहले छह माही बिल का भुगतान भी अगले चक्र में करना होगा। इसमें सात हजार रुपए प्रति हॉर्सपॉवर के हिसाब से पूरे साल बिजली मिलेगी। सहायक शिक्षक और शिक्षकों को अभी 12 और 24 साल की सेवा पर क्रमोन्नत वेतनमान मिलता है, लेकिन जिनकी सेवा इससे अधिक हो जाती है, उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता था। अब सरकार ने तय किया है कि 30 साल की सेवा पूरी करने पर तृतीय क्रमोन्न्त वेतनमान दिया जाएगा। बैठक में स्कूली छात्रों को नि:शुल्क यूनीफॉर्म देने की योजना को 2020 तक जारी रखने की भी मंजूरी दी गई। साथ ही यह भी तय किया गया कि पालक शिक्षक संघ स्व-सहायता समूह के माध्यम से यूनीफॉर्म बनवाएंगे। 312 छात्रावासों में शिक्षक आवास गृह बनाने को भी मंजूरी दी गई। प्रत्येक की लागत आठ लाख रुपए रहेगी। पेयजल के लिए भी योजना को मंजूरी दी गई।