*ओबीसी महासभा ने 22 बिन्दुओं पर मुख्यमंत्री के नाम विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों को सौंपा ज्ञापन*

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*ओबीसी महासभा ने 22 बिन्दुओं पर मुख्यमंत्री के नाम विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों को सौंपा ज्ञापन*

 

 

*ओबीसी महासभा ने विधानसभा सत्र के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ,नेता प्रतिपक्ष, अनेक मंत्रियों एवं विधायकों से किया मुलाकात*
*2021 से लंबित राष्ट्रीय जनगणना में ओबीसी के लिए पृथक से कोड नंबर निर्धारित कर जनगणना शीघ्र करें सरकार* ओबीसी महासभा

*लंबित 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण अविलंब लागू करें राज्य सरकार* राधेश्याम

ओबीसी महासभा प्रदेश इकाई छत्तीसगढ़ के प्रदेशअध्यक्ष ओबीसी राधेश्याम के नेतृत्व में अन्य पिछड़ा वर्ग के हित संवर्धन एवं संरक्षण हेतु जनकल्याणकारी योजनाओं में संख्या के बराबर हिस्सेदारी प्रदान करने बाबत विधानसभा सत्र के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ,स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक जगदलपुर किरण देव ,धमतरी विधायक ओंकार साहू, रायपुर ग्रामीण के विधायक मोतीलाल साहू, वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ,पंडरिया विधायक भावना बोहरा सहित अनेक विधायकों के माध्यम से 22 बिन्दुओं पर माननीय मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि चंद्रपुर विधायक रामकुमार यादव के सहयोग से विधानसभा सत्र का अवलोकन किया गया तथा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ बैठक कराकर ओबीसी के हित संरक्षण एवं संवर्धन हेतु अनेक बिंदु पर चर्चा किया गया तथा मांग किया गया कि ओबीसी के 22 बिंदु मुद्दे पर सरकार को 2 दिसंबर 2022 को पारित आरक्षण संशोधन विधेयक में महामहिम राज्यपाल के हस्ताक्षर किए जाने पर मांग दोहराया। ओबीसी महासभा द्वारा अलग-अलग बिंदुओं पर विगत तीन वर्षों से प्रतिमाह ज्ञापन कलेक्टर/ एसडीएम /तहसीलदार के माध्यम से छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी जिला में महामहिम राष्ट्रपति ,माननीय प्रधानमंत्री, महामहिम राज्यपाल, माननीय मुख्यमंत्री आदि के नाम ज्ञापन सौंपा गया है, किंतु आज पर्यंत राष्ट्रीय जनगणना एवं 2 दिसंबर 2022 को पारित आरक्षण संशोधन विधेयक में महामहिम राज्यपाल के हस्ताक्षर जैसे ज्वलंत समस्याएं यथावत बनी हुई है। अतः ओबीसी के हित संरक्षण एवं संवर्धन हेतु शासन स्तर पर आवश्यक कार्यवाही हेतु बिंदुवार ज्ञापन सौंपा गया जो कि इस प्रकार है

*2021 की लंबित राष्ट्रीय जनगणना शीघ्र की जाए, जिसमें ओबीसी के लिए पृथक से कोड नंबर निर्धारित हो। उक्त आशय का प्रस्ताव केंद्र सरकार को अभिलंब भेजे जाने, *ओबीसी समुदाय को आबादी के बराबर समानुपातिक संवैधानिक प्रतिनिधित्व (आरक्षण) कार्यपालिका, न्यायपालिका, विधायिका, मीडिया एवं सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के सभी उपक्रमों में प्रदान किए जाने , इस आशय का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने*,*विगत 30 वर्षों से लंबित 27% आरक्षण राज्य में अभिलंब लागू किए जाने एवं उक्त अवधि का बैकलॉग नियुक्तियां प्रदान किए जाने का अनुरोध है। तत्कालीन छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 2 दिसंबर 2022 को पारित आरक्षण संशोधन विधेयक पर महामहिम राज्यपाल का हस्ताक्षर किए जाने हेतु आवश्यक पहल शासन स्तर पर किए जाने का अनुरोध है। हाल ही में छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय महानदी भवन ,नवा रायपुर, अटल नगर जिला रायपुर के अधिसूचना 26 अप्रैल 2024 को गठित स्थाई समिति का काल अवधि दो वर्ष किया जाना महज खानापूर्ति प्रतीत होता है ,जिससे ओबीसी समुदाय को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। अतः लंबित 27% आरक्षण मानसून सत्र के दौरान लागू किए जाने का अनुरोध किया है ।*

