चुनाव के बाद एक मंच पर दिखे रमन-भूपेश

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रायपुर.

सूर्य उपासना का पर्व  छठ पूजा हर्षोल्ल्सास के साथ मनाया गया। इस दौरान बने दो मंच में से एक मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की धूम रही तो दूसरे मंच पर राजनीतिक संगम की बयार देखने को मिली। दरअसल, छठ पूजा के दौरान राजीनितक दलों के नेताओं ने न सिर्फ मंच साझा किया बल्कि चेहरे पर मुस्कान बिखेरे एक दूसरे से बातचीत के साथ ही जमकर हंसी ठिठोली भी की। चुनाव के बाद पहली बार रायपुरा के महादेव घाट में छठ पूजा आयोजन समिति के मंच पर सीएम भूपेश बघेल और पूर्व सीएम रमन सिंह एक साथ दिखे। इसके अलावा रायपुर दक्षिण से बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर मेयर एजाज ढेबर और कांग्रेस नेता आरपी सिंह भक्तिमय माहौल में बातचीत करते दिखे।

दूसरी और रायपुर पश्चिम विधायक विकास उपाध्याय और पूर्व विधायक राजेश मूणत एक दूसरे से कतराते दिखे। जब विकास उपाध्याय ने मंच से भाषण देना शुरू किया तो राजेश मूणत मंच से उतरकर दूसरे कार्यक्रम के लिए रवाना हो गए। चुनाव खत्म होने के बावजूद दोनों नेताओं में राजनीतिक तल्खी दिखी। पूर्व सीएम रमन सिंह मंच पर भाषण दे रहे थे तो इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुंचे। दोनों ने एक दूसरे का सम्मान किया। भाषण खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खड़े होकर पूर्व सीएम रमन का अभिवादन किया फिर दोनों ने एक दूसरे से हाथ मिलाया। इस दौरान मंच पर बृजमोहन अग्रवाल और एजाज ढेबर की हंसी ठिठोली भी देखने को मिली।

'राजनीतिक दल की कोई सीमा नहीं होती'
मंच पर आयोजन समिति के कार्यकर्ता सीएम का स्वागत कर रहे थे। इस दौरान काफी देर तक रमन सिंह बैठे रहे। हालांकि सीएम और पूर्व सीएम ने एक दूसरे से बातचीत नहीं की, लेकिन हाथ मिलाकर एक दूसरे का अभिवादन जरूर किया। भूपेश बघेल के भाषण से पहले ही  रमन सिंह मंच से उतरकार दूसरे कार्यक्रम के लिए रवाना हो गए। इस दौरान रमन सिंह ने मीडिया से चर्चा में कहा कि छठ पूजा आयोजन समिति ने सभी को न्यौता दिया था। छठी मैया का पर्व सबके लिए है। इसलिए इसमें राजनीतिक दल की कोई सीमा नहीं होती। सभी लोग दल से ऊपर उठकर कार्यक्रम में शामिल होते हैं।

जब बृजमोहन अग्रवाल पर हुआ था हमला
हाल ही में विधायक बृजमोहन अग्रवाल पर मौदहापारा में हमला हुआ था , तो उन्होंने उस दौरान इस हमले के लिए मेयर एजाज ढेबर और उनके उनके बड़े भाई अनवर ढेबर पर आरोप लगाया था। रायपुर दक्षिण से कांग्रेस प्रत्याशी महंत रामसुंदर दास पर आरोप लगाते हुए कहा था कि महंत के गुंडों ने हार के डर से उन पर हमला किया है पर छठ पूजा में सारे आरोप दूर कर मेयर ढेबर और बृजमोहन एक दूसरे से  बातचीत और हंसी मजाक करते दिखे। इसलिए कह सकते हैं कि राजनीति में कोई एक दूसरे का विरोधी नहीं होता। इस मामले में मुहावरा 'हाथी के दांत खाने के और दिखाने के कुछ और होते हैं', सही और सटीक बैठता है।

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