वक्त के साथ बदली केक की वैरायटी, फलाहारी के साथ फायर केक का भी बढ़ा चलन

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भोपाल
शहर में तैयार होने वाले केक की विदेशों में भी डिमांड है। यहां के होम बेकर कई वैरायटी में केक तैयार करती हैं, साथ ही उन्हें आनलाइन विदेशों तक में विक्रय करती हैं। देश के कई हिस्सों में उनके केकों की मांग है। जन्मदिन, सालगिरह या खुशी का कोई और अवसर हो, अब तो केक के बिना अधूरा ही लगता है। केक जहां पहले पश्चिमी सभ्यता में रचा बसा था, अब भारतीय परंपरा में भी शामिल हो चुका है। प्रतिवर्ष 26 नवंबर को नेशनल केक डे मनाया जाता है। केक खाने के शौकीन केक डे को सेलिब्रेट करते हैं। माना जाता है कि सबसे पहले केक प्राचीन ग्रीस और मिस्र में बनाया गया था। केक बनाने के बहुत सारे तरीके हैं। पहले केक कुछ ही फ्लेवर में आता था। इन दिनों मिलेट के केक की मांग ज्यादा हो रही है, जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं। वहीं मौसम के हिसाब से केक बनाए जा रहे हैं।

फायर केक में आग लगाने पर दिखता है बच्चे का नाम
होम बेकर भावना हरगुनानी ने बताया कि इन दिनों फायर केक का चलन है, जिसमें बच्चों के नाम को छुपाया जाता है। जैसे ही कागज में आग लगाई जाती है, बच्चें का नाम दिखाई देने लगता है। इसकी खासियत यह है कि इसमें उपयोग होने वाले पेपर की राख नहीं निकलती। इस केक को बनाने के लिए एक दिन का समय लगता है। इसके अलावा मेरे पास 50 से ज्यादा वैरायटीज के केक हैं। चूंकि 2023 को मिलेट वर्ष घोषित किया गया है, इसलिए मिलेट केक की भी मांग है, जो शुगर फ्री रहते हैं। सर्दी के दिनों में रम के केक बनाए जा रहे हैं, जो दो माह तक रखे जा सकते हैं। रम में ड्राय फ्रूट को भिगोकर रखा जाता है, यह केक दो सौ ग्राम से लेकर पांच किलो तक के होते है।

एक हजार फ्लेवर के केक
होम बेकर निशा बलवानी ने अपने व्यापार को इंटरनेट की मदद से ही पहचान दी है। वैसे तो वह छह वर्षों से घर में ही केक बना रही हैं, लेकिन इसे ऊंची उड़ान लाकडाउन के दौरान मिली। उन्होंने इंटरनेट की मदद से अपने केक को आनलाइन बेचने का काम शुरू किया। उन्होंने हाइजीनिक केक बनाकर अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने बेस्ट क्वालिटी और स्वादिष्ट केक बनाकर आनलाइन सेल करना शुरू किया, आज उनके पास भोपाल से बाहर से भी आर्डर आते हैं। उनके पास एक हजार फ्लेवर के केक हैं। वह स्पाइसेस शुगर फ्री, कोकोनट केलरल, फलाहारी, चाकलेट समेत अन्य तरह के केक बनाती हैं। स्पाइसेस चाकलेट स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती हैं। सिरमन चाकलेट की भी अच्छी डिमांड है।

दालचीनी, तेजपत्ता व इलाइची के केक
अब केक बनाने के तरीके में भी बदलाव किया जाने लगा है। मौसम के हिसाब से केक तैयार हो रहे हैं। अंडे की जगह सर्दी में दाल चीनी, बड़ी व छोटी इलायजी और तेज पत्ता को मिलाकर भी केक बनाए जा रहे हैं, जिसे शाकाहारी लोग भी खा सकते हैं। वहीं उपवास के लिए फलाहारी केक भी बनाए जा रहे हैं। दुकान से ज्यादा लोगों को होम बेकर के केक पसंद करने लगे हैं, क्योंकि वे काफी दिनों तक ताजा रहते हैं।

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