कांग्रेस में सिवाना सीट में उठे बगावत के सुर, कार्यकर्ताओं में नाराजगी
जयपुर.
कांग्रेस की चौथी सूची में बाड़मेर की चौहटन, शिव और सिवाना सीट से उम्मीदवारों के नाम की घोषणा हो चुकी है। इस सीट में कांग्रेस ने शिव से वर्तमान विधायक एवं पूर्व मंत्री अमीन खान पर लगातार 10वीं बार भरोसा जताते हुए टिकट दिया है तो चौहटन से भी वर्तमान विधायक पदमाराम मेघवाल पर लगातार चौथी बार दांव खेलकर उन्हें चुनावी मैदान में उतारा है। लेकिन कांग्रेस में सिवाना विधानसभा सीट से एक बार फिर नया प्रयोग करते हुए पिछली बार भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए कर्नल मानवेंद्र सिंह को टिकट दी है।
ऐसे में एक बार फिर सिवाना विधानसभा सीट से बगावत की स्थिति बनती हुई नजर आ रही है। सिवाना विधानसभा सीट से मानवेंद्र सिंह जसोल के नाम की घोषणा के साथ ही सुनील परिहार के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर जमकर नाराज की जताई है। समर्थकों की नाराजगी के बाद राजसिकों के पूर्व अध्यक्ष सुनील परिहार ने अपने सिवाना स्थित फार्म हाउस पर बुधवार सुबह 11 बजे कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें आगामी चुनाव को लेकर मंथन और उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने सहित आगामी रणनीति पर निर्णय हो सकता है।
सुनील परिहार सहित 2 दर्जन नेता कर रहे थे दावेदारी
सिवाना विधानसभा सीट से जोधपुर से कांग्रेस के दिग्गज नेता और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी राजसिको के पूर्व अध्यक्ष सुनील परिहार, 2018 में प्रत्याशी रहे पंकज प्रताप सिंह पूर्व विधायक गोपाराम मेघवाल पूर्व विधायक एवं जिला प्रमुख बालाराम चौधरी प्रधान मुकन सिंह राजपुरोहित पूर्व प्रधान गरिमा राजपुरोहित सहित करीब दो दर्जन से ज्यादा नेताओं ने दावेदारी की थी। इन नेताओं में टिकट की दौड़ में सबसे आगे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी सुनील परिहार लग रहे थे और बाकी दावेदार सिवाड़ा विधानसभा सीट से स्थानीय उम्मीदवार को टिकट देने की मांग कर रहे थे।लेकिन पार्टी ने एक बार फिर सिवाना विधानसभा सीट से नया प्रयोग करते हुए अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में वित्त विद विदेश एवं रक्षा मंत्री रहे और भाजपा के संस्थापक सदस्य रहे जसवंत सिंह जसोल के पुत्र और बाड़मेर जैसलमेर के पूर्व सांसद कर्नल मानवेंद्र सिंह के नाम की घोषणा कर सबको चौंका दिया। मानवेंद्र सिंह के नाम की घोषणा के बाद से ही सुनील परिहार के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर जमकर नाराजगी जताई। उसके बाद जब सुनील परिहार से इस बारे में बातचीत की उन्होंने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही है। अब देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस द्वारा मानवेंद्र सिंह पर खेले गए दांव में सिवाना विधानसभा सीट जीतने में कामयाब हो पाती है या एक बार फिर इस सीट पर भाजपा इस सीट को बचाने में सफल होगी।
2018 में भी बगावत से सीट हार चुकी है सीट,तीसरे नंबर पर रहे थे कांग्रेस प्रत्याशी
साल 2018 की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने स्थानीय दावेदारों की अनदेखी करते हुए जोधपुर के पंकज प्रताप सिंह को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा था। लेकिन कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने मिलकर कांग्रेस से ही जिला प्रमुख और पूर्व विधायक रहे बालाराम चौधरी को निर्दलीय मैदान में उतर कर पार्टी से बगावत कर दी थी, जिसके बाद भाजपा के हमीर सिंह घायल यह चुनाव जीतने में कामयाब रही और कांग्रेस का प्रत्याशी मात्र 18,000 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहा था। इस बार भी सिवाना में स्थानीय वर्सेस पैराशूट का मामला हावी होता हुआ नजर आ रहा है। क्योंकि कांग्रेस के स्थानीय नेता पहले ही बाहरी नेता को टिकट देने का विरोध कर चुके हैं।
शिव विधानसभा से कांग्रेस ने अमीन खान को दी टिकट
कांग्रेस की चौथी लिस्ट में विधानसभा शिव से अमीन खान को पार्टी ने प्रत्याशी घोषित किया है।अमीन खान शिव विधानसभा सीट से लगातार 10वीं बार टिकट हासिल करने में कामयाब रहे हैं। इन 10 चुनावों में अमीन खान हार कर पांच बार विधायक बने हैं तो चार चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। 1980 से लगातार अमीन खान एक जीत और एक बार हार कर सर्वाधिक पांच बार विधायकी अपने नाम कर चुके हैं। लेकिन इस बार अमीन खान के लिए राह आसान नहीं है, क्योंकि इस सीट से उनके ही समुदाय से कांग्रेस के जिला अध्यक्ष फतेह खान और अब्दुल हादी परिवार से शमा बानो टिकट की दावेदारी कर रहे थे।
अमीन खान को पहली बार टिकट पर मिली चुनौती
अमीन खान साल 1980 से शिव विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते आ रहे हैं। अमीन खान को पहली बार इस सीट से टिकट के लिए चुनौती मिली थी। बाड़मेर से लगातार 15 साल से कांग्रेस के जिला अध्यक्ष फतेह खान ने शिव विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी की थी और उनकी पैरवी पूर्व राजस्व मंत्री एवं पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी मजबूती के साथ कर रहे थे। हालांकि, शिव विधानसभा सीट से चौहटन के पूर्व विधायक और दिग्गज नेता रहे अब्दुल हादी की पुत्रवधू पूर्व राज्य मंत्री गफूर अहमद की पत्नी और धनाऊ प्रधान शमा बानो भी टिकट की रेस में थी। लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पैरवी के बाद एक बार फिर अमीन खान टिकट की रेस जितने में कामयाब हो गए।
फतेह खान के आवास पर जुटे समर्थक
कांग्रेस की लिस्ट जारी होने के साथ ही कांग्रेस जिला अध्यक्ष फतेह खान के आवास पर भारी संख्या में समर्थक जुटने शुरू हो गए और देर रात तक समर्थकों की भारी भीड़ उनके आवास पर डटी रही। लेकिन इस दौरान न तो फतेह खान और न ही उनके किसी समर्थक ने टिकट काटने और अमीन खान को टिकट दिए जाने पर कोई बयान जारी नहीं किया है। फतेह खान से इस बारे में बातचीत करने की भी कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने बातचीत करने से इनकार कर दिया। लेकिन सूत्रों की माने तो फतेह खान ने बुधवार सुबह कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है, उसी में आगामी चुनाव की रणनीति को लेकर निर्णय लिया जाएगा।