7 मिनट में दिल्ली से गुरुग्राम! भारत में शुरू होने जा रही है Air-Taxi, जानें डिटेल

Spread the love

नईदिल्ली

देश का ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम तेजी से बदल रहा है, बेहतर यातायात सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए फास्ट ट्रेनें, सस्ती फ्लाइट, रैपिड-मेट्रो के साथ ही अब देश की पहली एयर-टैक्सी (Air Taxi) सर्विस लॉन्च करने की तैयारी हो रही है. देश की प्रमुख विमानन कंपनी इंडिगो (Indigo) की मूल कंपनी इंटरग्लोब एंटरप्राइजेज (IGI) ने 2026 में भारत में एक ऑल-इलेक्ट्रिक टैक्सी हवाई सेवा शुरू करने की योजना बनाई है.

कंपनी ने इस प्रोजेक्ट के लिए कैलिफोर्निया बेस्ड एक प्रमुख इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी कंपनी, आर्चर एविएशन (Archer Aviation) के साथ समझौता किया है, जिसे बोइंग, यूनाइटेड एयरलाइंस और स्टेलेंटिस जैसे ब्रांड्स की सपोर्ट प्राप्त है. बताया जा रहा है कि, इस साझेदारी के तहत भारत में ऑपरेशन के लिए, कंपनी आर्चर से 200 इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (eVTOL) एयरक्रॉफ्ट खरीदेगी. 

 

7 मिनट में तय होगी 90 किमी की दूरी: 

IGI ने एक बयान में कहा, हमारा लक्ष्य यह है कि इंटरग्लोब-आर्चर उड़ान में एक यात्री कनॉट प्लेस से गुरुग्राम तक की 27 किलोमीटर की यात्रा को लगभग सात मिनट में पूरा कर सके, जिसमें आमतौर पर कार द्वारा 60 से 90 मिनट लगते हैं. इस एयरटैक्सी को मिडनाइट नाम दिया गया है जिसमें पायलट के अलावा चार-यात्री बैठ सकते हैं. सिंगल चार्ज में इसकी रेंज लगभग 150 किमी है, जिसे मिनिमम चार्ज टाइम के साथ तेजी से बैक-टू-बैक उड़ान भरने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

इंडिगो और आर्चर एकसाथ मिलकर बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने, विमान का संचालन करने और फंडिंग के लिए काम करेंगे. इस प्रोजेक्ट तहत बेहतर ऑपरेशन के लिए पायलटों और अन्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए भी दोनों कंपनियां मिलकर काम करेंगी. इंटरग्लोब ग्रुप के एमडी राहुल भाटिया और आर्चर सीसीओ निखिल गोयल ने गुरुवार को एक प्रस्तावित साझेदारी बनाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है. 

कब शुरू होगी एयर-टैक्सी: 

यदि सबकुछ योजना के अनुसार हुआ तो बताया जा रहा है कि, 2026 तक भारत में पहली एयर-टैक्सी सर्विस को शुरू कर दिया जाएगा. हालांकि अभी केवल दोनों कंपनियों के बीच करार हुआ है और अभी कई अलग-अलग चरणों से होकर गुजरना होगा. अर्बन एयर टैक्सियों के अलावा, दोनों कंपनियां भारत में इलेक्ट्रिक विमान के लिए कार्गो, लॉजिस्टिक्स, चिकित्सा और आपातकालीन सेवाओं के साथ-साथ निजी कंपनी और चार्टर सेवाओं सहित कई अन्य प्रोजेक्ट्स पर भी एक साथ आगे बढ़ने की योजना भी बना रही है. 

 

