एक दिवसीय हड़ताल के चलते गोबरा नवापारा के तहसील कार्यालय में लटका रहा ताला…
एक दिवसीय हड़ताल के चलते गोबरा नवापारा के तहसील कार्यालय में लटका रहा ताला –
किसानों को उठानी पड़ी भारी दिक्कतों का सामना -भीख नही हक मांग रहे” आंदोलनरत अधिकारी-कर्मचारियों की भूपेश सरकार को दोटूक कृष्णा मेश्राम नवापारा राजिम- 14 सूत्री मांगों को लेकर रायपुर जिले के समस्त तहसील उपतहसील अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय एवं जिला कलेक्टरेट के कर्मचारी और अधिकारी आज रायपुर से बूढ़ा तालाब में हड़ताल में शामिल हुए। हड़ताल के चलते गोबरा नवापारा तहसील कार्यालय में ताला लटका रहा है तहसील कार्यालय में ताला लटकने की वजह से आसपास के अंचलों के तहसील कार्यालय आये किसानों को आज शुक्रवार को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा ।तहसील कार्यालय आने वाले सभी किसानों एवं पक्षकारों को आज निराशा हाथ लगी।बताना लाजिमी होगा कि रायपुर जिले के अधिकारी-कर्मचारियों ने अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर आज रायपुर के बूढ़ातालाब में छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले एक दिवसीय हड़ताल में हिस्सा लिया।
हड़ताल में रायपुर जिले के तमाम के अधिकारी कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। इस दौरान सभी ने एक जुट होकर मांगे पूरी नही होने तक लड़ाई लड़ने पर सहमति जताई।गोबरा नवापारा तहसील कार्यालय सहित अभनपुर रायपुर के आंदोलनरत अधिकारी कर्मचारियों ने कहा कि वे अपने हक की लड़ाई लड़ रहे है। वे सरकार से भीख नही बल्कि अपना हक मांग रहे है। उनकी मांगे जायज है और जबतक सरकार उनकी मांगे पूरी नही करेगी वे तब तक इसके लिए संघर्ष करते रहेंगे।भुपेश सरकार पर आरोप लगाते हुए आंदोलनरत अधिकारी कर्मचारियों ने कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने उनकी मांगे पूरी करने का भरोसा दिलाया था। मगर सरकार बनने के बाद कांग्रेस अपना वादा भूल गयी।
उन्होंने कहा कि सरकार उनके खिलाफ वादा खिलाफी कर रही है।अपनी 14 सूत्रीय मांगों का जिक्र करते हुए अधिकारी कर्मचारियों ने बताया कि महंगाई भत्ता, नियमितीकरण, अनुकंपा नियुक्ति, कोरोना काल मे ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले अधिकारी कर्मचारियों के परिजनों को 50 लाख मुआवजा जैसी उनकी प्रमुख मांगे है जिनको लेकर वे सरकार से उन्हें पूरी करने की मांग कर रहे है। मगर सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नजर नही आ रही है।आंदोलनरत अधिकारी कर्मचारियों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि सरकार ने यदि उनकी मांगे नही मानी तो आने वाले दिनों में वे रणनीति बनाकर अनिश्चितकालीन हड़ताल और धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे।-
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