VHP का बड़ा खुलासा : कारोबारी खुद बनवाना चाहते थे अयोध्या में राम मंदिर

Spread the love

अयोध्या

अयोध्या के राम मंदिर निर्माण अंतिम दौर में है। जनवरी में उद्घाटन की भी संभावनाएं जताई जा रही हैं। इसी बीच खबर है कि जब मंदिर निर्माण पर चर्चा चल रही थी, तब देश के कई बड़े शीर्ष उद्योगपतियों ने खुद ही इसे बनाने की पेशकश की थी। हालांकि, बाद में इसका जिम्मा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र को सौंप दिया गया था।

 विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया कि कई कारोबारी ऐसी पेशकश लेकर VHP के पास आए थे। उन्होंने बताया कि संगठन ने सभी पेशकश को ठुकरा दिया था। उस दौरान बड़ा अभियान चला, जहां 13 करोड़ से ज्यादा परिवारों से चंदा लिया गया। हालांकि, इस दौरान उन्होंने कारोबारियों के नाम बताने से इनकार कर दिया।

उनका कहना है कि इसकी वजह अयोध्या के राम मंदिर से लोगों की भावनाओं को जोड़ना था। उन्होंने कहा कि वीएचपी के कार्यकर्ताओं ने देशभभर से धन जुटाया। उन्होंने जानकारी दी है कि 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से होने वाले उद्घाटन से पहले परिषद एकबार फिर श्रद्धालुओं तक पहुंचेगी।

उन्होंने कहा, 'यह सुनिश्चित करने का समय आ गया है कि आगामी राम मंदिर को किसी अन्य मंदिर की तरह न रखकर भारतीय संस्कृति के प्रतीक के रूप में खुद को दिखाए, जिसे पहले मुगलों ने और इसके बाद आजादी के बाद की सरकारों ने इसे तबाह किया।'

उन्होंने कहा, 'मुगलों का मकसद देश के लूटना ही नहीं था, बल्कि हिंदू संस्कृति और अयोध्या, काशी और मथुरा जैसे स्थानों पर रखे प्रतीकों को तबाह करना था।' उन्होंने बताया कि 'रामत्व' के विचार को फैलाने के लिए संगठन अलग से एक अभियान चलाएगा। उन्होंने कहा कि परिषद लोगों तक यह विचार लेकर भी पहुंचेगा कि अयोध्या में रामलला की मूर्ति के अभिषेक के समय अनुष्ठान करें। उन्होंने बताया कि ऐसा वे अपने घरों या मंदिरों में भी कर सकेंगे।

You may have missed