SC ने ऑड-ईवन को बताया ‘दिखावा’, दिल्ली सरकार हलफनामे में गिनाए फायदे

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नई दिल्ली

ऑड-ईवन पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद दिल्ली सरकार ने सर्वोच्च अदालत में हलफनामा दायर करके इसका बचाव किया है। सरकार ने इस फॉर्मूले को सही ठहराते हुए इसके कई फायदे बताए हैं। हालांकि, सरकार ने यह भी कहा है कि उसने इस पर खुद कोई स्टडी नहीं की है, बल्कि कुछ अन्य एजेंसियों की ओर से किए गए सर्वे का हवाला दिया है। 

सुप्रीम कोर्ट की ओर से ऑड-ईवन को 'दिखावा' बताए जान के दो दिन बाद केजरीवाल सरकार ने यह हलफनामा दाखिल किया है। इसमें यह भी कहा गया है ऑड-ईवन की वजह से सड़कों पर लगने वाले जाम में भी कमी आई। दिल्ली सरकार की ओर बताया गया है कि ऑड-ईवन के दौरान सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल बढ़ा और ईंधन खपत में 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

सरकार ने कहा, 'डीटीएमटीएस रिपोर्ट के नतीजे सकारात्मक संकेत देते हैं कि ऑड-ईवन के दौरान वाहनों की वजह से होने वाले वायु प्रदूषण में कमी दर्ज की गई। इसके अलावा सड़कों पर लगने वाले जाम में कमी आई और सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल में इजाफा हुआ।' दिल्ली सरकार ने दिल्ली से बाहर पंजीकृत टैक्सियों पर रोक क्यों नहीं लगाई? इस सवाल के जवाब में अरविंद केजरीवाल सरकार ने जवाब दिया है कि पूर्ण प्रतिबंध संभव नहीं है। हालांकि, ईंधन के प्रकार के आधार पर प्रतिबंध पर विचार किया जा सकता है।

दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' स्थिति में पहुंचने के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार ने 13 से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन स्कीम का ऐलान किया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से इस पर सवाल उठाए जाने के बाद सरकार ने फिलहाल इसे टाल दिया है। बुधवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की समीक्षा के बाद इस पर कोई फैसला लिया जाएगा। ऑड-ईवन के तहत एक चार पहिया वाहनों को नियंत्रित किया जाता है। ऑड डेट पर ऐसे वाहनों को चलने की अनुमति होती है, जिनके नंबर का आखिरी अंक, 1,3,5,7 और 9 होता है, जबकि ऑड डेट पर 0,2,4,6,8 नंबर वाले वाहनों को चलने की छूट होती है।

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