रामेश्वरम तक की यात्रा करने दंड भरते हुए निकला साधु

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दमोह

भक्ति में कितनी शक्ति होती है इसका अनूठा नजारा 45 वर्षीय साधु को देखकर लगाया जा सकता है, जो 3400 किमी तक दंड भरते हुए रामेश्वरम जा रहे हैं। यह साधु अपने दो साथियों के साथ दंड भरते हुए दमोह जिले में पहुंचे, जहां तेजगढ़ गांव के लोगों ने उनका स्वागत किया और इस यात्रा के बारे में जानकारी ली। यह दंड यात्रा पूरे दिन चलती है और जहां रात्रि हो जाती है वहां विश्राम हो जाता है। इस यात्रा को लेकर उन्होंने बताया कि इतनी कठिन यात्रा आज तक किसी ने नहीं की। इसलिए उन्होंने इस कठिन यात्रा को करने का विचार किया और आगे बड़ गए।

 

14 अप्रैल से शुरू हुई यात्रा
राजस्थान के मोनी बाबा आश्रम गुड़ला पोंडी निवासी 45 वर्षीय राजगिरी महाराज अपने दो साथी सत्यदास महराज और रामनिवास बैसला के साथ चल रहे हैं। उन्होंने यह यात्रा 14 अप्रैल से शुरू की थी और उसके बाद लगातार यात्रा कर रहे हैं। राजगिरी महराज ने पहले दिन से यह यात्रा दंड भरते हुये आरंभ की थी और आज भी वह पूरी यात्रा दंड भरते हुये कर रहे हैं। गुरुवार को अपने दो सहयोगी के साथ महराज तेजगढ़ पहुंचे, जहां ग्रामीणों ने उनको जल पान कराया और साधु ने अपने साथियों के साथ सांगा पांजी में रात्रि विश्राम किया।

 

3400 किलोमीटर की है यात्रा
राजगिरी महराज ने यात्रा राजस्थान के गंगोत्री से जल भरकर शुरू की है। यह जल लेकर अपने दो साथियों के साथ दंड भरते हुये रामेश्वर जा रहे हैं। उनकी यह यात्रा 3400 किलोमीटर लंबी है। दो साथियों के बीच एक साइकिल है जिसमें वह कपड़े और कुछ भोजन की सामग्री साथ में लिए हुये हैं। बाकि जगह- जगह उनका लोगों द्वारा स्वागत किया जा रहा है। भोजन, पानी की व्यवस्था हो रही है। राजगिरी महराज ने अपनी यात्रा को लेकर कहा कि उन्होंने कोई मन्नत नहीं मांगी बल्कि आज तक इस तरह की यात्रा किसी ने नहीं की इसलिये वह यह यात्रा दंड भरते हुये निकाल रहे हैं। उन्होंने शादी नहीं की और दस महीने में यात्रा पूरी करने का संकल्प लिया है। उनके दो साथी इस यात्रा में पूरा सहयोग कर रहे हैं।

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