दशकों से भारत में टैक्सी का चलन

बता दें कि भारत में टैक्सी का चलन दशकों से है. लेकिन, बीते कुछ सालों में टैक्सी बुकिंग के तरीके काफी हद तक बदल गए हैं. अब कई टैक्सी कंपनी आ गई है जो मोबाइल के जरिए ऑनलाइन बुकिंग की फैसिलिटी देते हैं. कई शहरों में कारों के साथ-साथ बाइक टैक्सी भी उपलब्ध हैं. लेकिन, अब आने वाला समय में कुछ नया होने वाला है. अब 2026 में लोग जमीन के साथ- साथ आसमान में भी टैक्सी जैसा सफर कर सकेंगे. बताया जा रहा है कि दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर जैसे बड़े शहरों में ये सेवा बहुत जल्द शुरू हो सकती है. जिसके लिए इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एंटरप्राइजेज अमेरिका की इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक ऑफ और लैंडिंग विमान आर्चर एविएशन के साथ हाथ मिलाया है. दोनों कंपनियां देश में इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी सेवा 2026 में शुरू करने की योजना बना रही हैं. हाल ही में कंपनी की ओर से दिए गए बयान में कहा गया है कि इस फ्लाइंग टैक्सी सर्विस के साथ इंटरग्लोब-आर्चर उड़ान का लक्ष्य यात्रियों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कनॉट प्लेस से हरियाणा के गुरुग्राम तक पांच से सात मिनट में ले जाने का है. फिलहाल इसी रास्ते को तय करने में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है.

4 लोगों के बैठने की क्षमता

इसके एक विमान में चार लोगों के बैठने की क्षमता होगी. यानी, यह 4-सीटर एयर टैक्सी होगी. इसके लिए किसी रनवे की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. यह हेलीकॉप्टर की तरह वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग कर सकेंगे. आर्चर दावा करती है कि उसके विमान 240 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से 160 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम है. इन टैक्सियों का लक्ष्य ट्रैफिक को कम करते हुए शहरी मुख्य इलाकों को उपनगरों से जोड़ना है. एयर टैक्सियां लगभग 1,000 से 2,000 फीट की ऊंचाई पर 180 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं, लेकिन नासा की मानें तो ये 5 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकती हैं.

इन विमानों की खासियत ये है कि इन्हें आधी रात में चलाया जा सकता है. इन्हें ज्यादा चार्ज नहीं करना पड़ता और इनसे बैक-टू-बैक उड़ाने भरी जा सकती हैं. बता दें भारत दुनिया में ईवीटी ओएल विमानों के उपयोग के लिए सबसे बड़े अवसरों में से एक है, क्योंकि ये देश 1.4 बिलियन से अधिक लोगों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी आबादी का घर है. इसके साथ ही दिल्ली, मुंबई और बैंगलोर जैसे इसके सबसे बड़े शहर दुनिया में सबसे बड़ी भीड़भाड़ वाली चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो इंडिगो फिलहाल 63 प्रतिशत से अधिक की घरेलू बाजार हिस्सेदारी के साथ देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है. इसके पास ऑर्डर पर लगभग 970 विमान हैं.

इन एयर टैक्सियों के किराए की बात करें तो शुरुआत में इसके ज्यादा होने की उम्मीद है. अनुमानित तौर पर ये किराया भारतीय रुपयों में 29 से 30 हजार तक हो सकता है, लेकिन बाद में प्रयोग सफल होने पर और भारतीय बाजार को देखते हुए इसके कम होने की भी उम्मीदें हैं. हालांकि एयर टैक्सी की सुविधा से कई फायदे नजर आ रहे हैं जैसे लोगों के समय में बचत होगी और ट्रैफिक में भी कमी देखने को मिलेगी.

 

कितनी उड़ान भर सकती हैं एयर टैक्सियां
इन टैक्सियों का लक्ष्य ट्रैफिक को कम करते हुए शहरी मुख्य इलाकों को उपनगरों से जोड़ना है. एयर टैक्सियां लगभग 1,000 से 2,000 फीट की ऊंचाई पर 180 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं, लेकिन नासा की मानें तो ये 5 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकती हैं.

मॉर्गन स्टेनली की रिसर्च के अनुसार, प्राइवेट शहरी विमान बाजार 2040 तक 1.5 ट्रिलियन डॉलर का हो सकता है. फ्रॉस्ट एंड सुलिवन द्वारा एक दूसरे शहरी वायु गतिशीलता (यूएएम) अध्ययन में दुबई में 2022 में एयर टैक्सियों की शुरुआत और 2040 तक परिचालन में लगभग 46% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर के साथ 4,30,000 से अधिक इकाइयों तक विस्तार होने की संभावना है.

इन वायुयानों को बनाया जाएगा एयर टैक्सी
हवाई टैक्सी के लिए मल्टीकॉप्टर, वेक्टर्ड थ्रस्ट और लिफ्ट प्लस क्रूज जैसे हेलीकाप्टरों का इस्तेमाल किया जाएगा. इनमें से ज्यादातर में 3 से 4 यात्री सफर कर सकेंगे.

