मूणत बोले- ‘छत्तीसगढ़ में विकास के नाम पर कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार किया’
रायपुर.
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर अमर उजाला की खास पेशकश ‘नेताजी जी कहिन’ कार्यक्रम में हम छत्तीसगढ़ के नामी-गिरामी राजनीतिक हस्तियों से सीधी बातचीत पेश करते हैं। अपने पाठकों को प्रदेश के चुनावी हालात और सियासत से रू-ब-रू कराते हैं। सियासी समीकरणों और उठापटक से अवगत कराते हैं। इस कड़ी में आज हम छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व मंत्री राजेश मूणत के साक्षात्कार को उन्हीं की जुबानी आपके सामने पेश कर रहे हैं।
सवाल: इस बार चुनाव में मुद्दे क्या होंगे?
जवाब: उम्मीद और विश्वास के साथ जनता ने कांग्रेस को बहुमत दिया था, लेकिन साढ़े चार सालों तक जन घोषणा पत्र केवल घोषणा रही। जनता अपने आप को ठगी महसूस कर रही है। राजधानी की तीन सीटें इन्हें दी थी। राजधानी की इन्होंने ऐसी दुर्गति की है कि इसके बारे में कहा नहीं जा सकता। एक भी ऐसा काम, जैसे कोई कॉलेज बना हो, कोई नया अस्पताल बना हो, कोई नया भवन बना हो, कोई नया गार्डन बना हो , कोई अंडरब्रिज बना हो, ऐसा कुछ भी नहीं है। पूरे शहर को जगह-जगह से खोदकर गड़ढापुर बना दिया है। एक ही बारिश में शहर की गली में चारों तरफ पानी भर जाता है। कानून की धज्जियां उड़ा दी है। बदमाश खुलेआम शहर के अंदर चाकू-छुरी ,गांजा चरस, अफीम आदि नशीली पदार्थों की तस्करी कर रहे हैं। रायपुर नशीले पदार्थों का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है। शासन प्रशासन कुछ कार्रवाई नहीं कर रही है। क्या अटल जी ने छत्तीसगढ़ की परिकल्पना इसीलिए की थी? सरकार बड़े-बड़े पोस्टर लगाकर कह रही है कि हमने 5 लाख लोगों को नौकरी दे दी, लेकिन जब विधानसभा में उत्तर देने का समय आता है तो सरकार 20000 का आंकड़ा भी नहीं दिखा पाती। लाखों गरीब परिवार इस आशा में बैठे हुए हैं कि मोर जमीन, मोर अधिकार मिलेगा, लेकिन न जमीन मिली, ना पट्टा मिला और न ही अधिकार मिले। बेरोजगार युवकों से सरकार ने कहा था कि बेरोजगारी भत्ता देंगे, लेकिन उसमें इतना नियम और कायदा बना दिया, जिससे युवाओं में भारी नाराजगी है। सरकार ने शराबबंदी का वादा किया था, लेकिन वह भी नहीं कर पाई है। दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी, संविदा कर्मचारी संविलियान की मांग किए थे, लेकिन आज तक नहीं हुआ। सरकार ने नौकरी देने का वादा की थी, आज तक नहीं हुआ। कमेटी के नाम पर जनता को ठगा जा रहा है। माताएं-बहनें ठगी महसूस कर रही हैं। कब शराबबंदी होगी? तीन-तीन कमेटियां, कई राज्यों का दौरा कर चुकी है, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। सरकार ने बिजली बिल हाफ की बात की थी, कुछ नहीं हुआ। उनके उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदवे खुद कर रहे हैं कि हमने 12 वादे भी नहीं पूरे कर पाए। अपने कर्मचारियों से भी हाथ जोड़ लिए थे और कहा था कि मैं शराबबंदी नहीं कर पाऊंगा। पीएम और डिप्टी सीएम के बयानों में विरोधाभास है, हम किसे सही माने।
सवाल: इस बार बीजेपी के वादे क्या होंगे?
