धरती की तरफ बढ़ा हिमालय जितना धूमकेतु, क्यों वैज्ञानिक दे रहे चेतावनी

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लंदन

वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी कर कहा, ‘पृथ्वी की ओर एक “शैतान धूमकेतु” (Devil Comet) तेजी से बढ़ रहा है. सूर्य की तरफ आते हुए यह सूर्य की गर्मी के संपर्क में आने से रास्ते में विस्फोट हो गया है. इस घटना ने विज्ञान जगत में काफी चर्चा पैदा कर दिया है. यह आकार में माउंट एवरेस्ट से लगभग दोगुना है. इसमें बादलों के सींग हैं, जो इसे और भी खतरनाक बनाते हैं. हालांकि, घटना का अध्ययन कर रहे शोधकर्ताओं ने बताया है कि धूमकेतु बड़ा और असामान्य तो है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह पृथ्वी के लिए कोई खतरा पैदा कर सकता है.

इस धूमकेतु को वैज्ञानिक ने “12पी/पोंस-ब्रूक्स” नाम दिया है. यह पिछली बार 70 वर्ष से भी ज्यादा समय पहले पृथ्वी से दिखाई दिया था. धूमकेतु की चमक को देखते हुए, खगोलविदों ने अनुमान लगाया कि धूमकेतु के ठोस भाग या उसका केंद्र लगभग 12.4 मील चौड़ा है, जो माउंट एवरेस्ट के आकार से लगभग दोगुना है.

पहले यह जुलाई में फटा था और अब अक्टूबर में विस्फोट हुआ है। लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक इस क्रायोवोल्कैनिक धूमकेतु का नाम 2P/पोन्स-ब्रूक्स रखा गया है। इसका व्यास 18.6 मील का है और यह किसी एक बड़े शहर के आकार जितना है। इसके बारे में साइंटिस्ट्स का कहना है कि यह या फिर इसके टुकड़े धरती से नहीं टकराएंगे, लेकिन इसे लेकर फिर भी चेतावनी दी जा रही है। दरअसल इस धूमकेतु के टुकड़े जब धरती के नजदीक होंगे तो उन्हें नंगी आंखों से देखा जा सकेगा।

वैज्ञानिकों की मानें तो अगले साल 21 अप्रैल को यह पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा। तब इसे लोग देख सकेंगे। वैज्ञानिकों ने इसे धूमकेतु को 12पी/पोंस-ब्रूक्स नाम दिया गया है और इसे क्रायोवोल्केनिक धूमकेतु के रूप में क्लासीफाइड किया है। इसे ठंडे ज्वालामुखी धूमकेतु के तौर पर भी जाना जाता है। ब्रिटिश एस्ट्रोनॉमिकल एसोसिएशन ने ही इसके बारे में जानकारी दी है। उसके वैज्ञानिक इसे लेकर शोध कर रहे हैं। इन वैज्ञानिकों का कहना है कि ज्वालामुखी के विस्फोट के कारण धूमकेतु ने गैस और बर्फ का एक बड़ा बादल छोड़ा। दोनों विस्फोट के बाद धूमकेतु का आकार बदल गया। विस्फोट से 22 अरब पाउंड धूल और बर्फ निकली, जिससे सींग जैसा दिखाई देने लगा।

एरिजोना के फ्लैगस्टाफ में लोवेल ऑब्जर्वेटरी में P.HD के शोधकर्ता टेडी करेटा के अनुसार, आम तौर पर धूमकेतु 0.6 और 1.8 मील के बीच चौड़े होते हैं. करेटा ने इनसाइडर से बात करते हुए कहा,’हम जानते हैं कि यह बड़ा है…यह बाहरी है और यह दुर्लभ है.’ करेटा ने स्पष्ट किया कि धूमकेतु से कोई खतरा नहीं होगा क्योंकि पृथ्वी से लगभग डेढ़ खगोलीय इकाई दूर रहेगा. उन्होंने कहा कि इसका प्रकाश इतना तेज हो सकता है कि आप अपनी नग्न आंखों या दूरबीन से इसे देख सकेंगे.

धूमकेतु के “सींग” अंतरिक्ष में विस्फोटों की एक अजीब श्रृंखला में छोड़ी गई गैस और धूल से बने हैं, हालांकि ये वैज्ञानिकों के लिए पहेली बना हुआ है. करेटा के अनुसार यह एक ऐसा “विस्फोट” है, ‘जहां धूमकेतु अचानक से बहुत अधिक सक्रिय हो जाते हैं. ये थोड़े समय में अंतरिक्ष में टनों गैस और धूल फेंकते हैं.

100 गुना ज्यादा रोशनी फेंक रहा है

20 जुलाई को कई एस्ट्रोनॉमर्स ने इसमें विस्फोट देखा था. जो इसकी सामान्य रोशनी से 100 गुना ज्यादा थी. अंदर से निकलने वाली बर्फ के कणों से सूरज की रोशनी जब टकराती है तो ये और विशालकाय दिखता है. बर्फीले विस्फोट की वजह से इस आकार लगातार बदल रहा है, लेकिन जो तस्वीर सामने आई है, उसमें इसके दो सींग दिख रहे हैं.

हालांकि ये Star Wars के आइकोनिक स्पेसशिप Millennium Falcon की तरह दिख रहा है. जैसे-जैसे इसका आकार बढ़ता जाएगा, इसके पीछे की परछाई भी बढ़ती जाएगी. लेकिन ज्यादा बड़ा फैलाव धीरे-धीरे खत्म हो जाता है. क्योंकि गैस और बर्फ के कण सूरज की रोशनी में खत्म हो जाते हैं.

सूरज के चारों तरफ 71 साल में एक चक्कर

यह धूमकेतु सूरज के चारों तरफ एक चक्कर 71 साल में लगाता है. यानी अगली बार यह धूमकेतु फिर 71 साल बाद दिखाई देगा. यह धरती के बेहद नजदीक 21 अप्रैल 2024 से 2 जून 2024 के बीच रहेगा. आसमान साफ रहे तो यह रात में दिखाई देगा. यह अंतरिक्ष में घूमता हुआ बर्फीला ज्वालामुखी है.

इस धूमकेतु से बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट पिछले 12 सालों में 29P धूमकेतु में देखने को मिला था. जिसने अंतरिक्ष में 10 लाख टन क्रायोमैग्मा यानी बर्फीला पदार्थ छोड़ा था. ये घटना इस साल अप्रैल में ही घटी थी. इसे देखना मुश्किल था लेकिन अचानक बढ़ी इसकी रोशनी की वजह से ये पहचान में आया और वैज्ञानिकों ने इसे देखा.

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