मल्टीकॉप्टर बिल्कुल हेलीकॉप्टर की तरह दिखते हैं. उनके पंख नहीं होते और वो कम दूरी तक उड़ते हैं, इन हेलीकाप्टरों को बनाना भी आसान होता है और उद्योगों को उन्हें प्रमाणित करना भी आसान होता है.

इसके अलावा वेक्टर्ड थ्रस्ट और लिफ्ट क्रूज में रोटार और पंखों को जोड़ा जाता है. एक लिफ्ट-प्लस-क्रूज हेलीकॉप्टर हवा में उठने के लिए रोटार के एक सेट का उपयोग करता है और अपने गंतव्य तक जाने के लिए दूसरे सेट का उपयोग करता है. 

वहीं एक वेक्टर्ड-थ्रस्ट एयर टैक्सी रोटर्स के एक सेट का उपयोग करती है. वो विमान को जमीन से ऊपर उठाते हैं, फिर उसे आगे बढ़ाने के लिए झुकाते हैं. 

इसके अलावा हाल ही में जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में इस बात की जानकारी दी गई है कि साझेदारी में भारत के संचालन के लिए आर्चर के 200 मिडनाइट विमानों को खरीदने की योजना बनाई जा रही है.

इन विमानों की खासियत ये है कि इन्हें आधी रात में चलाया जा सकता है. इन विमानों में 4 लोगों के बैठने की क्षमता होती है. इन्हें ज्यादा चार्ज नहीं करना पड़ता और इनसे बैक-टू-बैक उड़ाने भरी जा सकती हैं. 

इंटरग्लोब के समूह प्रबंध निदेशक राहुल भाटिया ने कहा है कि पिछले दो दशकों से इंटरग्लोब देश भर में करोड़ों भारतीयों को सुरक्षित, कुशल और किफायती परिवहन प्रदान करने में शामिल रहा है. हम आर्चर को पेश करके एक प्रभावी, भविष्यवादी और टिकाऊ परिवहन समाधान लाने के इस नए अवसर को लेकर काफी उत्साहित हैं.

बता दें भारत दुनिया में ईवीटी ओएल विमानों के उपयोग के लिए सबसे बड़े अवसरों में से एक है, क्योंकि ये देश 1.4 बिलियन से अधिक लोगों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी आबादी का घर है. इसके साथ ही दिल्ली, मुंबई और बैंगलोर जैसे इसके सबसे बड़े शहर दुनिया में सबसे बड़ी भीड़भाड़ वाली चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.

आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो इंडिगो फिलहाल 63 प्रतिशत से अधिक की घरेलू बाजार हिस्सेदारी के साथ देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है. इसके पास ऑर्डर पर लगभग 970 विमान हैं.

कितना होगा किराया?
इन एयर टैक्सियों के किराए की बात करें तो शुरुआत में इसके ज्यादा होने की उम्मीद है. अनुमानित तौर पर ये किराया भारतीय रुपयों में 29 से 30 हजार तक हो सकता है, लेकिन बाद में प्रयोग सफल होने पर और भारतीय बाजार को देखते हुए इसके कम होने की भी उम्मीदें हैं.

ये नुकसान भी
हालांकि एयर टैक्सी की सुविधा से कई फायदे नजर आ रहे हैं जैसे लोगों के समय में बचत होगी और ट्रैफिक में भी कमी देखने को मिलेगी लेकिन इसके आने से कुछ परेशानियां भी आंएगी.

जैसे इन हेलिकॉप्टरों को रन वे या ऑन द ग्राउंड की जरूरत तो नहीं होगी लेकिन उनके लिए समर्पित एयर कॉरिडोर और स्काई हार्बर निर्मित करना होगा. साथ ही आसमान में पक्षियों के लिए भी ये हेलिकॉप्टर मुश्किलें बढ़ा सकते हैं. 

इसके अलावा निर्माताओं और ऑपरेटरों को ये भी दिखाना होगा कि सवारियों को या नीचे जमीन पर मौजूद लोगों को इनसे कोई नुकसान नहीं होगा.                                                                                                                                                                         

You may have missed