BJP विधानसभा चुनाव की लड़ाई में नहीं है :कमलनाथ
भोपाल
मध्य प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा जुबानी हमला किया है. अपने बयान में कमलनाथ ने बीजेपी के चुनाव लड़ने को लेकर बड़ा दावा किया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कमलनाथ ने दावा किया कि एमपी में बीजेपी चुनाव की लड़ाई में नहीं है. उन्होंने लिखा- मप्र में भाजपा विधानसभा चुनाव की नहीं; अस्तित्त्व की लड़ाई लड़ रही है.
इससे पहले कमलनाथ ने दावा किया था कि इस चुनाव में बीजेपी न सिर्फ हारेगी बल्कि उसका बंटावार हो जाएगा. उन्होंने लिखा था- भाजपा केवल हार ही नहीं रही, बँटने भी जा रही है.
कमलनाथ ने बीते दिनों राज्य की शिवराज सिंह चौहान की सरकार पर भी आरोप लगाए थे. कमलनाथ ने कहा था – शिवराज ने अपने 18 वर्ष के कार्यकाल में किसान भाइयों पर अत्याचार करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है. मंदसौर में किसानों पर गोली चलाना, कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई किसान कर्ज माफी को बंद करना, किसान भाइयों को खाद, बीज और न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए परेशान करना और आमदनी दोगुनी करने का वादा करने के बाद किसानों की आमदनी घटा देना शिवराज सरकार की पहचान है.
कमलनाथ ने किया थे ये दावा
इतना ही नहीं कमलनाथ ने दावा किया था कि बीजेपी के समर्थक एक अलग तरह के मनोवैज्ञानिक दबाव में हैं. हर पाँच में से जब चार लोग कांग्रेस के आने की बात कर रहे हैं तो वो अपने को अकेला महसूस कर रहे हैं. उनके पास बीजेपी के ख़िलाफ़ पनप चुके अविश्वास को ख़त्म करने का कोई तर्क नहीं है. सच तो ये है कि महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोज़गारी से वो भी बेहद त्रस्त हैं, लेकिन फिर भी चुप हैं क्योंकि पहले वो बीजेपी के पक्ष में इतना बोल चुके हैं कि अब सोचते हैं कि किस मुँह से बीजेपी का विरोध करें. ये हताशा उन्हें निष्क्रिय बना चुकी है, जिसका उदाहरण है बीजेपी की सूनी सभाएं, रैलियां और यात्राएं.
उन्होंने कहा था कि इस बार के चुनाव में बीजेपी को सबसे बड़ा नुक़सान अपने ही समर्थकों से होने जा रहा है क्योंकि अब उन समर्थकों में बीजेपी के कुकृत्यों के लिए न तो ढाल बनने का साहस है, न घर से बाहर निकलकर वोट डालने और दूसरों को घर से निकालकर वोट डलवाने का.
कांग्रेस नेता ने कहा था कि वो देश-प्रदेश में बीजेपी की अलोकतांत्रिक छवि, झूठे राष्ट्रवाद, लूट-खसोट से बनायी जा रही सरकारों, भ्रष्ट लोगों के आत्मसातीकरण, सीधी कांड, महिला विरोधी कांडों, दलितों और आदिवासियों के साथ ही अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न, युवाओं व खिलाड़ियों से टकराव, मणिपुर की बेटियों के साथ हुए ऐतिहासिक दुर्व्यवहार व नाइंसाफ़ी जैसे अनगिनत सवालों पर अब जवाब नहीं दे पा रहे हैं. धीरे-धीरे उन्हें लगने लगा है कि बीजेपी विरोधी देश की अधिकांश जनता ही सही है. वो अब कुतर्क नहीं कर रहे हैं. बीजेपी के समर्थकों के गले से पार्टी का पट्टा वैसे ही उतर गया है, जैसे जनता की नज़र से बीजेपी.