बाढ़ से गोबर नवापारा के निचली बस्तियों में भरा पानी जनजीवन अस्तव्यस्त…

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बाढ़ से गोबरा नवापारा के निचली बस्तियों में भरा पानी जनजीवन अस्तव्यस्त

नगर पालिका की टीम कर रही है बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद -टीम बना कर कर रहे है रेस्क्यू

कृष्णा मेश्राम

नवापारा राजिम -पिछले हफ्ते भर के ताबड़तोड़ बारिश से गोबरा नवापारा शहर का जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है।

चारों तरफ पानी ही पानी भर चुका है। गंगरेल बाँध और सिकासेर डेम से हजारों क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।जिससे नवापारा सहित गोबरा नवापारा के निचली स्लम बस्तियों देवारपारा, इंद्रा मार्केट के आसपास के इलाकों में बाढ़ का पानी पूरी तरह से भर चुका है। जिसे नगर पालिका परिषद गोबरा नवापारा की टीम द्वारा रेस्क्यू कर व्यवस्थित किया जा रहा है ।बाढ़ से अनेक लोगों के घर डूब चुके हैं। बाढ़ की वजह से प्रभावित हुए लोगों को पालिका द्वारा उचित सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है जिसके लिए मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने 2 कर्मचारियों को नियुक्त किया है जो निचली बस्तियों में जाकर मौके का जायजा लेकर प्रभावित लोगों को उचित सुविधा मुहैया कराने में लगे हुए हैं

जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है।साथ ही सावन की झड़ी की जगह भादो की रुक रुक कर होने वाली बारिश से नदी का जलस्तर बढ़ा है । त्रिवेणी संगम के मध्य स्थित प्रसिद्ध पंचमुखी कुलेश्वरनाथ मंदिर पिछले 3 दिनों से हो रही रुक-रुककर बारिश से नदी में जल स्तर बढ़ने के कारण पानी से घिर गया है जिससे अब श्रद्धालुओं को आसानी से महादेव का दर्शन नहीं होंगे इसके लिए उन्हें इंतजार करने की जरूरत है क्योंकि लक्ष्मण झूला अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है काम चल ही रहा है और लोगों को इनके लोकार्पण का इंतजार है।

समय-समय पर राजिम तथा नवापारा शहर के लोग उद्घाटन का बेसब्री से इंतजार कर रहे है।उनकी मांग जनप्रतिनिधियों तक पहुंच भी रही है लेकिन कुछ छिटपुट काम के वजह से इन्हें अभी तक जनता को समर्पित नहीं किया गया है। यदि काम तेजी के साथ होते तो कब का यह बन गया होता और इनका लोकार्पण भी हो गया होता तथा वर्षा काल में आसानी से मंदिर में दर्शन कर पाते। बहुप्रतीक्षित मांग लक्ष्मण झूला को वर्षा काल से पहले शुरू कराने की हो रही थी इस संबंध में पर्यटकों ने शीघ्र से शुरू कराने की मांग भी किया था लेकिन काम पूर्ण नहीं होने के कारण इसे जनता को समर्पित नहीं किया गया। अब ऐसा लगता है कि इनका उद्घाटन वर्षा काल बीतने के बाद ही हो पाएगा। उल्लेखनीय है कि इस मंदिर के दर्शन करने के लिए देश-विदेश से लोग हमेशा आते रहते हैं एक बड़ी राशि खर्च कर पर्यटक राजिम पहुंचते हैं और यदि उन्हें बाबा कुलेश्वर नाथ का दर्शन नहीं होता है तो वह मायूस होकर लौटते हैं। जो सीधे तौर पर पर्यटन के क्षेत्र में राजस्व का नुकसान हैं।

लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं तो दूसरी ओर नदी, तालाबों में पानी भर रहा है इससे आम जनता के चेहरे पर खुशी की चमक स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है वैसे भी अभी तक संगम में बाढ़ का नजारा देखने को नहीं मिला है लोगों को बेसब्री से बाढ़ का दृश्य का इंतजार था।

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