पहले चरण की 10 VIP सीटों पर बीजेपी-कांग्रेस के प्रत्याशियों के बीच कड़ी टक्कर
रायपुर.
छत्तीसगढ़ चुनाव के पहले चरण में प्रदेश की 20 विधानसभा सीटों में से 10 सीटें वीआईपी यानी हाई प्रोफाइल हैं। वहीं दूसरे चरण में 70 विधानसभा सीटों में से 34 सीटें वीआईपी हैं। कुल मिलाकर प्रदेश में 43 सीटें हाई प्रोफाइल हैं। इन सीटों पर बीजेपी, कांग्रेस और जेसीसीजे के दिग्गज नेताओं के बीच मुकाबला होगा। भाजपा, कांग्रेस और जेसीसीजे के प्रत्याशी एक दूसरे को कड़ी टक्कर देंगे।
पहले चरण के लिए 7 नवंबर को प्रदेश में चुनाव कराए जाएंगे। इसके तहत छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित संभाग बस्तर की 12 सीटों और दुर्ग संभाग के नक्सल प्रभावित जिले राजनांदगांव, कवर्धा और खैरागढ़ की विधानसभा सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे। पहले चरण में प्रदेश की कुल 20 विधानसभा सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे। इसके लिए निर्वाचन आयोग ने पूरी तैयारी कर रखी है। इसके बाद 17 नवंबर को प्रदेश की कुल 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे।
यहां देखें पहले चरण की 10 हाई प्रोफाइल वीआईपी सीटें-
नारायणपुर से बीजेपी प्रत्याशी केदार कश्यप के सामने कांग्रेस प्रत्याशी चंदन कश्यप
कोंडागांव से बीजेपी प्रत्याशी लता उसेंडी के सामने कांग्रेस प्रत्याशी मोहनलाल मरकाम
केशकाल से बीजेपी प्रत्याशी नीलकंठ टेकाम के सामने कांग्रेस प्रत्याशी संतराम नेताम
दंतेवाड़ा से बीजेपी प्रत्याशी चेतराम अरामी के सामने कांग्रेस प्रत्याशी छविंद्र महेंद्र कर्मा
अंतागढ़ से बीजेपी प्रत्याशी विक्रम उसेंडी के सामने कांग्रेस प्रत्याशी रुप सिंह पोटाई
कोंटा से बीजेपी प्रत्याशी सोयम मुका के सामने कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा
चित्रकोट से बीजेपी प्रत्याशी विनायक गोयल के सामने कांग्रेस प्रत्याशी दीपक बैज
बीजापुर से बीजेपी प्रत्याशी महेश गागड़ा के सामने कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम मंडावी
राजनांदगांव से बीजेपी प्रत्याशी रमन सिंह के सामने कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश देवांगन
कवर्धा से बीजेपी प्रत्याशी विजय शर्मा के सामने कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद अकबर
40 लाख 78 हजार मतदाता करेंगे 223 उम्मीदवारों के किस्मत का फैसला
इस बार के चुनाव में प्रथम चरण के 20 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 223 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। जिनमें 198 पुरुष और 25 महिला शामिल हैं। राज्य में प्रथम चरण में मतदान वाले अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र में 13, भानुप्रतापपुर में 14, कांकेर में 9, केशकाल में 10, कोंडागांव में 8, नारायणपुर में 9, बस्तर में 8, जगदलपुर में 11, चित्रकोट में 7, दंतेवाड़ा में 7, बीजापुर में 8 , कोंटा में 8, खैरागढ़ में 11, डोंगरगढ़ में 10, राजनांदगांव में 29, डोंगरगांव में 12, खुज्जी में 10, मोहला-मानपुर में 9, कवर्धा में 16 तथा पंडरिया में 14 अभ्यर्थी निर्वाचन में भाग ले रहे हैं।
प्रथम चरण के कुल मतदाता
प्रथम चरण में कुल मतदाता- 40 लाख 78 हजार 681
पुरुष मतदाता- 19 लाख 93 हजार 937
महिला मतदाता- 20 लाख 84 हजार 675
तृतीय लिंग मतदाता- 69
कुल मतदान केंद्र -5304
संगवारी मतदान केंद्र- 200
20 सीटों पर मतदान का अलग-अलग समय
पहले चरण की 20 सीटों पर मतदान का समय अलग-अलग है। प्रथम चरण के 20 विधानसभा क्षेत्रों में से दस विधानसभा क्षेत्रों में सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक और दस विधानसभा क्षेत्रों में सवेरे 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा।
10 विधानसभा सीटों पर सुबह 8 से शाम 5 बजे तक मतदान
पंडरिया, कवर्धा, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, बस्तर, जगदलपुर और चित्रकोट विधानसभा क्षेत्रों में सवेरे आठ बजे से शाम पांच बजे तक मतदान होगा।
10 विधानसभा सीटों पर सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक मतदान
मोहला-मानपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा विधानसभा क्षेत्रों में सवेरे सात बजे से दोपहर तीन बजे तक वोट डाले जाएंगे।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव परिणाम- 2018
कांग्रेस-68
बीजेपी -15
जेसीसीजे-5
बसपा- 2
कुल वोटिंग- 76.45%
90 विधानसभा सीटों पर आरक्षण का गणित
छत्तीसगढ़ में विधानसभा सीटों की बात करें तो छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटें हैं, इसमें से 39 सीटें आरक्षित है, 29 अनुसूचित जनजाति (एसटी) और 10 अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं। 51 सीट सामान्य है। प्रदेश की कुल आबादी में 32 फीसदी आदिवासी वर्ग यानी की अनुसूचित जनजाति से है। 13 फीसदी आबादी एससी यानी की अनुसूचित जाति वर्ग से आती है और सबसे बड़ा जनाधार जो की 47 फीसदी है वह ओबीसी वर्ग से है।
