*कार्यकर्ता को टिकट दे दो जीत तय* मेहतर शंकर लाल साहू का नाम आया सामने…*
*कार्यकर्ता को टिकट दे दो जीत तय* मेहतर शंकर लाल साहू का नाम आया सामने…*
लोकसभा चुनाव में बन रही परिस्थितियों के बीच कांग्रेस इसी में उलझी हुई है कि किसे टिकट दिया जाए,, इस बीच कल हुई कांग्रेस प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में हुए वाक्ये नें चुनावी पंडितों को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है,, दरअसल हुआ यह की प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में कांग्रेस इस रणनीति को आकार देने में जुटी हुई है कि सभी लोकसभा से बड़े नेताओं को चुनाव में उतरा जाए,, लेकिन विधानसभा चुनाव के और बाद होने वाले इस चुनाव में बड़े नेता चुनाव लड़ने को लेकर दिलचस्पी कम ले रहे हैं ऐसे में अंदर चर्चा चल ही रही थी कि प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में अचानक शंकर मेहतर लाल साहू प्रकट हो गए,,
असल में हुआ यह मेहतर शंकर लाल साहू उत्सुकता वश बैठक का कमरा खोल के झांकना चाह रहे थे,, तभी अंदर बैठे वरिष्ठ कांग्रेस नेता की उन पर नजर पड़ी और उन्होंने शंकर मेहतर लाल साहू को अंदर खींचकर पूरी कमेटी के सामने प्रस्तुत कर बताया कि ऐसे लोगों को टिकट देने से जीत तय है,, उनके बताने का मकसद यह था कि बड़े नेताओं को जबरदस्ती चुनाव में धकेलना के बजाय यह चुनाव प्रथम श्रेणी के कार्यकर्ताओं को आगे करने का है ऐसे कार्यकर्त्ताओ के साथ पूरा कांग्रेस जोश से लोकसभा चुनाव में जुट जाएगी ,,,, बैठक में चुनाव समिति के सभी सदस्य मौजूद थी सबका अभिवादन शंकर मेहतर लाल साहू ने किया
और उसके बाद से शंकर मेहतर लाल साहू पर्ची की 100 कॉपी लेकर निकल चुके हैं और हर नेता को अपना बायोडाटा दे रहे हैं
शंकर मेहतर लाल साहू बलौदा बाजार से आते हैं और मेहतर लाल साहू के पुत्र हैं जो की विद्या चरण शुक्ल और कई प्रमुख नेताओं के खास सिपाही के रूप में पूरे कांग्रेस में विख्यात है
लोकसभा चुनाव की परिस्थितियों में ऐसे कर्मठ कार्यकर्ताओं को टिकट देने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है
बात दे कि ….श्री शंकर लाल साहू के पिता ग्राम रानीजरोद सुहेला जिला बलौदाबाजार निवासी स्व. मेहतरलाल साहू एक सामान्य परिवार के उत्साही युवा ,1971 लोकसभा चुनाव मे श्रद्धेय विद्या भैया के चुनाव मे एक महीने दिनरात प्रचार मे लगे रहते थे उस वक्त लाउडस्पीकर बैटरी जीप मे लगी रहती थी।1977 मे चुनाव मे सक्रिय रहे,लेकिन समर्पित कार्यकर्त्ता को पहचाना श्रद्धेय केयूरभूषण जी 1980 लोकसभा चुनाव मे उन्हें रायपुर लाये,श्रद्धेय निर्मला देशपांडे के संपर्क मे आकर हरिजन सेवक संघ से जुड़े पुरानी बस्ती थाने के पीछे कार्यालय मे सपरिवार रहने लगे 24 घण्टे सक्रिय कांग्रेस कार्यकर्त्ता थे।
अब देखना होगा कि मेहतर शंकर लालसाहू की मेहनत क्या रंग लाती है।