आदित्य एल1 से लेकर स्पैडेक्स तक, चंद्रयान-3 के बाद ये हैं इसरो के अगले मिशन
नई दिल्ली
भारत का चंद्रयान-3 बुधवार शाम 06.04 बजे चंद्रमा पर उतरा। इसरो के कई और स्पेस प्रोजेक्ट पाइपलाइन में है। जिसमें मानव अंतरिक्ष उड़ान परियोजना भी शामिल है। आइए नजर डालते हैं चंद्रयान-3 के बाद इसरो के आगामी मिशन के बारे में।
आदित्य एल1 (Aditya L1)
आदित्य एल1 सूरज का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित वेधशाला श्रेणी का सौर मिशन है। अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंजियन बिंदु के आसपास प्रभामंडल कक्षा में स्थापित करने की योजना है, जो पृथ्वी से करीब 1.5 मिलियन किमी दूर है।
प्रमुख उद्देश्य
- कोरोनल हीटिंग और सोलर विंड अक्सेलरेशन को समझना।
- कोरोनल मास इजेक्शन, फ्लेयर्स और पृथ्वी अंतरिम मौसम की शुरुआत को समझना।
- सौर वातावरण के कपलिंग और डायनामिक्स को समझना।
- सौर पवन वितरण और तापमान अनिसोट्रॉपी को समझना।
निसार (NISAR)
निसार एक निम्न-पृथ्वी कक्षा वेधशाला है। जिसे नासा और इसरो द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया जाएगा। निसार पूरे विश्व का मानचित्रण करेगा। साथ ही पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र, बर्फ द्रव्यमान, वनस्पति बायोमास, समुद्र स्तर में बढ़ोतरी, भूकंप, सुनामी और ज्वालामुखी सहित प्राकृतिक खतरों को समझने के लिए डेटा प्रदान करेगा।
स्पैडेक्स (SPADEX)
स्पैडेक्स एक अंतरिक्ष यान मिशन है। इस अभियान में दो आईएमएस-क्लास (200 किग्रा) उपग्रह शामिल होंगे। एक चेजर और दूसरा टारगेट। दोनों अंतरिक्ष यानो को अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा।
इस मिशन का उद्देश्य
- स्वायत्त मिलन और डॉकिंग।
- डॉक किए गए कॉन्फिगरेशन में अंतरिक्ष यान को दूसरे यान की रवैया नियंत्रण प्रणाली के साथ कंट्रोल करना।
- रिमोट रोबोटिक आर्म ऑपरेशन।
मंगलयान-2 (Mangalyaan-2)
मंगलयान 2 इसरो का दूसरा इंटरप्लेनेटरी मिशन है। एजेंसी की योजना मिशन को 2024 तक लॉन्च करने की है। मार्स ऑर्बिटर मिशन में कथित तौर पर एक हाइपरस्पेक्ट्रल कैमरा, एक हाई रिजॉल्यूशन पंचक्रोमैटिक कैमरा, मार्टियन क्रस्ट, बेसाल्ट और बोल्डर गिरने को समझने के लिए एक रडार शामिल होगा।
गगनयान (Gaganyaan)
गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन अगले साल लॉन्च होगा।