जिपं.उपाध्यक्ष विक्रांत के ऊपर गलत तरीके से लगे गैरजमानती धाराएं से क्षेत्र में हो रही चर्चा
खैरागढ़ – विगत दिनों नगर पालिका परिषद खैरागढ़ के चुनाव परिणाम के दिन वार्ड नं 04 के परिणाम के टाई होने के बाद कांग्रेस के प्रत्यासी एक वोट से जीत के परिणाम के बाद विपक्षी दल भाजपा के द्वारा विरोध प्रदर्शन करने पर शायद कांग्रेस को रास नहीं आया तभी तो पहली बार पुलिस जो किसी गैर जमानती धाराएं लगाने से पहले जांच करने की बात कहती है या कुछ दिन तक टाल मटोल करने की कोशिश करती है लेकिन खैरागढ़ विधानसभा के कद्दावर भाजपा नेता व जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह सहित लगभग 10 लोगो के खिलाफ गैर जमानती धाराएं लगा देने से शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस के कार्यप्रणाली पर सवाल उठना चालू हो गए हैं
आपको बता दें कि विक्रांत सिंह के द्वारा किये गए शहर के विकास को फेस करते हुए भाजपा ने नगर पालिका के चुनाव में दमदार प्रदर्शन किया वही कांग्रेस के वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ में सत्ता रहते हुए एवं राजनादगांव जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत सिंह भगत नगर पालिका परिषद के चुनाव में डोर टू डोर प्रचार प्रसार किये खुद मुख्यमंत्री की सभा और रोड- शो हुआ लेकिन उसके बाद भी कांग्रेस सिर्फ भाजपा के बराबरी तक पहुची तथा चुनाव परिणाम के समय 10 वार्ड भाजपा के पक्ष में चला गया जिसके बाद वार्ड नं 04 के टाई होने के बाद विवादित तरीके से कांग्रेस के पक्ष में यह वार्ड जाने से कांग्रेसी खेमा कुछ हद तक राहत की सांस लिए क्योकि यदि वार्ड नं 04 भाजपा के पक्ष में चला जाता तो स्थिति 11 वार्ड भाजपा और 9 वार्ड ही कांग्रेस को मिल पाता। पाठकों को यहां बताना जरूरी है कि विपक्षी दल भाजपा के विजयी पार्षद जिस तरह से अज्ञातवास में चले गए हैं ठीक वैसे स्थिति कांग्रेस की दिखाई दे रही है विश्वश्त सूत्रों की माने तो कांग्रेस संगठन ने भी विजयी पार्षदो को भी अज्ञातवास पर सुरक्षित रखा है तथा 5 जनवरी को ही इन्हें खैरागढ़ लाएंगे, क्षेत्र में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है
तो कांग्रेस को आखिर किस व्यक्ति से डर है जो अपने विजयी पार्षदों को अज्ञातवास पर रखे हैं और कांग्रेसी पार्षद के घरों में 10 दिन से पुलिस की निगरानी रखी गई है वही नगर सहित जिले भर यह चर्चा जोरों से चल रही है कि राजनादगांव जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह को नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर अपनी कोई भी रणनीति न अपना सके इस वजह से उनके ऊपर उनके कुछ समर्थकों के खिलाफ जानबूझकर सत्ता के दबाव के चलते पुलिस डायरी पेश करने में परहेज कर रही है गौरतलब है कि जगह- जगह यही चर्चाएं चल रही है कि जब पुलिस ने गैर जमानती धाराएं भाजपाइयों के खिलाफ लगा दी है तो फिर कोर्ट में अपना पक्ष क्यो नही रख रही है वही दूसरी ओर पुलिस आम आदमी को एक तरफ कहती है कि पुलिस हमेशा सहयोग करती है लेकिन इस समय पुलिस राजनादगांव जिले के एक जनसेवक के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है
जिससे राजनादगांव जिले सहित छत्तीसगढ़ में खैरागढ़ पुलिस के कार्यप्रणाली पर तरह- तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। वही आगामी खैरागढ़ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा का पलड़ा सत्ताधारी कांग्रेस के ऊपर भारी दिखता हुआ प्रतीत हो रहा है।