महादेव एप केस में वायरल वीडियो पर बवाल
रायपुर.
महादेव सट्टेबाजी एप मामले में एक वायरल वीडियो को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति में बवाल मचा हुआ है। मामले में बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे को घेरने में लगी हुई है। दुबई से वायरल हुए इस वीडियो में शुभम नाम का एक व्यक्ति दावा करते हुए अपने आप को महादेव बुक एप का ऑनर बता रहा है। इतना ही नहीं वह सट्टेबाजी के पैसे के लेन-देन को लेकर सीएम के राजनीतिक सलाहकार और सीएम पर आरोप लगा रहा है।
इस वीडियो के वायरल होने के बाद प्रदेश में जमकर हंगामा मचा हुआ है।
इस केस को लेकर जहां बीजेपी ने कांग्रेस पर सवाल खड़े किए हैं तो वहीं सीएम भूपेश बघेल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी प्रदेश कार्यालय रायपुर में पार्टी के केन्द्रीय मीडिया संयोजक एवं प्रयागराज विधायक सिध्दार्थनाथ सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महादेव एप के सूत्रधार शुभम सोनी के वीडियो को दिखाते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जब मेड़ ही खेत खाने लगे तो बेचारा खेत (जनता) क्या कर सकता है। उन्होंने कहा कि दुबई में बैठा आरोपी स्वयं वीडियो भेजकर महादेव एप की सारी कथा सुनाते हुए बता रहा है कि महादेव एप के तार कहां-कहां और किस-किस तक जुड़े हुए है। उसने स्पष्ट तौर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, मुख्यमंत्री के बेटे बिट्टू, एक पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल और स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस सिंडिकेट में शामिल बताया है। भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री के पद पर तीस दिन तो क्या एक मिनट भी बैठने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
‘भूपेश बघेल इस्तीफा दें’
भाजपा केन्द्रीय मीडिया संयोजक सिध्दार्थनाथ सिंह ने कहा कि भूपेश बघेल फौरन मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर जनता के बीच जाएं और बताएं कि यह जो शुरुआती 5000 करोड़ का महादेव एप घोटाला है जिसके जरिये छत्तीसगढ़ की जनता को लूटा गया है और इतना ही नहीं शुभम को दुबई भेजकर सट्टे का कारोबार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। यह स्पष्ट हो चुका है कि सत्ता के संरक्षण में महादेव एप ने जन्म लिया और फला-फूला है। शुभम सोनी है वह व्यक्ति है जिसको ईडी ने समन भी किया था वह आया नहीं था मगर उसने एक अपना वीडियो भेजा है, यह अनकट है। इसलिए मीडिया के इसे पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महादेव एप का वन ऑफ द ओनर जो कह रहा है उससे कुछ चीज साफ होती है। शुभम सोनी सिंडिकेट ऑपरेट कर रहा था। इस सिंडिकेट का पॉलिटिकल माध्यम क्या था, इस सिंडिकेट का या पॉइंट ऑफ कांटेक्ट क्या था उन्होंने बार-बार वर्मा का नाम लिया है जो कि आप सब जानते हैं।
‘वीडियो में सौरभ चंद्राकर का भी नाम है’ उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कवर्धा का एक एसपी है उनका नाम है अभिषेक। पुलिस वाले किस तरह से चैनल चलाते हैं। सौरभ चंद्राकर का भी नाम है। आरोपी खुद बता रहा है कि रुपए एठने की शुरुआत 10 लाख रुपए से हुई उसे मुख्यमंत्री से मिलवाते हैं, वर्मा से मिलवाते हैं। चंद्राकर और रवि उप्पल से उसकी भेंट हो जाती है उसके साथ वह बिजनेस करता है उनको अपना एडवाइजर रख लेता है, वे कौन लोग हैं? ये जांच का विषय है।
सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर किया पलवटवार
मामले में सीएम भूपेश बघेल ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट कर लिखा कि ‘आज कुछ समाचार चैनलों ने एक वीडियो दिखाया है जिसमें एक व्यक्ति यह दावा कर रहा है कि वह मुझसे मिला और मैंने उसे संरक्षण देने का आश्वासन दिया और उसे दुबई जाकर व्यवसाय करने का भी सुझाव दिया। मुझे आश्चर्य है कि एक अनजान व्यक्ति के बयान को सभी जिम्मेदार टीवी चैनल किस आधार पर चला रहे हैं? सिर्फ इस आधार पर कि इसमें मेरा नाम है? क्या यह मानहानि का मामला नहीं है? यह कोई रहस्य नहीं है कि ये वीडियो क्यों आया है और कैसे आया है और यह भी समझना कठिन नहीं है कि ऐन चुनाव के वक्त ऐसा बयान भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए ही जारी किया गया है। यह भी हर कोई समझ रहा है कि ईडी को हथियार बनाकर ही ऐसा किया जा रहा है। दरअसल भाजपा अब ईडी के सहारे ही चुनाव लड़ रही है और मुझे बदनाम करने के लिए ईडी का इस्तेमाल कर रही है। पहली बात तो यह कि मैं इस व्यक्ति को नहीं जानता और न मैं कभी इससे उस तरह मिला हूं, जैसा कि वह दावा कर रहा है। वह किसी सभा समारोह का हिस्सा रहा हो तो मैं नहीं कह सकता। दूसरी बात यह है कि यह व्यक्ति दावा कर रहा है कि वह ‘महादेव ऐप’ का मालिक है। आश्चर्य की बात है कि यह बात महीनों से इस मामले की जांच कर रही एजेंसी ईडी को भी अभी तक पता नहीं थी और दो दिन पहले तक ईडी उसे मैनेजर बता रही थी। छत्तीसगढ़ की जनता सब जान-समझ रही है। वह भाजपा और उसकी सहयोगी ईडी को चुनाव में करारा जवाब देगी।’
सीएम ने दूसरे ट्वीट में लिखा कि ‘आख़िरकार केंद्र सरकार को होश आया और उसने ‘महादेव ऐप’ पर बैन लगाने का फ़ैसला किया। मैं कई महीनों से सवाल पूछ रहा हूं कि सट्टा खिलाने वाले इस ऐप पर केंद्र सरकार बंद क्यों नहीं रही है। मैंने तो यहां तक कहा था कि शायद 28 प्रतिशत जीएसटी के लालच में प्रतिबंध नहीं लग रहा है या फिर भाजपा का ऐप संचालकों से लेन-देन हो गया है। आश्चर्य है कि ईडी महीनों से इस मामले की जांच कर रही है और फिर भी ऐप का संचालन लगातार होता रहा अब केंद्र सरकार को होश आ ही गया है तो अच्छा है कि इस ऐप के संचालकों को भी दुबई से यथाशीघ्र गिरफ़्तार कर भारत लाया जाए। छत्तीसगढ़ पुलिस ने ही सबसे पहले उनके ख़िलाफ़ लुक-आउट नोटिस जारी किया था। उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस भी रिमांड में लेकर पूछताछ करना चाहेगी क्योंकि यहां तो सबसे पहले उनके ख़िलाफ़ मामले दर्ज हुए हैं।’