जवाब: सबके साथ, सबका विकास हमारी प्राथमिकता है। गांव-गरीब, किसान, मजदूर, बेरोजगार, नौजवान समग्र विकास की परिकल्पना को साकार करने में सहायक बनें। गरीब परिवार को दो वक्त की रोटी मिले, बेरोजगार नौजवानों को बेरोजगार मिले, कानून व्यवस्था सुदृढ़ हो, हर व्यक्ति को आजादी के साथ जीने का हक मिले। यही हमारा उद्देश्य है और उसके लिए बीजेपी कार्य कर रही है। 15 साल बेमिसाल रहा, साढ़े चार साल में लोग चिल्ला रहे हैं कि कुछ नहीं हुआ। गौठान बनाया गया है, लेकिन वहां चारा नहीं है। मितान के नाम पर क्लब बना दिया गया, जो हमारे खिलाड़ी ओलंपिक खेलने जाते हैं, नेशनल खेलने जाते हैं, उन्हें सरकार सम्मान तक नहीं दे पाई। उनके लिए राशि की व्यवस्था नहीं कर पाई। केवल खो-खो, कबड्डी, गेड़ी खेलने से कुछ नहीं होगा। यह तो गली-मोहल्ले में खेला जाता है, ये तो हमारी संस्कृति रही है। सरकार केवल भ्रष्टाचार करने में लगी हुई है। कहां से पैसे आए, बस इसी लूट-खसोट करने में लगी है। भ्रष्टाचार के नए-नए आयाम खड़ी करने में लगी है, इसलिए आधे रेल रेल में,आधे जेल में है और आधे बेल पर हैं, यहीं सरकार की स्थिति है।
सवाल: आपका धरना-प्रदर्शन अनोखा होता है, ये कैसे प्लानिंग करते हैं?
जवाब: जब आदमी त्रस्त हो जाता है, परेशान हो जाता है, जब जनता की बातों की अवहेलना होती है, तब मजबूरन जाकर लोगों को आग्रह करना पड़ता है, लेकिन इसके बाद भी जब मांगे पूरी नहीं होती हैं तो मन में आक्रोश बढ़ता है और मैं लगातार-बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाते रहा हूं। सट्टा-महादेव एप को लेकर लगातार शासन-प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते रहा, सरकार के संरक्षण में काम कराय गय। देश की जनता छत्तीसगढ़ आती है, तो रायपुर को देखने आती है। एक समय था जब लोग रायपुर के मॉडल को देखने आते थे। पूर्व सीएम रमन सिंह, राजेश मूणत या बीजेपी को देखने नहीं आते थे। वह केवल छत्तीसगढ़ को देखने आते थे। छत्तीसगढ़ की तारीफ करते थे।
सवाल: बेरोजगारी भत्ता, पुरानी पेंशन स्कीम से बीजेपी कैसे पर पाएगी?
जवाब: हमारा उद्देश्य स्पष्ट है, सबका साथ, सबका विकास। हर व्यक्ति के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम होना चाहिए। बेरोजगार नौजवानों को रोजगार मिलना चाहिए। प्रदेश में अमन, चैन, सुख, शांति का वातावरण होना चाहिए और छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में कैसे खड़ा हो, उस पर काम होना चाहिए। आज की स्थिति में छत्तीसगढ़ कहां खड़ा है, ये चिंता का विषय है।
सवाल: पिछड़े और आदिवासी वोटर्स को लेकर कांग्रेस बीजेपी से कहीं ज्यादा आगे है, यदि ऐसा नहीं तो बीजेपी की क्या रणनीति होगी?
जवाब: कांग्रेस जाति के आधार पर राजनीति करती है। छत्तीसगढ़ मॉडल, समग्र विकास, सबके साथ, सबका विकास यह भाजपा की सोच है। जाति, वर्ग में भाजपा ने आज तक नहीं बांटा। बीजेपी का एक ही उद्देश्य है अगर मकान बनेंगे, तो सबके लिए बनेंगे। पाइप लाइन बिछेगी, तो सबके लिए, सड़क बनेगी, तो सबके लिए। स्कूल खुलेगा, तो पूरे छात्रों को मिलेगा, अस्पताल खुलेगा तो सभी को लाभ मिलेगा। यही बीजेपी की सोच है। एक समाज, एक वर्ग तबका को खुश करके छत्तीसगढ़ को विकास करना बीजेपी का मकसद नहीं है। समग्र विकास के मॉडल पर बीजेपी आगे बढ़ रही ह। वनांचल क्षेत्रों में कांग्रेस सरकार ने कोई भी एक प्रोजेक्ट लॉन्च तक नहीं कर पाई। हमने मेडिकल कॉलेज बनाया। शैक्षणिक संस्थाओं का निर्माण किया। हमने बस्तर को अमन, चैन, शांति स्थापित किया। लोगों को मूलभूत सुविधाएं दी। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछाया। कांग्रेस पार्टी ने कुछ भी नहीं किया। सरगुजा मेडिकल कॉलेज बीजेपी सरकार की देन है, लेकिन आज तक वह खड़ा नहीं हो पाया। टीएस सिंहदेव स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। कौन सा नया मेडिकल कॉलेज खड़ा कर दिए? ढाई साल के अंदर राजनांदगांव का मेडिकल कॉलेज हमने खड़ा करके दिया। वह एक भी इंफ्रॉस्ट्रक्चर तक खड़ा नहीं कर पाए। राजधानी रायपुर में ही एक भी कोई काम नहीं हुआ है, जिसका सीएम भूपेश बघेल ने लोकार्पण किया हो।