साल 2018 में दो चरणों में हुआ था चुनाव
छत्तीसगढ़ राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराया गया था। इस चुनाव के लिए कुल 1,269 उम्मीदवार मैदान में थे। राज्य में प्रति निर्वाचन क्षेत्र में औसतन 14 प्रत्याशी मैदान में थे। मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 1,42,11,333 थी। इनमें से 71,36,626 पुरुष, 70,74,636 महिलाएं और 191 थर्ड जेंडर्स ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। पुरुषों के लिए मतदान 76.58%, महिलाओं के लिए 76.33% और कुल मतदान 76.45% रहा। पहले चरण का मतदान 12 नवंबर 2018 और दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर 2018 को हुआ था। छत्तीसगढ़ के चुनाव नतीजे 11 दिसंबर को आए थे। इसके बाद 68 सीटों के साथ कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी। भूपेश बघेल सीएम बनाए गए थे।
छत्तीसगढ़ की वर्तमान राजनीतिक स्थिति
इस बार के चुनाव में कांग्रेस के सामने सरकार बचाने की चुनौती रहेगी। वहीं भाजपा एक बार फिर राज्य की सत्ता में आने की कोशिश करेगी। भाजपा और कांग्रेस ने 90 सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। अन्य दलों की बातें करें आप आदमी पार्टी 57, बसपा 58, जेसीसीजे 84 और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी 46 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ के सियासी समीकरण की बात करें तो इस वक्त 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 71, भाजपा के 13, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के 3 और बसपा 2 विधायक हैं। वहीं एक सीट रिक्त है।
बसपा और जीपीपी का गठबंधन
इस बार के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठबंधन है। बसपा ने 58 और जीजीपी ने 32 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं।
जेसीसीजे का दो सीटों पर हमर राज पार्टी और जीपीपी को समर्थन
जेसीसीजे ने कुल 84 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। उसने गरियाबंद जिले के बिंद्रानवागढ़ सीट पर जीजीपी प्रत्याशी टीकम नागवंशी और बालोद जिले के डौंडीलाहारा सीट पर हमर राज पार्टी के गिरवर सिंह ठाकुर को समर्थन दिया है। यानी इन सीटों पर अपने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। जेसीसीजे ने विधानसभा चुनाव 2018 में कुल 16 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। बसपा गठबंधन के साथ कुल सात सीटें जीते थे। इसमें बसपा के दो और जेसीसीजे की पांच सीटें शामिल थीं।
इस बार किनके-किनके बीच कड़ा मुकाबला
माना जा रहा है कि इस बार 2023 के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी है। इसके अलावा आप, बसपा, जेसीसीजे जैसे दल भी अपनी दावेदारी को मजबूत बता रहे हैं।
पिछली बार कब हुए थे चुनाव?
साल 2018 में राज्य में दो चरणों मतदान कराए गए थे। पहले चरण का मतदान 12 नवंबर 2018 और दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर 2018 को हुआ था। छत्तीसगढ़ के चुनाव नतीजे 11 दिसंबर को आए थे। चुनाव नतीजे आए तो 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 68 और भाजपा को 15 सीटें मिली थीं। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने 5 सीटें जीते थीं और दो सीटें बसपा के खाते में गई थीं। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद हुए 5 उपचुनावों में से पांचों पर सत्ताधारी कांग्रेस ने जीत दर्ज की। इनमें से दो सीटें पहले से ही उसके पास थी जबकि पार्टी ने एक सीट भाजपा की तो दो सीटें जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की छीन लीं। इस तरह से राज्य में 15 साल बाद कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार बनी और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने।
वोट डालने के समय दिखाने होंगे ये पहचान पत्र
अगर आपका नाम मतदाता सूची में है और मतदाता पहचान पत्र नहीं है तो बिल्कुल घबराइए मत। आप मतदाता पहचान पत्र न होने के बावजूद मतदान कर सकते हैं। चुनाव आयोग द्वारा जारी की गई लिस्ट में शामिल आईडी में से कोई भी एक-दो आईडी आपके पास हो। चूंकि ये सामान्य बात है कि आज कल तमाम तरह की आईडी लोगों के पास होती है। ऐसे में आपके पास पासपोर्ट है, तो ये हर मर्ज की दवा है। मतदान केंद्र पर जाइए पासपोर्ट दिखाइए और मतदान करके सबसे बड़े त्योहार का हिस्सा बन जाइए। आप ड्राइविंग लाइसेंस का भी इस्तेमाल मतदान के दौरान कर सकते हैं। ड्राइविंग लाइसेंस आपकी पहचान स्थापित करता है, जिसकी वजह से मतदाता पहचान पत्र न होने के बावजूद आप अपना वोट डाल सकते हैं ।
मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल कब खत्म हो रहा है?
छत्तीसगढ़ विधानसभा का कार्यकाल 3 जनवरी 2024 को खत्म होगा। पिछला विधानसभा चुनाव नवंबर 2018 में हुआ था, जिसमें कांग्रेस ने जीत हासिल की थी और भूपेश बघेल राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।