फोन उठाएंगे और जरूरत पर होगी बात, बाइडेन और जिनपिंग की मुलाकात में सिर्फ इतना समझौता

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वाशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के मुखिया शी जिनपिंग की 4 घंटे चली लंबी मुलाकात में भले ही कोई अहम समझौता नहीं हुआ है, लेकिन कई जरूरी बातों पर सहमति बनी। इस दौरान बाइडेन और शी जिनपिंग ने इस पर सहमति जताई कि वे एक-दूसरे का फोन उठाएंगे और असहमति के मामलों में बात करेंगे। जो बाइडेन ने कहा कि हमारे बीच यह बात बेहद रचनात्मक माहौल में हुई है। इसके काफी फायदे होंगे। हालांकि इसके बाद भी जो बाइडेन ने बाद में मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह अब भी शी जिनपिंग को एक तानाशाह के तौर पर ही देखते हैं।

महीनों तक दोनों देशों के बीच रहे तनाव के बाद बाइडेन और जिनपिंग की यह मीटिंग अहम थी। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इस मीटिंग से ज्यादा उम्मीदें नहीं थी, लेकिन इसके बाद भी लंबी बात हुई। इसके बाद दोनों नेकाओं की ओर से एक बयान भी जारी किया गया। अधिकारियों ने कहा कि इस मीटिंग का मकसद यही था कि अमेरिका और चीन कॉम्युनिकेशन के चैनल खुले रखेंगे ताकि किसी तरह की भ्रम की स्थिति पैदा न हो। ऐसा कोई मसला खड़ा हो तो बात हो सके और दोनों तरफ से आगे बढ़ा जा सके।

बाइडेन ने कहा कि इस दौरान हमारी चीन के राष्ट्रपति से उन कंपनियों को लेकर भी बात हुई है, जो दवाओं के लिए जरूरी केमिकल तैयार करती हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका इस बात पर पैनी नजर रखेगा कि शी जिनपिंग ने जो वादे किए हैं, उस पर अमल करते हैं या नहीं। मीटिंग में अमेरिका आसमान में चीनी जासूसी गुब्बारे देखे जाने को लेकर भी बात हुई। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस मीटिंग में हमास और इजरायल के युद्ध पर भी बात हुई। इस दौरान जो बाइडेन ही बोलते रहे, जबकि शी जिनपिंग चुपचाप सब सुन रहे थे।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बाइडेन ने जिनपिंग से कहा कि वह अपने सामर्थ्य का इस्तेमाल ईरान को युद्ध से दूर रखने में करें। ईरान लगातार यह कह रहा कि इजरायल ने गाजा पर हमले बंद नहीं किए तो जंग बढ़ सकती है। इस पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि हमने पहले ही इसे लेकर ईरान से बात की है। यही नहीं अमेरिका ने कहा कि हम हमास को फिलिस्तीन से अलग मानते हैं। इसलिए इजरायल का गाजा पर हमास के ठिकानों पर हमला करना गलत नहीं है।

 

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