संकुल समन्वयक कर रहे दोहरे दायित्व का निर्वहन…
संकुल समन्वयक कर रहे दोहरे दायित्व का निर्वहन राजिम- छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा बच्चों के शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार हेतु नई शिक्षा नीति के तहत अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैंl
इन कार्यों में एक महत्वपूर्ण सुधार है, संकुल व्यवस्था में परिवर्तन! छत्तीसगढ़ शासन समग्र शिक्षा रायपुर द्वारा पूर्व में संचालित संकुल व्यवस्था में परिवर्तन करते हुए शाला संकुल व्यवस्था लागू किया गया हैl इसके अंतर्गत जिला गरियाबंद के विकासखंड फिंगेश्वर में पुराने 13 संकुल केंद्रों के स्थान पर अब कुल 26 संकुल केंद्र अस्तित्व में आ गए हैंl जिसके लिए 26 नए संकुल समन्वयको की नियुक्ति की गई हैl शासन की गाइडलाइन व नई नियुक्ति नियम के अंतर्गत सभी समन्वयकों को सभी अकादमिक कार्यों को पूर्ण करने के साथ-साथ अपने मूल विद्यालय में तीन कालखंड अध्यापन कार्य करना अनिवार्य हैl
अध्यापन कार्य पूर्ण करने के पश्चात ही संकुल कार्य करना है l वर्तमान में लंबे समय पश्चात विद्यालयों में अध्यापन कार्य प्रारंभ होने के कारण संकुल केंद्रों में कार्यों का बोझ भी अत्यधिक बढ़ गया हैl फिर भी सभी 26 संकुल समन्वयक गण बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए ईमानदारी पूर्वक अध्यापन कार्य भी कर रहे हैंl
आप सबको विदित हो कि संकुल समन्वयकों के द्वारा अध्यापन कार्य के साथ-साथ विद्यालयों का अवलोकन, शिक्षकों की उपस्थिति, मध्यान्ह भोजन निरीक्षण, पुस्तक- गणवेश वितरण, शिक्षकों की बैठक एवं प्रशिक्षण, पालक उन्मुखीकरण कार्यक्रम, कोविड-19 टीकाकरण, समय पर डॉक संग्रह उच्च कार्यालयों को प्रेषित करना, विकासखंड एवं जिला स्तरीय मीटिंग एवं प्रशिक्षण में सम्मिलित होना, विद्यालयों की समस्याओं एवं आवश्यकताओं से उच्चाधिकारियों को अवगत कराना, बच्चों के उपलब्धि स्तर की जांच करना, शासन के एजेंडो को विद्यालयों में प्रसारित करना एवं उनका पालन सुनिश्चित कराना, आदि कार्य सम्मिलित हैl
इसके अतिरिक्त कई बार उच्च कार्यालय के द्वारा अर्जेंट डाक संग्रहण, विद्यालय समय में प्रशिक्षण एवं बैठक का आयोजन आदि किया जाता है जिसके कारण कभी -कभार विद्यालय में उपस्थिति देना संभव नहीं हो पाताl कुछ ऐसे भी समन्वयक है जो अपने मूल विद्यालय में प्रधान पाठक के पद पर कार्यरत हैंI इस प्रकार वे 3-3 जिम्मेदारियों का निर्वहन सफलतापूर्वक कर रहे हैंl यह सभी कार्य (अकादमीक एवं अध्यापन ) साथ -साथ चलना उतना सहज नहीं है, जितना समझा या सोचा जाता हैl फिर भी कुछ लोगो को लगता है की संकुल समन्वयक लोग मनमानी कर रहे हैँ जो सरासर बेमानी है जो जमीनी स्तर पर कार्य करते हैँ वही जानते है की अध्यापन और समन्वयकी कार्य के मध्य सामंजस्य स्थापित करना कितना चुनौती पूर्ण कार्य है, फिर भी विकासखंड फिंगेश्वर के सभी 26 संकुल समन्वयक गण इन कार्यों को चुनौती समझकर ईमानदारी पूर्वक अपना काम कर रहे हैंl
तथा अध्यापन कार्य को प्राथमिकता डे रहे हैंl इस कार्य में उन्हें उनके विद्यालयों के प्रधान पाठकों, संकुल प्रचार्यों,पालकों, जनप्रतिनिधियों एवं उच्च अधिकारियों का सहयोग व मार्गदर्शन भी प्राप्त हो रहा हैl इस प्रकार सभी संकुल समन्वयक विद्यालयों में शिक्षकों, पालको एवं अधिकारियों के मध्य समन्वय स्थापित किए हुए हैंl