*मंडल कमीशन की सभी अनुशंसाओं को पूर्णत: लागू किए जाने बाबत् प्रस्ताव केंद्र सरकार को अति शीघ्र भेजें जाने का अनुरोध किया है।*
*ओबीसी आरक्षण में लागू क्रीमीलेयर के असंवैधानिक शर्तों को समाप्त किए जाने का अनुरोध है, क्योंकि क्रीमीलेयर की अवधारणा परिवार एवं समाज के लिए विघटनकारी बन गया है। अतः क्रीमीलेयर की बाध्यता को समाप्त करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को अविलंब भेजी जाए।*
27% आरक्षण को देश के सभी राज्यों में समान रूप से लागू किया जावे तथा भारत सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण को अध्यादेश पारित कर संविधान की नवमी अनुसूची में शामिल किये जाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को अविलंब भेजे जाने एवं प्रदेश की राजधानी रायपुर में ओबीसी महासभा के लिए कम से कम 5 एकड़ भूमि आवंटित कर भवन निर्माण हेतु राशि के जारी किए जाने का अनुरोध है प्रत्येक जिला मुख्यालयों में ओबीसी महासभा के लिए भूमि एवं भवन आवंटित किए जाने एवं सभी जिला एवं तहसील मुख्यालय में ओबीसी के लिए सर्व सुविधा युक्त पोस्ट मैट्रिक एवं प्री मैट्रिक छात्रावास का प्रावधान किए जाने का अनुरोध किया है ।
उच्च शिक्षा विभाग में भर्ती एवं पदोन्नति में धांधली की जांच कर दोषियों के खिलाफ विधि सम्मत कार्यवाही किए जाने एवं राज्य छात्रवृत्ति में विसंगतियों को दूर करते हुए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की भांति समान शर्तों एवं दरों पर ओबीसी को भी छात्रवृत्ति प्रदान किए जाने,*छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। अतः संचालित समस्त शासकीय हायर सेकेंडरी विद्यालयों में कृषि संकाय अनिवार्य रूप से संचालित किए जाने का अनुरोध किया है ।*
पांचवी अनुसूची क्षेत्र में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, नगरी निकाय चुनाव में ओबीसी समुदाय के लिए आबादी के बराबर सीट आरक्षित किया जाए, ताकि वहां निवासरत ओबीसी समुदाय को भी पंच ,सरपंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य ,पार्षद, निकाय अध्यक्ष बनने का समुचित अवसर मिल सके।
सामाजिक प्रास्थितिक (ओबीसी) प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरलीकरण किये जाने का अनुरोध है।
ओबीसी की समुचित विकास एवं उत्थान के लिए प्रचलित आरक्षण के बराबर राज्य की बजट में प्रावधान किए जाने का अनुरोध किया है ।
*देश के कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश ,गुजरात ,महाराष्ट्र आदि राज्यों में पृथक से पिछड़ा वर्ग विभाग संचालित है । छत्तीसगढ़ राज्य में ओबीसी संबंधी योजना एवं जन कल्याणकारी कार्यक्रम आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा चलाई जा रही है ,जिससे ओबीसी की ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा सका है। छत्तीसगढ़ राज्य में बहुसंख्यक ओबीसी समुदाय के लिए पृथक से विभाग स्थापित किए जाने का अनुरोध किया है।*
एट्रोसिटी एक्ट अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की भांति अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए भी लागू किए जाने एवं छत्तीसगढ़ ओबीसी बाहुल्य होने के बाद भी राज्य में ओबीसी के छात्र-छात्राओं की खेल प्रतिभाओं प्रोत्साहन देने वाले विद्यालयों की बहुत कमी है। राज्य में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए खेल प्रतिभा प्रोत्साहन देने हेतु संचालित क्रीड़ा परिषद की तर्ज पर अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु नवीन क्रीड़ा परिषद संचालित किए जाने एवं केंद्र सरकार की उपक्रम भिलाई स्टील प्लांट, बचेली जैसे अन्य प्लांट में कार्यरत ठेका कर्मियों को केंद्र सरकार की निर्धारित वेतन के स्थान पर प्रदेश की निर्धारित मिलती है ,जो कि वहां कार्यरत कर्मियों के साथ अन्याय है। इसलिए केंद्र सरकार के उपक्रम में ठेका कर्मियों को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन दिए जाने एवं किसानों के लिए पर्याप्त खाद बीज की उपलब्धता समय पूर्व किए जाने का अनुरोध किया है, क्योंकि हर वर्ष प्रदेश की किसानों को समुचित खाद बीज के लिए भटकना पड़ता है।
*आंध्र प्रदेश सरकार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ राज्य में भी राज्य प्रशासनिक सेवा के पदों पर साक्षात्कार की प्रक्रिया को बंद किए जाने का अनुरोध किया गया है ।*
शिक्षा विभाग में कई वर्षों से लंबित प्राचार्य पदोन्नति शीघ्र किए जाने निर्देश विभागीय मंत्री एवं सचिव को जारी किए जाने एवं केंद्र सरकार द्वारा धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 117 रुपए की वृद्धि की है।अतः राज्य सरकार द्वारा नवंबर माह में धान को 3217 रुपए समर्थन मूल्य पर खरीदी किए जाने का निवेदन किया गया है।

*ओबीसी महासभा द्वारा 22 बिंदुओं पर त्वरित कार्यवाही कर ओबीसी समाज को सामाजिक न्याय प्रदान कर समतामूलक समाज की स्थापना में महती योगदान प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया*
ज्ञापन सौंपने के लिए प्रमुख रूप से प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी राधेश्याम’,प्रदेश उपाध्यक्ष महेश गौरव ,प्रदेश महासचिव यज्ञदेव पटेल एवं ओबीसी युगलकिशोर ,प्रदेश कोषाध्यक्ष महावीर कलिहारी, प्रदेश सचिव घनश्याम साहू एवं अजय चंद्राकर ,चंद्रशेखर साहू ,वेद प्रकाश चंद्राकर, बालोद जिला अध्यक्ष महिला मोर्चा ओबीसी भगवती, राजनांदगांव जिला अध्यक्ष महिला मोर्चा कांति मौर्या, प्रदेश सहसचिव द्वय मनसुखदास साहू,पुनेश्वर देवांगन, बालोद जिला अध्यक्ष संतोष कौशिक ,जिलाध्यक्ष सक्ति खेमराज कश्यप, चंद्रपुर विधानसभा अध्यक्ष दीनानाथ श्रीवास ,शक्ति विधानसभा अध्यक्ष इंदल श्रीवास ,कृष्ण दास महंत ,सनी कुमार यादव, कृष्ण यादव ,छतराम यादव ,दिलेश्वर कश्यप, बालोद जिला सचिव लेखराज साहिरो,राममिलन साहू सहित बड़ी संख्या में प्रदेशभर के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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