गाजा में युद्ध विराम के मुद्दे पर US और अरब देशों में भिड़ंत
नई दिल्ली.
गाजा पट्टी में इजरायल की भीषण बमबारी से अब तक करीब 9500 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। इनमें अधिकांश बच्चे और महिलाएं हैं। वहां हताहतों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस बीच, गाजा पट्टी में युद्ध विराम पर बातचीत के लिए शनिवार को जॉर्डन की राजधानी अम्मान में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और अरब देशों के विदेश मंत्रियों के बीच एक बैठक हुई, जो बेनतीजा रही। इस बैठक में संयुक्त राज्य अमेरिका और अरब वर्ल्ड के सहयोगी देशों के बीच गहरे मतभेद बने रहे।
जॉर्डन के विदेश मंत्री द्वारा बुलाए गए शिखर सम्मेलन में अमेरिकी विदेश मंत्री के अलावा मिस्र, कतर, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब के शीर्ष राजनयिकों के साथ-साथ फिलिस्तीन मुक्ति संगठन (पीएलओ) के महासचिव भी शामिल हुए। शिखर सम्मेलन में, अरब नेताओं ने गाजा में तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया, लेकिन ब्लिंकन ने उसका यह कहते हुए विरोध किया कि गाजा पट्टी में युद्ध विराम से हमास को फिर से संगठित होने और इजरायल पर एक और हमला शुरू करने का समय मिल जाएगा।
इससे पहले जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफ़ादी और मिस्र के विदेश मंत्री समेह हसन शौकरी ने अमेरिका के उस तर्क को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया थै कि इजरायल को आत्मरक्षा का अधिकार है। सफ़ादी ने कहा, "हम यह स्वीकार नहीं करते कि यह आत्मरक्षा है। इसे किसी भी बहाने से उचित नहीं ठहराया जा सकता और इससे ना तो इज़रायल को सुरक्षा मिलेगी और ना ही क्षेत्र में शांति नहीं आएगी।"
मिस्र के विदेश मंत्री समेह शौकरी ने कहा, "इजरायल निर्दोष नागरिकों, चिकित्सा सुविधाओं और पैरामेडिक्स को निशाना बनाकर सामूहिक सजा दे रहा है। इसके अलावा फिलिस्तीनियों को अपनी भूमि छोड़ने और पलायन करने को मजबूर करने की कोशिश कर रहा है। इसी किसी भी सूरत में वैध आत्मरक्षा नहीं कहा जा सकता है और न ही वैध ठहराया जाना चाहिए। शिखर सम्मेलन के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन किनारे में खड़े रहे। उस संवाददाता सम्मेलन में भी जॉर्डन और मिस्र के विदेश मंत्रियों ने फिर से तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया और गाजा में इजरायली हमले की कड़ी निंदा की। तब, ब्लिंकन ने फिर से इजरायल से नागरिक हताहतों को रोकने के लिए "हर संभव उपाय करने" का आह्वान किया। ब्लिंकन ने शुक्रवार को भी तेल अवीव में इसी तरह का आह्वान किया था।
ब्लिंकन गाजा में नागरिकों की दुर्दशा को कम करने की कोशिशों में जुटे हैं। एक दिन पहले ही उन्होंने इजराइल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ भी बातचीत की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी बंधकों को रिहा नहीं किया जाता, तब तक कोई अस्थायी संघर्ष विराम नहीं हो सकता। इस बीच, गाजा में फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि शनिवार रात मध्य गाजा में मघाजी शरणार्थी शिविर पर इजरायली बमबारी में 30 से अधिक लोग मारे गए। हमास-शासित क्षेत्र के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, अब तक इज़रायल की बमबारी में कम से कम 9,488 फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं।