इजरायल ने गाजा के सबसे बड़े शिफा अस्पताल में रात-भर गिराए बम
येरुसलम/नई दिल्ली.
इजराइल ने गाजा पट्टी के सबसे बड़े शिफा अस्पताल के पास लड़ाई तेज कर दी है। इजरायली सैनिकों और हमास चरमपंथियों के बीच यहां भीषण लड़ाई जारी है। शनिवार की पूरी रात और रविवार सुबह बड़े पैमाने पर इजरायली रक्षा बलों ने यहां हवाई हमले किए और सैंकड़ों गोले बरसाए। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल में बिजली आपूर्ति ठप पड़ने और जरूरी सामग्री की उपलब्धता कम होने से हजारों अस्पताल कर्मी औ मरीज फंसे हुए हैं।
इस हमले से पहले इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध विराम की मांग को फिर ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा कि गाजा पट्टी में हमास आतंकियों के खिलाफ उनकी लड़ाई पूरी ताकत के साथ जारी रहेगी। टेलीविजन पर दिए संबोधन में इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि युद्ध विराम तभी संभव है, जब गाजा में चरमपंथियों द्वारा बंधक बनाए गए सभी 240 लोगों को मुक्त किया जाएगा। इजराइल ने गाजा में हमास के 16 साल के शासन को पूरी तरह से खत्म करने संकल्प लिया है। उसने क्षेत्र में फंसे 23 लाख फिलस्तीनियों पर युद्ध से पड़ने वाले असर के लिए हमास को दोषी ठहराया है।
अस्पताल में चल रहा हमास का दफ्तर
गाजा शहर के रहने वालों ने शिफा अस्पताल के आसपास के क्षेत्रों में रात भर चले हवाई हमले और गोलाबारी की जानकारी दी। वहीं, इजराइल का आरोप है कि हमास ने अस्पताल परिसर के अंदर और नीचे एक कमान पोस्ट बना रखी है। वहीं, हमास और अस्पताल के कर्मचारियों ने इन आरोपों से इनकार किया है। अस्पताल में शरण लिए अहमद अल-बोरश नाम के व्यक्ति ने कहा, ‘हमने उनके आने के इंतजार में घबराहट में रात बिताई। वे बाहर हैं, लेकिन ज़्यादा दूर नहीं हैं।’
अभी अस्पताल के ताजा हालात
अस्पताल और उसके आसपास की स्थिति का पता लगाना संभव नहीं है। लेकिन, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि शिफा में अब भी 1500 मरीज हैं। साथ ही 1500 चिकित्सा कर्मी और 15000 से 20000 लोग आश्रय लिए हुए हैं। हजारों लोग शिफा और अन्य अस्पतालों से भाग गए हैं। चिकित्सकों ने कहा कि हर किसी के लिए बाहर निकलना असंभव है।
गाजा के दो अस्पतालों में काम बंद
उधर, फलस्तीनी रेड क्रिसेंट बचाव सेवा ने कहा कि गाजा सिटी का दो अस्पतालों ने ईंधन की कमी से काम करना बंद कर दिया है। रविवार को अन्य अस्पताल, अल-कुद्स अब बंद हो गया है क्योंकि यहां ईंधन खत्म हो गया है। गाजा के एकमात्र बिजली संयंत्र को एक महीने पहले इजरायल ने जबरन बंद कर दिया था। इजराइल ने इसके पीछे यह तर्क दिया है कि हमास ईंधन का इस्तेमाल सैन्य अभियानों के लिए कर रहा है।
रेड क्रिसेंट के प्रवक्ता नेबल फरसाख ने कहा कि इजरायली हमलों से विस्थापित परिवारों, मरीजों और चिकित्सा कर्मियों समेत 6000 लोग अस्पताल में फंसे हुए हैं।