गरियाबंद जिले के अंतिम छोर में बसे देवभोग से कैंटपदर बॉर्डर तक पहुंच मार्ग जो पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा जिस प्रकार से रोड की स्थिति बनी हुई है। उससे ऐसा लगता है जैसे आने वाले दिनों में दुर्घटनाओं को न्योता दिया जा रहा है। देवभोग से कैंटपदर सीमा पर 9.8 किलोमीटर तक जो सड़क बनी हुई है ,वहां जगह-जगह अनेक गड्ढे बने हुए हैं और लोगों में आवागमन को लेकर काफी दिक्कतों का सामना पढ़ रहा हैं। सड़क की चौड़ाई कम होने के कारण जगह-जगह गड्ढे में पानी भरा हुआ है और गड्ढे इतने बड़े बड़े हैं कि लोग गड्ढे में बैठ जाएं तो दिखना मुश्किल है।रोड से संबंधित जानकारी पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी को स्थानीय निवासियों के द्वारा कई बार अवगत कराया गया पर किसी भी प्रकार का उनके द्वारा ध्यान नहीं दिया गया।जब इस विषय पर उच्चाधिकारियों से ग्रामीण मुलाकात करने जाते हैं तो अधिकारियों द्वारा यह आश्वासन दिया जाता है कि आज नहीं तो कल कर देंगे कहकर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं। यहां बताना लाजिमी होगा कि यह देवभोग से कैंटपदर जो रोड है, केवल ग्रामीणों के लिए नहीं अपितु यहां के व्यवसायियों का भी एक आवाजाही का केंद्र है ,जो उड़ीसा बॉर्डर को पार करते हुए व्यापारी रायपुर की ओर रुख करते हैं ,इस रोड के कारण नाना प्रकार के समस्याओं का सामना यहां के व्यापारियों को भी हो रहा है। जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढों में ट्रक कार एवं अन्य भारी वाहन फंस जाते हैं जिसके कारण छोटी गाड़ियों को भी पार करना काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।आप तस्वीरों में साफ तौर पर देख रहे हैं कि किस प्रकार की स्थिति सड़क की बनी हुई है लोग ना चाह कर भी जान जोखिम में डालकर इस रोड में आना-जाना करने को मजबूर हैं।इस रोड में जगह-जगह शासकीय स्कूल हैं जहां बच्चे आना-जाना करते रहते हैं और साइड देने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और आने वाले समय मे बड़ी दुर्घटना होने की संभावना भी बनी रहती है।यहां के ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधि आने वाले समय में जल्द से जल्द यदि सड़क की मरम्मत नहीं होती है तो उग्र आंदोलन करने को विवश हो जाएंगे।

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