भृष्ट सरपंच सचिव को पद से हटाने ग्रामीणों ने किया नेशनल हाईवे तीन घण्टा जाम ग्रामीणों को मनाने अधिकारियों के छूटे पसीने….

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कृष्णा मेश्राम (सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़ संवाददाता)

नवापारा राजिम- शासकीय कामों में भ्रष्टाचार और पंचायत में आए हुए पैसे को गबन के मामले को लेकर कोपरा के ग्रामीण उग्र होते दिखाई दे रहे हैं।

ग्राम पंचायत कोपरा में इन दिनों सरपंच-सचिव की कार्यप्रणाली को लेकर गांव दो गुटों में बंट गया है। सरपंच व सचिव के भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर ग्रामीणों ने रविवार को नेशनल हाईवे 130 सी पर सुबह 11 बजे से चक्काजाम किया गया।

जो 3 घण्टे बाद जनपद सीईओ व तहसीलदार के लिखित आश्वासन के बाद दोपहर 2 बजे चक्काजाम खोला गया। इस दौरान ग्रामीणों को समझाने में अधिकारियों के पसीने छूट गए। ग्राम पंचायत कोपरा में सरपंच-सचिव के कार्यप्रणाली व उनके द्वारा किये गए विभिन्न भ्रस्टाचार पर शिकायत के बावजूद कार्रवाई नही होने से क्षुब्ध ग्रामीण इस बार आक्रोशित तेवर दिखाते हुए रविवार को नेशनल हाईवे पर चक्काजाम कर दिया। इस दौरान ग्रामीणों की काफी भीड़ रही। जो सरपंच- सचिव हटाओ, गांव बचाओ के नारे लगाते हुए मार्ग में आने वाले सभी वाहनों को लिखित आश्वासन मिलने तक रोककर रखा था। वही कुछ एमरजेंसी को वाहनों को आने जाने दिया जा रहा था। कृषि समिति के अध्यक्ष भानुप्रताप साहू, उपसरपंच राजेश यादव, डोमेश्वर यादव, रिकेश साहू, यामिनी साहू, केंवरा साहू आदि ग्रामीणों ने सरपंच-सचिव के ऊपर कार्रवाई के लिए ज्ञापन में पांच बिंदु में कार्रवाई करने की बात कहा गया था कि रेत घाट के लिए स्वीकृत खसरा नंबर में रेत उत्खनन न कर पाने की स्थिति में रेत माफियाओं को बिना प्रशासन की अनुमति से सरपंच द्वारा अपनी ही मर्जी से अन्य खसरा नंबर में रेत उत्खनन का स्वीकृति दिया गया। जिसे ही रेत माफियाओं द्वारा बारिश काल के लिए सैकड़ों हाइवा ट्रिप डंप किया गया है।

वही सरपंच द्वारा 14वे व 15वे वित्त की राशि को हड़पने की नीयत से अपने पति के बैंक खाते में हस्तांतरित करना। इसीतरह पिछले पंचवर्षीय में सरपंच द्वारा स्वच्छ भारत मिशन व मनरेगा के तहत ग्राम के अनेक हितग्राहियों का दोनो ही सूची में नाम दर्शाकर एक मद से शौचालय बनवाकर दूसरे मद की राशि का लगभग 70 लाख रुपये गबन की शिकायत। इसके अलावा ग्राम के भंगा डबरी को 14वे वित्त की राशि से पटवा दिया गया। जिसकी शिकायत पर तत्कालीन जिला सीईओ द्वारा जांच कर कार्रवाई के लिए एसडीएम राजिम को प्रस्तुत किया गया। लेकिन अब तक सरपंच के ऊपर कोई कार्रवाई न होना। वही पंच व पंच पतियों के बैंक खाते में हजारो रुपये फर्जी तरीके से डाला गया। जिसकी शिकायत जनपद सीईओ से करने पर भी कोई कार्रवाई न होना। इन सभी शिकायतों पर किये गए चक्काजाम शुरू होते ही पाण्डुका थाना अपने दल बल सहित प्रदर्शन स्थल में पहुंच गए थे। जो भीड़ को उग्र होने से रोके हुए थे। लेकिन जैसे जैसे प्रदर्शनकारियों की भीड़ बढ़ती देख अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व गरियाबंद थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह श्याम सहित भारी मात्रा में कोपरा के प्रदर्शन स्थल पहुंच कर भीड़ को काबू करने की कोशिश करते रहे।

लेकिन भीड़ जब तक सरपंच सचिव के ऊपर कोई ठोस कार्रवाई नही होने की दशा में प्रदर्शन स्थल को छोड़ने तैयार नही थे। राजस्व विभाग विभाग से पहुंचे तहसीलदार अनुपम टोप्पो, नायब तहसीलदार अंकुर रात्रे ने भी भीड़ को हटाने गांव के जनप्रतिनिधियों से बात किये। लेकिन जनप्रतिनिधियों ने भी ठोस कार्रवाई के बाद ही भीड़ हटाने की बात कही।

तहसीलदार व जनप्रतिनिधियों की बात लंबी चली जिसमे तहसीलदार के पसीने छूटते दिखाई दिए। इन सबसे कोई नही निकलते देख जनपद सीईओ केके डहरिया प्रदर्शन स्थल पहुंचकर कांजी हाउस के ताला को खोलने की बात कही और पंचायत सचिव उत्तम साहू को तत्काल प्रभाव से हटाया गया। वही सरपंच डॉ डाली साहू के खिलाफ धारा 39 के तहत सोमवार को अनुशंषा कर जिला पंचायत सीईओ को भेजा जाएगा। तथा सरपंच के वित्तीय पावर पर रोक लगाते हुए पूर्व में सरपंच के खिलाफ लंबित मामलों पर 10 दिवस के भीतर जांच उपरांत कार्रवाई करने ग्रामीणों को लिखित में आश्वासन दिया गया। तब जाकर कहि ग्रामीण शांत हुए।

वही चक्काजाम समाप्त की घोषणा होते ही चक्काजाम में उपस्थित भीड़ को पता चला कि रविवार को भी पंचायत सचिव उत्तम साहू पंचायत भवन में अंदर से ताला लगाकर कुछ काम करने की जानकारी मिलते ही एक बार ग्रामीण फिर उग्र हो गए, और पंचायत भवन पहुंच कर ताला खोलवाकर कुछ कार्य कर रहे सचिव को कार्य करने से मना किया गया। और पाण्डुका पुलिस की उपस्थिति में सील पंचनामा कर दस्तावेज रखे कमरे को सील किया गया। इस प्रदर्शन के दौरान कृषि विकास समिति अध्यक्ष भानुप्रताप साहू, पूर्व जनपद सदस्य नारायण साहू, डीहु साहू, विजय साहू, रिकेश साहू, उपसरपंच राजेश यादव कमलेश साहू,महेश साहू, सुरेश साहू, मोतीलाल साहू, ठाकुर राम साहू, ओंकार सिंह ठाकुर, नंदकुमार साहू, अवध सिन्हा, डोमेश्वर यादव, नारायण साहू, यामिनी साहू, केंवरा साहू, योगेश्वरी साहू आदि सैकड़ो महिला पुरूष शामिल थे।

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