*होली में इस बार लोगों को मिलेगा हर्बल गुलाल प्रकृति के रंग* *हिमांशी स्व-सहायता समूह सरनाबहाल के दीदियो के द्वारा बनाया जा रहा है हर्बल गुलाल*
*होली में इस बार लोगों को मिलेगा हर्बल गुलाल प्रकृति के रंग*
*हिमांशी स्व-सहायता समूह सरनाबहाल के दीदियो के द्वारा बनाया जा रहा है हर्बल गुलाल*
अमलीपदर
नवीन तहसील ग्राम अमलीपदर पंचायत से लगभग 6-7 किमी के अंतर्गत गांव सरनाबहाल में बिहान योजना के अंतर्गत हिमांशी स्व-सहायता समुह के महिलाओं द्वारा हर्बल गुलाल बनाए जा रहा है आजकल गुलाल बाजार में मिलने वाली केमिकल युक्त गुलाल से कई प्रकार के साइड इफेक्ट का कारण बनती है बाजार में मिलने वाले गुलाल जिसमें अत्यधिक केमिकल होने के कारण लोगों के चेहरे पर जलन बहुत देर तक के सिर दर्द इस प्रकार से अनेक प्रकार से हमारे शरीर त्वचा को नुकसान पहुंचती है और इधर बिहान के महिलाओं के द्वारा प्रकृति से लिए परसा, गुलाब के फुल, लाल भाजी, पालक ,गजल आदि अनेक फलों और सब्जियों से प्राकृतिक हर्बल गुलाल हरा ,पीला नीला, लाल ,गुलाबी रंग बन रहा है हमारे गर्वित मातृभूमि संवाददाता ने जब दीदियो से प्रेसवार्ता किया तो दीदियो ने बताया कि यह शाक, सब्जियों, फुल के रस से बनाए जाता है और इसमें किसी भी प्रकार के केमिकल का प्रयोग नहीं किया जाता जो मनुष्य त्वचा के लिए लाभकारी है इस हर्बल गुलाब से किसी प्रकार से भी साइड इफेक्ट नहीं होता है इसमे कलस्टर श्रीमती निधि साहु जी ने दीदियो प्रेरित एवं प्रशिक्षित किया इस समूह में अध्यक्ष धनमती, सचिव तुलसी , रेखा ,देमती,संकुतला, भानुप्रिया,ईस्वरी, पुर्णिमा,मीरा, उर्मिला, सरस्वती, सरिता,चंचला,