जिला-बेमेतरा में सौर सुजला योजनांतर्गत 720 कृषक सोलर पंप से हुये लाभान्वित…
जिला-बेमेतरा में सौर सुजला योजनांतर्गत 720 कृषक सोलर पंप से हुये लाभान्वित जिला बेमेतरा में छत्तीसगढ़ शासन की महत्वपूर्ण योजना सौर सुजला योजना के पंचम चरण तक 720 कृषक सोलर पंप से लाभान्वित हुये हैं। सौर सुजला योजना में कृषकों के यहां 02, 03 एवं 05 एच.पी. के सोलर पंप की स्थापना की जाती है।
सोलर पंप का उपयोग सिंचाई कार्य में किया जाता है। सोलर पंप सूर्य के प्रकाश में कार्य करता है, जिससे कृषकों को विद्युत देयक का वहन नहीं करना पड़ता है। सोलर पंप से कृषक आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ आर्थिक बचत व जीवन शैली उच्च स्तर का हो रहा है। जिला-बेमेतरा में वि.ख.-बेरला अंतर्गत ग्राम-खाल्हेदेवरी के कृषक श्री धनेश्वर साहू, वर्ष 2020-21 में सौर सुजला योजना का लाभ लेते हुये सोलर पंप स्थापित किया गया है, कृषक द्वारा बताया गया है कि सोलर पंप स्थापित होने के पूर्व बोरवेल में बिजली कनेक्शन नहीं था, इस कारण समुचित सिंचाई व्यवस्था नहीं हो पा रहा था, अब सोलर पंप स्थापित हो जाने से नियमित सिंचाई व्यवस्था सुलभ हो गया है, जिससे फसलों के पैदावार में वृद्वि हो रही है एवं आर्थिक लाभ भी प्राप्त हो रहा है। इसी प्रकार ग्राम-घोटमर्रा के श्रीमती निर्मला बाई पटेल द्वारा बताया गया कि अघोषित बिजली कटौती के कारण सिंचाई व्यवस्था नियमित नहीं हो पा रहा था एवं फसल खराब हो रहे थे, किन्तु सोलर पंप स्थापित हो जाने से सिंचाई व्यवस्था नियमित एवं बिजली कटौती से छुटकारा मिल गया है, सोलर पंप स्थापित होने से अब साल में रबी एवं खरीफ दोनों फसल आसानी से ले रहे हैं। साथ ही साथ सोलर पंप में शासन द्वारा 05 वर्ष की वारंटी दिये जाने से कृषक बहुत प्रसन्न एवं उत्साहित है, तथा कृषक छत्तीसगढ़ शासन को इस योजना के लिये बहुत धन्यवाद् देते हैं।
बेमेतरा जिले में कृषकों के यहां सोलर पंप स्थापित होने से नियमित सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो रही है, जिससे किसानों के आय एवं जीवनशैली में वृद्वि हो रही है। इस प्रकार सोलर पंप जिले के कृषकों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सकारात्मक भूमिका प्रदान कर रहा है।
सोलर पंप एक नवीकरणीय उर्जा का स्त्रोत है तथा सुर्य के प्रकाश से कार्य करता है, जिस कारण से सोलर पंप पर्यावरण के अनुकुल है, इससे पर्यावरण प्रदूशित नहीं होता है। छ.ग.शासन की सौर सुजला योजनांतर्गत कृषकों को सोलर पंप स्थापना हेतु 90 से 95 प्रतिशत तक अनुदान दिया गया है, प्रति संयंत्र की अनुमानित लागत 2.5 लाख से 4 लाख रुपये है जो कृषकों को अनुदान उपरांत मात्र 10,000 से 25000 रुपये तक वर्गवार (अनु.जा./अनु.ज.जा./अ.पि.वर्ग./सामान्य) वहन कराना पड़ता है। कृषकों के पास उपलब्ध जल स्त्रोत जैसे-नदी, नाला एवं बोरवेल हेतु सरफेस एवं सबमर्सिबल दोनों प्रकार के पंप उपलब्ध कराये गये हैं। सौर सुजला योजना के पॉचवे चरण तक जिले में कुल 720 कृषि पंप स्थापित हो चुके है। संवाददाता:- खेलन सोनवानी सर्वोच्च छत्तीसगढ़