प्रदेश कांग्रेस ने बागियों पर लगाया बड़ा दांव, कभी पार्टी से बगावत कर लड़ा चुनाव
भोपाल
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। उज्जैन जिले की 7 विधानसभा सीटों पर मुकाबले में भाजपा और कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी ने भी एंट्री मार दी है। इस वजह से प्रदेश में चुनाव रोचक होने की संभावना बन गई है। उज्जैन जिले में भाजपा ने 4 विधानसभा से अपने उम्मीदवार तय कर दिए हैं। इसके अलावा 3 विधानसभा सीटें उज्जैन उत्तर और बडनगर के साथ महिदपुर में प्रत्याशी तय होना बाकी है। इन सीटों पर प्रत्याशी घोषित करने को लेकर भाजपा कोर कमेटी में मंथन चल रहा है।
आम आदमी पार्टी ने भी जिले में अपना एक उम्मीदवार नागदा से घोषित किया है। वही कांग्रेस ने 5 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। कांग्रेस ने जिन 5 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है उसमे से चार कांग्रेस के खिलाफ पूर्व में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इसमें माया त्रिवेदी, दिलीप सिंह गुर्जर, महेश परमार, दिनेश जैन बोस, एक-एक बार चुनाव लड़ चुके है और पार्टी को नुकसान पंहुचा चुके हैं। इस बार कांग्रेस ने इन्ही पर भरोसा जताते हुए टिकट थमाया है।
उज्जैन जिले की 7 विधानसभा सीटों में उज्जैन दक्षिण, उज्जैन उत्तर, महिदपुर, बड़नगर, घट्टिया, नागदा खाचरोद और तराना हैं जहां कांग्रेस ने अपने 5 विधानसभा सीट पर प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। इधर उज्जैन दक्षिण और बड़नगर में प्रत्याशियों के नाम को लेकर मंथन चल रहा है। बड़नगर में विधायक मुरली मोरवाल, वीरेन्द्र सिसोदिया और उज्जैन दक्षिण से चेतन प्रेमनारायण यादव, राजेंद्र वशिष्ठ, अजीत सिंह के नामों पर चर्चा चल रही है।
उज्जैन उत्तर विधानसभा
उज्जैन उत्तर की कांग्रेस प्रत्याशी माया राजेश त्रिवेदी ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट ना मिलने से नाराज होकर कांग्रेस के उमीदवार राजेंद्र भारती के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा था। यह सीट काफी अंतर से भाजपा ने जीत ली थी। इस चुनाव में माया त्रिवेदी को तीसरा स्थान मिला था और उन्हें कांग्रेस ने पार्टी से निकाल दिया था। इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है।
घट्टिया विधानसभा
उज्जैन जिले की तराना विधानसभा से विधायक महेश परमार भी 2008 में कांग्रेस से बागी होकर घट्टिया विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं। हलाकि, इसके बाद साल 2018 में वो कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में तराना विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार बनाये गए और जीत हासिल की थी। इस के बाद उज्जैन महापौर के लिए वो चुनाव लड़े और मामूली मतों से महापौर बन गए। साल 2023 में तराना विधानसभा से उन्हें कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है।
नागदा विधानसभा
उज्जैन जिले की नागदा खाचरोद विधानसभा से 2023 में कांग्रेस प्रत्याशी दिलीप सिंह गुर्जर मैदान में हैं। साल दिलीप सिंह गुर्जर साल 2003 में कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़े थे और जीते थे। जीत के बाद वो दोबारा कांग्रेस में शामिल हुए और लगातार जीतते आ रहे हैं।
महिदपुर विधानसभा
उज्जैन जिले की महिदपुर विधानसभा से इस बार के कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश जैन बोस हैं। दिनेश बोस 2 बार कांग्रेस से बागी होकर 2013 और 2018 में चुनाव लड़ चुके हैं। हलाकि, दोनों बार वह दूसरे नंबर पर रहे और कांग्रेस 3 नंबर पर रही।
उज्जैन दक्षिण विधानसभा
उज्जैन जिले की दक्षिण विधानसभा में 2008 में कांग्रेस के योगेश शर्मा को टिकट मिला तो यंहा से राजेंद्र वशिष्ठ और जय सिंह दरबार ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और कोंग्रस की जमानत जब्त करा दी। साल 2013 में जयसिंह दरबार को टिकिट मिला तो वह चुनाव हार गए। इसके बाद साल 2018 में राजेंद्र वशिष्ठ को टिकट मिला तो जयसिंह दरबार फिर निर्दलीय मैदान में आ गये और कांग्रेस को हरा दिया।