भारत सरकार ने हैंग ग्लाइडर ऑपरेशन के नियमों को काफी सख्त किया
नईदिल्ली
उस दिन हमास के आतंकी जमीन से नहीं बल्कि आसमान से इजरायल में कूदे थे। जी हां, 7 अक्टूबर को हैंग ग्लाइडर से हुए आतंकी हमले को देखते हुए भारत ने बड़ा फैसला लिया है। भारत सरकार की तरफ से DGCA ने हैंग ग्लाइडर ऑपरेशन के नियमों को काफी सख्त कर दिया है। DGCA ने 16 अक्टूबर को हैंग ग्लाइडर संबंधी नियमों को संशोधित किया। इसके तहत अब कोई भी व्यक्ति डीजीसीए से मान्यता प्राप्त परीक्षक/प्रशिक्षक से परमिशन मिले बिना ग्लाइडर नहीं उड़ा सकता है। जानें हमास की तरह के हमले से बचने के लिए भारत में क्या-क्या फैसला किया गया।
- संशोधित नियमों के मुताबिक परीक्षक/प्रशिक्षक वह व्यक्ति होगा जिसने पावर्ड हैंग ग्लाइडर पर 50 घंटे बिताए हों और ड्यूल मशीन पर कम से कम 10 घंटे काम किया हो।
- इस तरह के परीक्षक/प्रशिक्षक दूसरे व्यक्तियों की जांच करेंगे और उन्हें उड़ान भरने की स्वीकृति देंगे।
- डीजीसीए चीफ विक्रम देव दत्त की ओर से हैंग ग्लाइडर को बनाने, पंजीकरण और ऑपरेशन के लिए जारी संशोधित नियमों में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति पावर्ड हैंग ग्लाइडर पर तब तक नहीं उड़ेगा जब तक वह 25 घंटे के उड़ान अनुभव वाला कॉमर्शल लाइसेंसधारी पायलट हो या पावर्ड हैंग ग्लाइडर पर 50 घंटे की उड़ान के अनुभव के साथ उसे मान्यता मिली हो।
- वैसे इन ग्लाइडर्स को कौन ऑपरेट कर सकता है, ये बदलाव अब किए गए हैं लेकिन हैंग ग्लाइडर्स को लेकर सुरक्षा प्रोटोकॉल पहले से हैं।
- डीजीसीए के प्रमाण पत्र के बगैर ग्लाइडर को बेचा नहीं जाएगा।
- गृह मंत्रालय की तरफ से संभावित खरीदारों के सत्यापन के बाद डीजीसीए की तरफ से प्रमाण पत्र प्रदान दिया जाएगा।