यूक्रेन का खेरसॉन के पास नीपर नदी के पूर्वी किनारे पर मजबूत उपस्थिति का दावा

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यूक्रेन का खेरसॉन के पास नीपर नदी के पूर्वी किनारे पर मजबूत उपस्थिति का दावा

कीव
 यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध को शुरू हुए डेढ़ साल से अधिक होने के बाद भी जारी है। ताजा घटनाक्रम में यूक्रेन के एक शीर्ष अधिकारी ने दावा किया कि उसके सैनिकों ने खेरसॉन के नजदीक नीपर नदी के पूर्वी तट पर अपनी उपस्थिति मजबूत कर ली है। उन्होंने कहा कि यह बढ़त युद्ध में रूस की सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक अवरोधों को तोड़ने में महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख एंद्रिए येरमक ने विस्तृत जानकारी नहीं दी लेकिन पुष्टि की कि इस घटनाक्रम की चर्चा गत एक महीने से सैन्य मंच पर विस्तृत पैमाने से हो रही थी।

वाशिंगटन के रूढ़ीवादी थिंक टैंक हडसन इंस्टीट्यूट में सोमवार को अपने संबोधन में येरमक ने कहा कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद यूक्रेन की सेना ने नीपर नदी के पूर्वी तट पर अपने कब्जे को मजबूत कर लिया है।

रूसी सेनाओं ने नवंबर 2022 में खेरसॉन शहर और आसपास के इलाके को खाली कर दिया था लेकिन उनके पास जिस एकमात्र इलाके पर कब्जा है वह नीपर नदी का पश्चिमी तट है। यह नदी युद्धक्षेत्र के प्राकृतिक विभाजक के तौर पर काम कर रही है। यह यूक्रेन के सैनिकों को खेरसॉन में आगे बढ़ने और रूस के कब्जे वाले क्रीमिया प्रायद्वीप तक बढ़ने से रोकती है। इस संबंध में रूस की तरफ से किसी भी तरह की आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

बांग्लादेश में आम चुनाव की तारीख की घोषणा

ढाका
बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अवल ने देश में आम चुनाव की घोषणा कर दी है। देश में सात जनवरी को मतदान कराया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने राष्ट्र के नाम संबोधन में 12वें आम चुनाव की तारीखों की घोषणा की, जिसका सीधा प्रसारण किया गया।

बांग्लादेश के इतिहास में यह इस तरह की पहली घोषणा थी। आम चुनाव की घोषणा ऐसे समय की गई है, जब विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगी दल पारदर्शी चुनाव कराने के लिए निर्दलीय अंतरिम सरकार की मांग करते हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

हालांकि, सत्तारूढ़ अवामी लीग ने इस मांग को खारिज कर दिया है और कहा है कि चुनाव प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के तहत ही होंगे। चुनाव की घोषणा से पहले बांग्लादेशी अधिकारियों ने बुधवार को राजधानी ढाका और अन्य प्रमुख शहरों की सुरक्षा बढ़ा दी।

अगले वर्ष जनवरी में बांग्लादेश में होने वाले आम चुनाव में हसीना ने जीत का भरोसा जताया है। 2009 में दूसरी बार प्रधानमंत्री बनीं 76 वर्षीय शेख हसीना विश्व की सबसे ज्यादा समय तक किसी देश की सरकार चलाने वाली महिला हैं। इससे पहले वह 1996 से 2001 तक सत्ता में रहीं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इजराइल-हमास युद्ध पर प्रस्ताव लाने की पांचवीं कोशिश

संयुक्त राष्ट्र
 संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इजराइल-हमास युद्ध को लेकर पांचवीं बार प्रस्ताव लाने की कोशिश की जा रही है। इससे पहले चार प्रस्ताव असफल हो गए थे। देखना होगा कि क्या इस बार आम सहमति बन पाएगी या नहीं।

वर्तमान मसौदे में गाजा पट्टी में वार्ता के माध्यम से नागरिकों को आवश्यक सहायता प्रदान करने और मानवीय आश्रय का प्रावधान है। प्रस्ताव में यह भी प्रावधान है कि सभी पक्ष अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करें, जिसके लिए नागरिकों के लिए सुरक्षा की आवश्यकता होती है।

प्रस्ताव में बच्चों के लिए विशेष सुरक्षा और बंधक बनाने पर प्रतिबंध लगाए जाने की भी मांग शामिल है। लेकिन परिषद सदस्य माल्टा द्वारा मंगलवार को प्रस्तावित प्राप्त मसौदे में संघर्ष विराम का कोई उल्लेख नहीं है। इसमें सात अक्टूबर को इजरायल पर हमास के अचानक हमले का भी जिक्र नहीं है, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और लगभग 240 अन्य को बंधक बना लिया गया था। न ही यह हमास शासित गाजा में इजरायल के जवाबी हवाई हमलों और जमीनी हमले का हवाला देता है, जिसके बारे में गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि 11,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से दो-तिहाई महिलाएं और बच्चे हैं।

 

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