गांव के हजार से अधिक मतदाताओं में से किसी ने नहीं डाला वोट
छिंदवाड़ा
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) के निर्वाचन क्षेत्र छिंदवाड़ा (Chhindwara) के एक गांव के मतदाताओं ने तमाम मान-मनौव्वल के बावजूद वोट नहीं दिया. एक हजार से अधिक मतदाताओं वाले इस गांव में पोलिंग पार्टी शाम छह बजे निराश होकर जिला मुख्यालय लौट गई. दरअसल, इस गांव के एक बेटे को कांग्रेस (Congress) का टिकट न मिलने से वोटिंग बहिष्कार कर दिया गया था. वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल (Prahlad Singh Patel) ने कहा कि इस गांव की बगावत कमलनाथ की विदाई के संकेत हैं. वैसे, छिंदवाड़ा जिले में कुल 85.5 फीसदी पोलिंग हुई है.
छिंदवाड़ा जिले के शहपुरा (Shahpura) गांव में ग्रामीणों ने गांव के बेटे नीरज ठाकुर को कांग्रेस से टिकट नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ मतदान का बहिष्कार कर दिया. गांव में कुल 1064 मतदाता हैं. सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक पोलिंग पार्टी मतदाताओं का इंतजार करती रहीं, लेकिन एक भी व्यक्ति ने वोट नहीं डाला. प्रशासनिक अधिकारी भी उन्हें मानने शहपुरा पहुंचे किंतु ग्रामीण नहीं माने. स्थानीय निवासी बलदेव वर्मा और कुबेर सिंह चौधरी ने मीडिया से कहा कि गांव के बेटे को टिकट नहीं दिया, इसलिए वे मतदान में हिस्सा नहीं ले रहे. दरअसल, शहपुरा निवासी नीरज ठाकुर उर्फ बंटी पटेल चौरई विधानसभा से कांग्रेस का टिकट मांग रहे थे. टिकट नहीं मिलने पर नीरज बागी होकर चौरई सीट से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए.
शहपुरा गांव वालों ने किया वोटिंग का बहिष्कार
इसी बात से नाराज गांव के लोगों ने मतदान नहीं करने का निर्णय लिया. उधर, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं जलशक्ति राज्य मंत्री प्रह्लाद पटैल ने शहपुरा गांव वालों द्वारा मतदान का बहिष्कार करने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा "ये संकेत है, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज कमलनाथ की मध्य प्रदेश से उल्टी गिनती शुरू हो गई है. शहपुरा गांव के लोगों ने बगावत का आगाज कर दिया है. इस बूथ से भाजपा को कभी वोट नहीं मिले, इसका अर्थ है कि कांग्रेस को जनता ने सिरे से नकार दिया है. उन्होंने कहा मैंने पूरे चुनाव में यही कहा है कि छिंदवाड़ा जिले की सभी सातों सीटें कांग्रेस बुरी तरह से हार रही है और जनता ने बीजेपी को चुनने का मन बना लिया है."
पटेल ने कहा कि उन्होंने जब ये कहा था तब उन्हें नहीं पता था कि शहपुरा गांव के लोगों के दिल में क्या है? केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि जनता जान चुकी है कि कमलनाथ जनहित के लिये नहीं बल्कि अपने परिवार को बढ़ाने के लिए चुनाव मैदान में हैं.3 दिसम्बर को कांग्रेस और कमलनाथ की विदाई पर मोहर लग जाएगी.