बिहार विधानसभा से आरक्षण का दायरा बढ़ाने वाला बिल पास, अब होगा 75 फीसदी

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 पटना

बिहार विधानसभा में आरक्षण का दायरा 60 से 75 फीसदी बढ़ाने वाला बिल गुरुवार को पास कर दिया गया। मंगलवार को आरक्षण का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव को नीतीश कैबिनेट से मंजूरी मिली थी। वहीं विपक्ष ने भी इस पर अपनी सहमति जताई थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को सदन में कहा था कि सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक सर्वे के आधार पर पिछड़ों की संख्या 27.12, अति पिछड़ों की 36.01, एससी की 19.65, एसटी की 1.68 व सामान्य वर्ग की 15.52 हो गयी है। समय के अनुसार आरक्षण सीमा बढ़ाने की जरूरत है। इसीलिए हमने प्रस्ताव दिया। अनुसूचित जाति (एससी) का आरक्षण बढ़ाकर 20 और एसटी का 2 जबकि पिछड़ा-अति पिछड़ा का आरक्षण बढ़ाकर 43 फीसदी करने का प्रस्ताव है। इसी में पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को दिया जाने वाला तीन फीसदी आरक्षण भी समायोजित होगा।

सीएम नीतीश ने कहा था कि पिछड़ा वर्ग की महिलाओं का 3 आरक्षण पिछड़ा-अतिपिछड़ा के कोटा में शामिल होगा। तमाम रिपोर्ट केंद्र सरकार को भी भेजेंगे। अनुरोध करेंगे कि वो भी जातीय जनगणना करें। इस आधार पर विकास योजना बनाने में मदद मिलेगी। केंद्र को इससे लाभ भी होगा।

ऐसे समझिए आरक्षण का नया फार्मूला

– दलित- पिछड़ा वर्ग को 15 फीसदी अधिक कोटा
– अतिपिछड़ा वर्ग को 07 फीसदी अधिक का लाभ
– पिछड़ा वर्ग को अब 6 फीसदी अधिक आरक्षण
– अनुसूचित जाति- जनजाति का कोटा 04 फीसदी बढ़ेगा
– आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों का कोटा 10 फीसदी ही रहेगा
– 25 फीसदी अनारक्षित सीटों के लिए चयन मेधा से होगा

 

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