खंडहर में तब्दील हुआ अंग्रेजों के द्वारा बनाया गया ओल्ड सर्किट हाऊस, आधे-अधूरे तोड़फोड़ कर भूले अफसर

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राजधानी रायपुर का सर्किट हाऊस एक तरफ अफसरों, वीआईपी और वीवीआईपी अतिथियों के आगमन से गुलज़ार हो रहा हैं तो वहीं सर्किट हाऊस का पुराना खंडहर में तब्दील भवन पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही से इस सुंदरता पर सेंध लगा रहा है। नई सर्किट हाऊस बिल्डिंग बनने के बाद पुराने भवन को तोड़कर यहां पार्किंग और नई बिल्डिंग बनाने का काम शुरू होना था, लेकिन जिम्मेदार अफसरों ने सर्किट हाऊस के पुराने भवन में महीनों से आधी-अधूरी तोड़फोड़ कर इसे खंडहर में बदल दिया है। पहले पुराने सर्किट हाऊस को न्यायाधीशों के लिए आरक्षित किया गया था जिसके बाद से यहां न्यायाधीशों का ही आना-जाना लगा रहता था, लेकिन सर्किट हाऊस की नई बिल्डिंग बनने के बाद पार्किंग सहित अन्य उपयोग को देखते हुए सर्किट हाऊस के पुराने भवन को तोड़कर इसका नए सिरे से उपयोग की योजना बनाई गई हैं, लेकिन पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार अफसरों के कारण यह काम महीनों से अटका पड़ा है। आपको बता दें कि शहर के तमाम बुद्धिजीवियों और गणमान्य नागरिकों समेत अफसरों और नेताओं का यहां रोजाना आना-जाना होता है तथा सर्किट हाऊस के पुराने भवन से कई पुरानी यादें भी जुड़ी हैं।

खंडहर में तब्दील भवन अफसरों ने क्यों नही ली सुध

पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार अफसरों ने आधी-अधूरी तोड़फोड़ कर इसे भूल इसीलिए गए हैं क्योंकि उन्हें अपने उच्च अधिकारियों से निर्देश नहीं मिल रहे हैं। ऐसा नही है कि पुराने सर्किट हाऊस के खंडहर होने की जानकारी उच्च अधिकारियों को नहीं है, लेकिन सिर्फ किसी एक अधिकारी के चलते यहां की पूरी कार्रवाई ही रूक गई है।

 

क्या कहते हैं लोग

● सर्किट हाऊस का पुराना भवन काफी प्राचीन हैं, इसे तोड़ने के बजाए शहर के अन्य ऐतिहासिक भवनों की तर्ज पर इसे संवारने का काम होना था, क्योंकि इस पुराने सर्किट हाऊस से लोगों की कई पुरानी यादें हैं चाहे वो अविभाजित मध्यप्रदेश की या प्रदेश बनने की सियासत की।
व्यास पाठक, वरिष्ठ पत्रकार

 

● शहर का यह पुराना सर्किट हाऊस आज खंडहर हालात में हैं, यह भवन पहले कई यादों को अपने आप में संजोए हुए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जब रायपुर आते थे तो इसी पुराने सर्किट हाऊस में ही रुका करते थे। इस भवन को तोड़ने की नहीं बल्कि संवारने की आवश्यकता थी, लेकिन जिम्मेदारों ने इसे तोड़कर खंडहर बना दिया है।
रवि कुमार, युवा भाजपा नेता

 

● इस भवन में देश और प्रदेश की यादें हैं, जिन्हें आज की युवा पीढ़ी जान रही है। इस भवन को तोड़ने के बजाए इसे कलेक्टोरेट की पुरानी बिल्डिंग की तरह संवारने का काम होना चाहिए था, लेकिन अब भवन तो खंडहर में तब्दील हो चुका हैं तो इसे जल्द ही इसे तोड़कर नया बनाना चाहिए था।
अशोक तोमर, टाटा रिटायर्ड मीडिया हेड सीनियर ऑफिसर
● पुराने सर्किट हाउस की बिल्डिंग को तोड़े जाने में जो‌ प्रक्रिया विभाग के‌ द्वारा अपनाई है, वह विधि विरुद्ध है, गैरकानूनी कृत्य है जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
राकेश चौबे, आरटीआई एक्टिविस्ट
● पुराना सर्किट हॉउस अंग्रेजो के जमाने का है, सांस्कतिक धरोहर है। टाउन हॉल , रायपुर कलेक्ट्रट , तहसील जैसे जगहों की तरह पुराना सर्किट हॉउस को रेनोवेट की जरूरत है। ना कि तोड़ने की।
वासु चटर्जी, वरिष्ठ नेता

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