टनल में फंसे मजदूरों के इलाज के लिए AIIMS पूरी तरह तैयार, 41 बेड रिजर्व

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नई दिल्ली
उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों के लिए शुक्रवार का दिन स्पेशल साबित हो सकता है। जानकारी के मुताबिक, 13 दिन से सुरंग में फंसे मजदूरों को आज बाहर निकाला जा सकता है। ऐसे में बाहर निकाले जाने के बाद इन मजदूरों के इलाज के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) पूरी तरह से तैयार है। खास बात यह है कि AIIMS में मजदूरों के लिए 41 बेड रिजर्व कर दिए गए हैं।

उत्तराखंड में उत्तरकाशी जनपद के सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को यदि ऋषिकेश स्थित एम्स लाया जाता है, तो उनके इलाज के लिए वह पूरी तरह तैयार है। चिकित्सकों को अलर्ट मोड पर रखा गया है और अस्पताल प्रशासन ने श्रमिकों के बेहतर उपचार के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की चार टीमें गठित की हैं।

उत्तरकाशी से एम्स पहुंचाए जाने की स्थिति में श्रमिकों को एम्स के हेलीपैड से सीधे अस्पताल की ट्रॉमा इमरजेंसी में ले जाया जाएगा। इस संदर्भ में जानकारी देते हुए एम्स के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर नरेन्द्र कुमार ने शुक्रवार को बताया कि ट्रामा सेन्टर के डिजास्टर वार्ड सहित अस्पताल के अन्य एरिया में सभी श्रमिकों के लिए 41 बेडों की पर्याप्त व्यवस्था रखी गई है। उन्होंने बताया कि आपात स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों की चार टीमें गठित कर उन्हें अलर्ट मोड पर रखा गया है। इन टीमों में ट्रामा सर्जन, एनेस्थीसिया, मनोरोग और जनरल मेडिसिन विभाग के चिकित्सक शामिल हैं।

डॉक्टर नरेन्द्र कुमार के अनुसार, संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर मीनू सिंह राज्य सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने बताया कि यदि आवश्यकता पड़ी तो उत्तरकाशी भेजे जाने के लिए भी डॉक्टर्स और नर्सिंग अधिकारियों की एक टीम तैयार रखी गई है। उल्लेखनीय है कि एम्स के पास अपना हेलीपैड है, जहां एक बार में तीन हेलीकॉप्टर एक साथ उतारे जा सकते हैं। गौरतलब है कि सिलक्यारा सुरंग के मलबे में 41 मजदूर फंसे हुए हैं जिन्हें निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं।

 

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