भूपेश कैबिनेट का फैसला- बिजली कंपनी के कर्मचारियों को मिलेगा ओल्ड पेंशन का लाभ, बर्खास्त स्वास्थ्यकर्मी होंगे बहाल
रायपुर .
छत्तीसगढ़ की बिजली कंपनियों में एक अप्रैल, 2004 और इसके बाद नियुक्त लगभग 10 हजार कर्मियों के लिए नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन लागू की जाएगी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांकेर में आयोजित नगरीय निकाय एवं पंचायती राज महासम्मेलन में इस निर्णय की घोषणा की।छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का फैसला किया है। इसका फायदा उन कर्मचारियों को मिलेगा जो 1 जनवरी 2004 या इसके बाद नियुक्त हुए हैं।
कैबिनेट से मिली मंजूरी
बघेल सरकार के इस फैसले से पावर कंपनी के 10 हजार अधिकारी-कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। सीएम बघेल ने इसकी घोषणा शुक्रवार को कांकेर में आयोजित नगरीय निकाय एवं पंचायती राज महासम्मेलन में की थी। जिस पर कैबिनेट ने इसको मंजूरी दे दी है।
राज्य महुआ बोर्ड का गठन
रायपुर में सीएम हाउस में हुई कैबिनेट की बैठक में महुआ के संग्रहण, मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण और उपयोग को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य महुआ बोर्ड के गठन का फैसला भी हुआ है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में महुआ के वृक्ष अधिक संख्या में पाए जाते हैं। महुआ के फूल का पशु, पक्षी और इंसान भी उपयोग करते हैं, इसके बीज से तेल भी निकलता है तथा इसके फूल में औषधीय गुण होते हैं।
राज्य में महुआ की उपलब्धता, इसके उपयोग और वनक्षेत्र के समीप निवास करने वाले लोगों की आजीविका का मुख्य स्त्रोत होने से जरूरी था कि इसके विकास के लिए प्रयास किए जाएं। इसीलिए अलग से महुआ बोर्ड का गठन किया गया है।
कृषि महाविद्यालय का नाम बदला
बघेल ने इस महासम्मेलन में पुलिस उप निरीक्षकों के पदों पर पदोन्नति अब 33 फीसद से बढ़ाकर 40 फीसद करने की भी घोषणा की। इसके अलावा कृषि महाविद्यालय पखांजूर का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के नाम पर किए जाने की घोषणा की और हल्बी, गोंडी, सरगुजिहा, भतरा जैसी स्थानीय बोलियों में पढ़ाई के साथ-साथ अब इन भाषाओं में शिक्षकों की नियुक्ति करने की भी घोषणा मुख्यमंत्री ने की।